नई दिल्ली। विदेशों से चंदा लेने के मामले में ओलंपिक पदक विजेता और विश्व विजेता मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम भी जांच के घेरे में आ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों को ताक पर रखकर मैरी कॉम के ट्रस्ट को विदेशी फंड मिला है। जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मैरी कॉम के फाउंडेशन समेत और 21 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के विदेशी फंड की जांच कराई है। इस बारे में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को संसद में बताया।
राज्यसभा सांसद मैरी कॉम की रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के अलावा भारत की आईटी इंडस्ट्री के शीर्ष निकाय नैसकॉम समेत 42 संगठनों की जांच की गई है। दरअसल जांच इसलिए कराई गई है कि कहीं इन संगठनों को विदेशी फंड लेने में इन्होंने कानूनों का उल्लंघन तो नहीं किया है।
गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने सदन को बताया कि मैरीकॉम की संस्था के अलावा 20 अन्य संगठनों की जांच की जा रही है। राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और एमनेस्टी इंटरनेशनल का नाम भी इस सूची में शामिल है। रिजिजू ने बताया कि केरल और अरुणाचल प्रदेश में सक्रिय 15 ईसाई एनजीओ और अन्य संगठनों के खातों का ऑडिट किया गया है। शुरुआती छानबीन भी की गई है, जिसके बाद इन संगठनों के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया।
रिजिजू ने एक प्रश्न पूछे जाने पर यह लिखित उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया समेत 21 अन्य संगठनों का ऑडिट और जांच पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इन संगठनों को विदेशी फंड मिला था और इनकी फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत जांच की गई थी।
आपको बता दें कि मैरी कॉम के फाउंडेशन की शुरुआत 2006 में हुई थी. इसे मैरी कॉम और उनके पति चलाते हैं. यह ट्रस्ट मणिपुर और पूर्वोत्तर के इलाकों में मुक्केबाजी को प्रोत्साहित करता है।