बीसीसीआई को देनी चाहिये एनओसी
अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर व क्रिकेट कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने उनसे सवाल पूछा कि क्या उन्हें विदेशी टी20 फ्रेंचाइजी लीग खेलने की अनुमति मिलेगी?
आकाश चोपड़ा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि,'मुझे लगता है कि उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि अगर वे रिटायर हो गए हैं और अगर वे भारतीय टीम के लिए चयन के लिए खुद को प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें जाने देने में कोई बुराई नहीं होनी चाहिए। इस कहानी के दो पक्ष हैं, एक कार्यभार प्रबंधन है। बीसीसीआई अपने अनुबंधित खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने के लिए नहीं जाने देता क्योंकि वे चोटिल होने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं और इस तरह वे उन्हें रहने के लिए पर्याप्त पैसे दे रहे हैं।'
विदेशी लीग में खेला तो आईपीएल से बाहर हो जायेंगे खिलाड़ी
उल्लेखनीय है कि आईपीएल में दुनिया की अन्य टी20 लीग के मुकाबले में सबसे ज्यादा पैसा मिलता है। ऐसे में अगर कोई भारतीय खिलाड़ी विदेशी लीग में खेलने की बात करता है तो वह आईपीएल में नहीं खेल सकता, साथ ही उसे भारतीय क्रिकेट से पूरी तरह से संन्यास का ऐलान करना होगा। बोर्ड के नियमों के अनुसार भी खिलाड़ी को संन्यास के बाद ही विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति होती है।
बोर्ड के इस पक्ष पर बात करते हुए चोपड़ा ने कहा, 'दूसरा पक्ष यह है कि बीसीसीआई अपने मार्की खिलाड़ियों को जाने नहीं देना चाहता है। क्योंकि अगर भारतीय मार्की खिलाड़ी अन्य लीग में खेलना शुरू कर देंगे तो आईपीएल की कोई नवीनता नहीं रह जाएगी। इसलिए मुझे लगता है कि धोनी और रैना को खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए। जरा सोचिए कि उन्हें खेलते हुए देखना कितना मजेदार होगा। मैं धोनी को विदेशी लीग में खेलते हुए नहीं देखता लेकिन सुरेश रैना सिर्फ 33 वर्ष के हैं और वह अधिक क्रिकेट खेलना चाहेंगे।'
पैसे नहीं बल्कि इस वजह से विदेशी लीग में खेलना चाहते हैं रैना
गौरतलब है कि सुरेश रैना ने महज 33 की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेकर हर किसी को चौका दिया। ऐसे में लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब वो वह विदेशी लीग खेलना चाहते हैं। इस बारे में बात करते हुए रैना ने आकाश चोपड़ा के साथ एक लाइव चैट में बात करते हुए अपने विचार साफ किये थे और बताया था कि पैसे के लिये नहीं बल्कि इस कारण से विदेशी लीग खेलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा था,'पैसे के लिए विदेशी लीग नहीं खेलना चाहते। जो पैसा हम आईपीएल में कमाते हैं, उतना हमें कहीं नहीं मिलता। अगर हम 10 साल तक विदेशी लीग खेलते हैं, तो भी हम इतना नहीं कमा पाएंगे। बात तब की है जब क्रिकेट आईपीएल खत्म हो चुका है, ऐसे खिलाड़ी जो अनुबंधित नहीं हैं उन्हें मौका दें। हम एक लीग या दो लीग खेलना चाहते हैं। हम सिर्फ खेलना चाहते हैं. क्योंकि अब रणजी ट्रॉफी का मानक अब उस गुणवत्ता का नहीं है।'