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एशेज सीरीजः जुबानी जंग के साथ-साथ शुरू होगा क्रिकेट का महायुद्ध, जानिए एशेज की दिलचस्प कहानी

ब्रिस्बेन। गुरुवार यानी 23 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट का महायुद्ध शुरू होने जा रहा है। क्रिकेट की दुनिया की दो प्रतिद्वंद्वियों-ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच गुरुवार को ब्रिस्बेन में खेला जाएगा। इंग्लैंड अपने धाकड़ ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के बिना ऑस्ट्रेलिया पहुंची है तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी चोट से परेशान हैं। ऐसे में एशेज सीरीज काफी मजेदार और रोचक होने वाली है। हर बार की तरह इस बार भी इन दोनों टीमों के बीच पिच पर बल्ले और गेंद की जंग के अलावा जुबानी जंग भी देखने को मिलेगी। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया से ही काफी बदनाम रही है।

स्मिथ ने दिया बड़ा बयान

स्मिथ ने दिया बड़ा बयान

एशेज सीरीज के पहले मैच से ठीक पहले हर कोई इंग्लैंड को मिचेल जॉनसन का 2013-14 का स्पेल याद दिला रहा है और इंग्लैंड को वो स्पेल याद कराकर डराने की कोशिश की जा रही है। कंगारू कप्तान स्टीव स्मिथ ने मैच से पहले कई बयान दिए हैं। उन्होंने कहा, "मैंने नेट्स में पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क का सामना किया है और मुझे इनका सामना करने में घबराहट हुई।" साफ है स्मिथ ने भी इशारों-इशारों में ये कहने की कोशिश की है कि इस बार टीम के पास एक नहीं बल्कि दो-दो जॉनसन हैं।

ऑस्ट्रेलिया की मुश्किलें बढ़ीं

ऑस्ट्रेलिया की मुश्किलें बढ़ीं

हालांकि एशेज सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। अभ्यास सत्र में डेविड वॉर्नर के गर्दन में चोट लगने के बाद अब शॉन मार्श भी चोटिल हो गए हैं। मार्श को पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर अभ्यास के दौरान पीठ में समस्या हो गई। इनके कवर खिलाड़ी के तौर पर ग्लैन मैक्सवेल को बुधवार को बुलाया गया। वह अब वॉर्नर और मार्श के विकल्प के तौर पर टीम में हैं।

क्या है एशेज सीरीज

क्या है एशेज सीरीज

एशेज की पटकथा 1882 में लिखी गई। जब ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई। पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को उसकी ही धरती पर हरा दिया। ऐसे में सभी का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। खासतौर पर इंग्लैंड की मीडिया ने इसे खूब बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। इसी समय लंदन से निकलने वाले अखबार स्पोर्टिंग टाइम्स के एक पत्रकार रेगिनाल्ड शिर्ले ने तो इंग्लिश क्रिकेट को ही श्रद्धांजलि दे दी।

ट्रॉफी में भरी है राख!

ट्रॉफी में भरी है राख!

द स्पोर्ट्स टाइम्स ने एक शोक संदेश छापा जिसमें लिखा था- "इंग्लिश क्रिकेट का देहान्त हो चुका है। तारीख 29 अगस्त 1882, ओवल और अब इनका अंतिम संस्कार के बाद राख (एशेज) ऑस्ट्रेलिया ले जाई जाएगी।" जब 1883 में इंग्लिश टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर रवाना हुई तो इसी लाइन को आगे बढ़ाते हुए इंग्लिश मीडिया ने एशेज वापस लाने की बात रखी ‘क्वेस्ट टु रिगेन एशेज।' बाद में विकेट की बेल्स को जलाकर जो राख बनी उसको ही राख रखने वाले बर्तन में डाल कर इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लिग को दिया गया। वहीं से परम्परा चली आई और आज भी एशेज की ट्रॉफी उसी राख वाले बर्तन को ही माना जाता है और उसी की एक बड़ी डुप्लीकेट ट्रॉफी बना कर दी जाती है।

एशेज के फैक्ट

एशेज के फैक्ट

इस सीरीज की शुरुआत 1882-83 में हुई थी। तब से अब तक 69 सीरीज हो चुकी हैं। ये 70वां संस्करण हैं। ये इस सरीज का अजब संयोग है कि इस सीरीज को अब तक दोनों ही टीमों ने बराबर बराबर जीता है। दोनों टीमें इसे 32- 32 बार जीत चुकी हैं। अब तक कुल 325 टेस्ट मैच एशेज सीरीज के अंतर्गत खेले जा चुके हैं। इनमें से 130 मैच ऑस्ट्रेलिया और 106 मैच इंग्लैंड ने जीते हैं।

Story first published: Wednesday, November 22, 2017, 18:44 [IST]
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