टेस्ट क्रिकेट में भी विश्वकप
टेस्ट क्रिकेट की विश्व चैंपियनशिप में हर वो टीम जो हिस्सा लेगी उसे छह मैच खेलने का मौका मिलेगा, जिसमें से तीन मैच उसे घरेलू मैदान में खेलने को मिलेंगे तो बाकी के तीन मैच विदेशी जमीन पर खेलना पड़ेगा, हर बार सीरीज कम से कम दो मैचों से लेकर पांच मैचों तक होगी, जिससे कि एशेज जैसी सीरीज पर इसका कोई असर नहीं पड़े।
खत्म होगी तमाम वनडे सीरीज
वहीं ओडीआई लीग की बात करें तो इसमे कुल शीर्ष 13 देश इसमे हिस्सा लेंगे, यह टूर्नामेंट 2020-21 में शुरू होगा, जोकि दो वर्ष तक चलकर 2023 के विश्व कप से पहले खत्म हो जाएगा। इसके बाद यह टूर्नामेंट हर तीन वर्ष के बाद होगा। हर टीम इस टूर्नामेंट 8 सीरीज में हिस्सा लेगी, सभी टीम तीन मैच खेलेंगी। ऐसे में लंबे समय तक चलने वाले वनडे सीरीज का दौर अब खत्म होने जा रहा है।
हर मैच विश्व कप का मैच होगा
आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने कहा कि तमाम सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिससे की भविष्य में क्रिकेट को और बेहतर किया जा सके। उन्होंने कहा कि मैं सभी सदस्य देशों का शुक्रिया अदा करता हूं जोकि आम सहमति पर पहुंचे, द्वीपक्षीय सीरीज नई चुनौती नहीं है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब सभी देश इस बड़े प्रस्ताव के साथ आए हैं और इसके लिए राजी हुए हैं। ऐसे में क्रिकेट प्रशंसक हर मैच को विश्वकप के मैच के तौर पर देखेंगे, जोकि टीमों के लिए विश्वकप में क्वालिफाई करने का रास्ता होगा।
चार दिनों का होगा टेस्ट
हालांकि टेस्ट मैच पांच दिवसीय होंगे, लेकिन आईसीसी ने इस प्रस्ताव को भी पास किया है जिसके अनुसार अब 2019 तक द्वीपक्षीय सीरीज चार दिनों तक के लिए खेली जाएगी। चार दिवसीय टेस्ट मैचों के लिए तमाम नियमों के साथ आईसीसी आने वाले समय में आगे आएगा। आईसीसी के चीफ एग्जेक्युटिव डेविड रिचर्डसन ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को बेहतर किया जाएगा और टेस्ट क्रिकेट को भी लोकप्रिय बनाया जाए, नई लीग में हर मैच पांच दिन का होगा।
बेहतर होगा क्रिकेट का प्रारूप
चार दिन का टेस्ट मैच उसी तरह से ट्रायल बेसिस पर खेला जाएगा, जैसे मौजूदा समय में ट्रायल बेसिस पर डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जा रहा है। चार दिवसीय टेस्ट मैच के लिए भी तमाम मौके उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे कि तमाम देश इस दौरान अपनी क्षमता को बेहतर कर सके। रिचर्डसन ने कहा कि यह अहम समय है जब आईसीसी बोर्ड ने इस स्तर का फैसला लिया है जोकि क्रिकेट को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाएगा। नए प्रारूप के बाद तमाम देश घरेलू क्रिकेट और फर्स्ट क्लास क्रिकेट को बेहतर तरीके से प्लान कर सकते हैं। हालांकि कुछ ऐसे सवाल अभी भी बाकी है जैसे भारत-पाकिस्तान के बीच द्वीपक्षीय सीरीज कैसे होगी।