मैंने आत्महत्या करने की भी सोच ली थी
कुलदीप ने ये भी बताया कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का भी मन बना लिया था। जी हां, दरअसल इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कुलदीप ने कहा, "मैंने यूपी की अंडर-15 टीम में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन जब मुझे इसके बावजूद टीम में नहीं चुना गया तो मैं बहुत परेशान हो गया था और यहां तक की मैंने आत्महत्या करने की भी सोच ली थी।"
जब टीम में मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ तो मैं अंदर से काफी टूट गया था
कुलदीप ने आगे बताया कि "जब टीम में मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ तो मैं अंदर से काफी टूट गया था। मैं हमेशा से भारतीय टीम के लिए खेलना चाहता था। मेरे पिता मुझे कोच के पास लेकर गए थे। मैं शुरुआत में तेज गेंदबाज बनना चाहता था लेकिन कोच ने मुझे स्पिन करने को कहा। मैं हमेशा से शेन वॉर्न का वीडियो देखा करता था। मैं देखता था कि वो गेंद को कैसे पकड़ते और फेंकते हैं। मैंने उनकी वीडियो से काफी कुछ सीखा। मुझे अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा है और खुद पर अच्छा करना का विश्वास है।"
शेन वार्न और वसीम अकरम के बहुत बड़े फैन हैं
कुलदीप यादव ने बताया कि वह स्कूल में बस मस्ती के लिए क्रिकेट खेला करते थे लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वह अपने खेल को आगे बढ़ाए। इसलिए उन्होंने कुलदीप को कोच के पास भेजना शुरू किया। कुलदीप एक फास्ट बॉलर बनने की ख्वाहिश रखते थे लेकिन उनके कोच ने उन्हें स्पिन पर फोकस करने को कहा। कुलदीप बताते हैं कि वो शेन वार्न और वसीम अकरम के बहुत बड़े फैन हैं।
विराट कोहली, एम एस धोनी से काफी समर्थन मिलता है
कुलदीप ने ये भी कहा कि उन्हें विराट कोहली, एम एस धोनी से काफी समर्थन मिलता है और दोनों ही खिलाड़ी मेरा बहुत साथ देते हैं।