जब अमेरिका में ट्रक चलाना चाहते थे भज्जी
5 बहनों में अकेले भाई हैं हरभजन सिंह, ऐसे में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक गेंदबाज के तौर पर नहीं बल्कि एक बल्लेबाज के तौर पर शुरू की थी। हालांकि उनके कोच चरनजीत भुल्लर की असमय मौत के बाद उन्होंने देविंदर अरोरा से ट्रेनिंग लेना शुरू किया और गेंदबाजी करना शुरू कर दिया। वहीं 1999 के दौर में हरभजन जब टीम इंडिया का हिस्सा थे तो वे अपने फॉर्म को लेकर जूझ रहे थे जिसके बीच में उनके मन में खयाल आया था कि वो अब क्रिकेट छोड़ देंगे और अमेरिका जाकर ट्रक चलाएंगे, लेकिन उनकी मां और बहनों ने विरोध किया तो वो फिर टीम में लौटे और शानदार वापसी की।
ये हैं कुछ खास रिकॉर्ड
हरभजन सिंह भारत की ओर से सबसे कम उम्र में 400 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वहीं क्रिकेट जगत में भी उनसे ऊपर सिर्फ एक नाम है और वो हैं श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन। मुथैया मुरलीधरन ने 29 वर्ष 273 दिन की उम्र में 400 विकेट पूरे किए थे और भज्जी ने यह कारनामा 31 वर्ष 4 दिन की उम्र में किया था। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले भज्जी पहले भारतीय गेंदबाज हैं। मार्च 2001 में भज्जी ने ईडन गार्डन्स मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक ली थी, जो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पहली हैट्रिक थी। भज्जी के बाद 2006 में इरफान पठान ने पाकिस्तान के खिलाफ कराची टेस्ट में हैट्रिक ली थी। वहीं तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी भज्जी के नाम ही है। उन्होंने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 32 विकेट झटके थे। ये रिकॉर्ड आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है।
बल्लेबाजी में भी किया है कमाल
भज्जी ने न सिर्फ गेंद से बल्कि कई मुकाबलों में बल्ले से भी अपना जलवा दिखाया है। भज्जी भारत की ओर से पहले ऐसे क्रिकेटर हैं, जिसने नंबर आठ पर बल्लेबाजी करते हुए बैक टू बैक टेस्ट सेंचुरी जड़ी हो। 2010 में भज्जी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद और हैदराबाद टेस्ट में क्रम से 115 और नॉटआउट 111 रनों की पारी खेली थी। ऐसे में भज्जी ने भारतीय टीम को कई शानदार मैच जिताए हैं और पूरी दुनिया में अपने प्रदर्शन का जलवा बिखेरा है।