हेमांग बदानी ने नेहरा के बारे में एक रोचक किस्सा अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया
नेहरा से जुड़ा एक दिलचस्प अनुभव पूर्व अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेटर हेमांग बदानी ने भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। भारत के पूर्व क्रिकेटर हेमांग बदानी ने नेहरा के बारे में एक रोचक किस्सा अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। बदानी ने बताया है कि पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच के दौरान कैसे तब के कप्तान सौरव गांगुली को आशीष नेहरा ने कहा था कि ‘डरो मत दादा।'
आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 9 रनों की जरूरत थी
इस वीडियो में बदानी 2004 के पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे के पहले मैच का अनुभव साझा किया है। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने सहवाग (78) और द्रविड़ (99) की धमाकेदार पारियों की मदद से 349 का विशाल लक्ष्य रखा। जवाब में पाकिस्तान, इंजामाम (122) और युसूफ (73) की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच गया। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 9 रनों की जरूरत थी।
आखिरी ओवर में 9 रन बचाना वो भी मोईन खान जैसा खतरनाक बल्लेबाज से
बदानी ने अपनी वीडियो में इसी मैच का जिक्र किया है। उस समय पूरी टीम परेशान हो गई थी कि आखिरी ओवर किसे फेंकने के लिए दिया जाए। आखिरी ओवर में 9 रन बचाना, वो भी उस समय जब सामने मोईन खान जैसा खतरनाक बल्लेबाज हो, बेहद मुश्किल लग रहा था।
दादा, मैं डालता हूं, आप डरो मत, मैं मैच जिताकर दूंगा
ऐसे समय में आशीष नेहरा सामने आए। उस समय नेहरा फाइन लेग पर फील्डिंग कर रहे थे। वे दौड़कर सौरव गांगुली के पास आए और कहा, ‘दादा, मैं डालता हूं, आप डरो मत, मैं मैच जिताकर दूंगा।' गांगुली ने नेहरा पर विश्वास करके उन्हें गेंद थमा दी। नेहरा ने अपने कप्तान के भरोसे को टूटने नहीं दिया। उन्होंने ओवर में सिर्फ 3 रन खर्चे और आखिरी गेंद पर मोईन खान को आउट भी कर दिया।
नेहरा अपने पूरे करियर में चोटों से जूझते रहें, फिर भी
बदानी ने अपने वीडियो में नेहरा की काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि नेहरा अपने पूरे करियर में चोटों से जूझते रहें, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके पास लड़ने की क्षमता और बड़ा दिल है। बदानी ने अपने वीडियो के माध्यम से नेहरा को आगे के जीवन के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी।