जीत के हीरो बने थे अजहरुद्दीन
यह मैच 29 जनवरी और 2 फरवरी, 1993 के बीच खेला गया था। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने महज 93 रन पर 3 महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए। उनमें मनोज प्रभाकर, नवजोत सिंह सिद्धू और विनोद कांबली शामिल थे। इसलिए, जिम्मेदारी तत्कालीन कप्तान अजहरुद्दीन के कंधों पर थी। अजहरुद्दीन ने भी टीम की स्थिति को देखते हुए आतिशी के साथ खेल खेला। उन्होंने 197 गेंदों पर एक छक्के और 12 चौकों की मदद से 182 रन बनाए। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी अजहरुद्दीन के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की थी।
मजबूरन इंग्लैंड को फॉलोऑन खेलना पड़ा
अजहरुद्दीन के अर्धशतक ने भारत को इंग्लैंड पर 372 रनों की पहली पारी जीतने में मदद की। जवाब में, इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज तब तक भारतीय गेंदबाजों के सामने नहीं टिक पाया, जब तक उन्होंने अर्धशतक नहीं बनाया। परिणामस्वरूप, इंग्लैंड की पहली पारी महज 163 रनों पर समाप्त हो गई। इसलिए भारत ने इंग्लैंड को दूसरी पारी में फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर किया। दूसरी पारी में 82 रन की मामूली बढ़त लेने के लिए इंग्लैंड 286 रन पर था। भारतीय बल्लेबाजों ने 2 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य पूरा किया और मैच को 8 विकेट से जीत लिया। मैच में अजहरुद्दीन का अर्धशतक बेहतरीन रहा। उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।
फरवरी में भारत-इंग्लैंड का टकराव
इंग्लैंड का भारत दौरा फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू होगा। दोनों टीमें 4 टेस्ट, 5 टी 20 और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलेंगी। यह दौरा चेन्नई में पहले टेस्ट के साथ ही समाप्त हो जाएगा। मेजबान भारत और जीत की ओर इंग्लैंड का दौरा करने के साथ, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जाएगा। क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह टेस्ट सीरीज काफी दिलचस्प होने वाली है।