नई दिल्ली। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने टेस्ट दौरे का आगाज 6 सितंबर से शुरू कर देगी। इस हाईप्रोफाइल सीरीज में भारत की नजरे 70 साल का सूखा खत्म करने पर जमी हैं। इस समय दुनिया के मौजूदा नंबर एक बल्लेबाज और भारतीय कप्तान विराट कोहली के लिए यह सीरीज जीतने का एक सुनहरा मौका है।
भारत ने अब तक कंगारू जमीन पर 44 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उसको केवल पांच बार ही जीत नसीब हुई है। इसमें से दो जीत भी 1977-78 के दौरे पर मिली थी। तब कैरी पैकर विश्व सीरीज के कारण ऑस्ट्रेलिया की दोयम दर्जे की टीम भारत के सामने उतरी थी। इसके बावजूद भी भारत ये सीरीज हार गया था। जबकि अब तक केवल दो बार ही भारत सीरीज ड्रा करवाने में कामयाब रहा है। एक सुनील गावस्कर की कप्तानी में 1980-81 में और दूसरा सौरव गांगुली के नेतृत्व में 2003-04 में ऐसा हुआ। इसके अलावा भारत को हार ही नसीब हुई।
भारत की टीम
विराट कोहली एक बार फिर से भारतीय बल्लेबाजी की धुरी होंगे। पिछले दौरे पर चार टेस्ट मैचों में 692 रन बनाने इस नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज से टीम की उम्मीदें फिर से आसमान सरीखी हैं। वैसे ये मैदान भी कोहली के लिए बहुत लकी रहा है। भारतीय कप्तान इस मैदान पर 98.50 की औसत के साथ तीन शतक जड़ चुके हैं।
भारत अपने अंतिम 12 खिलाड़ियों की सूची जारी कर चुका है। अच्छी बात यह है कि खराब फार्म से जूझ रहे ओपनर मुरली विजय और लोकेश राहुल ने ऑस्ट्रेलिया एकादश के खिलाफ दूसरी पारी में बढ़िया बल्लेबाजी कर फार्म में आने के संकेत दे दिए हैं। 12 खिलाड़ियों में कुल तीन तेज गेंदबाज हैं, जबकी आर अश्विन के रूप में एक ही स्पिनर को जगह मिली है। अंतिम ग्यारह के चयन में छठे नंबर पर रोहित शर्मा या हनुमा विहारी में से एक को चुने जाने की उम्मीद है।
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भारत के सामने बड़ी चुनौती कंगारू पेस अटैक का सामना करना ही होगा। जोश हैजलवुड, मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस की तेजी और विकेट से मिलने वाली उछाल को अगर भारतीय बल्लेबाज अच्छे से पढ़ पाए तो भारत की गेंदबाजी का काम काफी आसान हो जाएगा। तेज गेंदबाजी की अगुवाई अनुभवी इशांत शर्मा करेंगे। जबकी मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह अपनी गति और विविधता से कंगारू बल्लेबाजों का अच्छा इम्तिहान लेंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है। हालांकि आर अश्विन के सामने ऑस्ट्रेलिया में अपने पिछले रिकॉर्ड को सुधारने की चुनौती होगी।
ऑस्ट्रेलिया की टीम
स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर जैसे दिग्गजों के ना रहने के कारण इसको ऑस्ट्रेलिया की अब तक की कमजोर टीमों में गिना जा रहा है। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कंगारूओं को अपनी जमीन पर खेलने का फायदा मिलेगा। कंगारूओं ने खराब फार्म से जूझ रहे ऑलराउंडर मिशेल मार्श को टीम में जगह नहीं दी है। जबकि मार्क्स हैरिस को बतौर सलामी बल्लेबाज टीम में शामिल किया गया है। कंगारू ओपनिंग जोड़ी की जिम्मेदारी हैरिस के अलावा ऐरान फिंच पर टिकी है।
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उसके बाद उस्मान ख्वाजा, शॉन मार्श, हैंड्कॉम्ब और और ट्रैंविस हेड बल्लेबाजी करने आएंगे। वहीं, गेंदबाजी एक बार फिर से कंगारूओं की ताकत के रूप में देखी जा रही है। ऐसे में मिशेल स्टार्क की अगुवाई में जोश हेजलवुड, पैट कमिंस की पेस तिकड़ी के सामने मजबूत भारतीय बल्लेबाजी क्रम से निपटने की चुनौती होगी। इसके अलावा नाथन लियोन मिलकर इस अटैक को बढ़िया संतुलन देते हैं।
टीमें इस प्रकार हैं-
भारत- विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, आर अश्विन, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह
ऑस्ट्रेलिया- मार्क्स हैरिस, एरॉन फिंच, उस्मान ख्वाजा, शॉन मार्श, ट्रैविस हेड, पीटर हैंड्सकॉम्ब, टिम पेन, जोश हैजलवुड, पैट कमिंस, नैथन लिय़ोन और मिचेल स्टार्क