
ट्विटर पर माइकल वॉन से भिड़े मार्क वॉ
दरअसल इस मैच में स्टीव स्मिथ (Steve Smith) आखिरी दिन के पहले सेशन में लिये गये ड्रिंक्स ब्रेक्स के दौरान ऋषभ पंत के क्रीज पर लगाए गए निशान ( बल्लेबाजी गार्ड) मिटाते हुए नजर आये थे, जिसके बाद खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों ने स्मिथ (Steve Smith) को बॉल टैंपरिंग विवाद से सीख नहीं लेने की बात कहते हुए पिच से छेड़छाड़ करने के लिये कड़ी आलोचना की।
जहां इस मुद्दे पर स्मिथ (Steve Smith) ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा सिर्फ चीजों को समझने और अभ्यास के लिये किया था तो वहीं पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन (Michael Vaughan) और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मार्क वॉ (Mark Waugh) इस मामले पर एक दूसरे से भिड़ते नजर आये।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह ट्विटर बैंटर तब शुरू हुआ जब माइकल वॉन (Michael Vaughan) ने इस मामले को लेकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आईसीसी के आधिकारिक नियमों के स्क्रीन शॉट शेयर किये और कहा कि स्मिथ (Steve Smith) की इस हरकत ने काफी बड़ी बहज को जन्म दे दिया है।
वॉन (Michael Vaughan) ने लिखा, 'स्टीव स्मिथ (Steve Smith) की इस हरकत ने एक बड़े मुद्दे पर बहस को जन्म दे दिया है। मैं इसे उनकी ओर से की गई एक बेवकूफाना हरकत मानता हूं, लेकिन इसे चीटिंग नहीं कहा जा सकता। मेरा मानना है कि मैं और आप क्या सोचते हैं इन सबसे ऊपर आईसीसी के नियम हैं जो कि खेल को सुचारू रूप से चलाने का काम करते हैं।'

वायरल हो रही है दोनों की चैट
वहीं माइकल वॉन (Michael Vaughan) की इस पोस्ट पर मार्क वॉ (Mark Waugh) ने कमेंट करते हुए लिखा कि मुझे लगता है कि वॉन (Michael Vaughan) अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं। माॉर्डन डे क्रिकेट में कैसे कोई जानबूझकर इतना समय खराब कर सकता है, मैं इसको लेकर चिंतित हूं।
वहीं वॉ (Mark Waugh) के इस बयान पर वॉन (Michael Vaughan) ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई और लिखा कि मुझे लगता है जूनियर को पढ़ने में दिक्कत हो रही है। मैंने साफ-साफ लिखा है कि यह बेवकूफाना हरकत थी न की कोई बेईमानी, लेकिन नियम सबके लिये बराबर हैं, ऐसे में यह देखना होगा कि क्या स्मिथ (Steve Smith) इसे ब्रिस्बेन में भी जारी रखते हैं।

जानें क्या कहता है आईसीसी की नियम
आपको बता दें कि आईसीसी के नियमों के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर पिच के साथ छेड़छाड़ या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो मैदानी अंपायर इस बात का फैसला करेगा कि उसे मैदान पर होना चाहिये या नहीं। वहीं पहली बार जब यह गलती होती है तो अंपायर खिलाड़ी को चेतावनी देकर साथी अंपायर को जानकारी देता है वहीं जब फिर यह गलती है तो गेंद को डेड बॉल करार देकर खिलाड़ी को बाहर कर देते हैं।