शॉ के लिये अहम होने वाला है श्रीलंका दौरा
यह ऐसे खिलाड़ी हैं जो कि भारत और श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीरीज के लगभग हर मैच में खेलते नजर आयेंगे। इस दौरान पिछले कुछ समय से शानदार फॉर्म में चल रहे पृथ्वी शॉ का नाम इन दिनों काफी चर्चा में है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में फ्लॉप प्रदर्शन के बाद शॉ को टीम से ड्रॉप कर दिया गया था लेकिन इसके बाद शॉ ने विजय हजारे ट्रॉफी में रनों का अंबार लगाते हुए रिकॉर्ड 827 रन बनाये, जिसमें एक दोहरा शतक समेत 4 सेंचुरी शामिल रही। शॉ ने अपनी इस फॉर्म को आईपीएल 2021 में भी जारी रखा और दिल्ली के लिये पहले 8 मैचों में अब तक 308 रन बना चुके हैं।
ऐसे में भारतीय टीम के कई दिग्गजों को मानना है कि श्रीलंका के खिलाफ भी उनका बल्ला जमकर हल्ला बोलेगा और वो रनों का अंबार लगाने वाले हैं। हालांकि भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच अंशुमान गायकवाड़ ने शॉ को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है जिससे इस सलामी बल्लेबाज के एटिट्यूड पर भी सवाल उठ रहे हैं।
घमंड के चलते शॉ ने देखा करियर में डाउनफॉल
अंशुमान गायकवाड़ ने श्रीलंका दौरे को शॉ के लिये काफी अहम बताते हुए कहा कि अगर वो इस सीरीज में सफल साबित होते हैं तो उन्हें हवा में उड़ने से बचना होगा और यह निश्चित करना होगा कि उनके पैर जमीन पर ही रहें।
उन्होंने कहा, 'पृथ्वी शॉ बेहद शानदार और टैलेंटेड खिलाड़ी हैं जिन्होंने घरेलू स्तर पर ढेरों रन बनाकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। हालांकि जब उन्होंने डेब्यू किया तो लगा कि वो शायद लंबी रेस का घोड़ा साबित होंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मेरा मानना है कि शॉ को यह सब उनके ओवर कॉन्फिडेंस या फिर घमंड के चलते झेलना पड़ा। यह वो चीजें हैं जो किसी भी खिलाड़ी का करियर नीचे ले जाती हैं। ऐसे में खिलाड़ी को जमीन से जुड़ा होना चाहिये, यह उनके लिये बेहद जरूरी है।'
शास्त्री ने बताया था लारा, तेंदुलकर, सहवाग का मिश्रण
गायकवाड़ ने आगे बात करते हुए कहा कि मुझे पता है कि जब आप युवा होते हैं तो आपके साथ यह होने के चांसेज बढ़ जाते हैं और यही पृथ्वी शॉ के साथ भी हुआ। कुछ खिलाड़ी दूसरों से सीखते हैं तो कुछ अपने अनुभव से और मुझे लगता है कि उन्हें अपना सबक मिल चुका है। गौरतलब है कि जब साल 2018 में पृथ्वी शॉ ने भारत के लिये डेब्यू किया था तो हेड कोच रवि शास्त्री ने उन्हें क्रिकेट के महान खिलाड़ी ब्रायन लारा, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग का मिक्स टैलेंट बताया था।
आपको बता दें कि शास्त्री के इस बयान के बाद शॉ का करियर लगातार ऊपर नीचे होता रहा। 2019 में हुए डोप टेस्ट में फेल होने के बाद शॉ पर 8 महीने का बैन लगा और फिर कंधे की चोट ने फॉर्म भी छीन ली। 2020 में न तो वो न्यूजीलैंड दौरे पर कुछ खास कमाल कर पाये और न ही आईपीएल में रन बना सके। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में बोल्ड होने के बाद उन्हें ड्रॉप कर दिया गया, जिसके बाद शॉ ने मुंबई के कोच प्रवीण आमरे के साथ मिलकर कड़ी मेहनत की और शानदार फॉर्म लेकर वापस लौटे।