नई दिल्ली। जब भी कोई युवा खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अविश्वसनीय प्रदर्शन करता है तो सबसे पहले उसकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाती है। साल 2013 में सचिन द्वारा उनके करियर का अंतिम टेस्ट खेलने के सिर्फ 4 दिन बाद मुंबई के पृथ्वी शॉ ने अपनी एक पारी से मीडिया में खूब सुर्खियों बटोरी थीं। उन्होंने तब 14 साल की उम्र में हैरिस शील्ड एलीट डिविजन मैच में 546 रन की विशालकाय पारी खेली थी। यह मुंबई स्कूली क्रिकेट के पिछले 112 साल में सबसे बड़ा स्कोर था। अब 4 साल बाद यही पृथ्वी शॉ अगले महीने 13 जनवरी से शुरू हो रहे अंडर-19 विश्वकप में भारत की कप्तानी करते नजर आएंगे।
सचिन के कई रिकॉर्ड की कर चुके हैं बराबरी
पृथ्वी ने पिछले घरेलू सीजन में अपने पहले रणजी मैच में ही शतक जड़ था जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का ख़िताब मिला। इसके बाद उन्होंने दलीप ट्राफी के भी पहले मैच में शतक बना डाला और सचिन के बाद ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज बने। इस साल भी उन्होंने रणजी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए लगभग 50 की औसत से 537 रन बनाए हैं। अक्टूबर 2017 में भारत आई न्यूज़ीलैंड की सीनियर टीम के खिलाफ शॉ ने इंडिया-ए की ओर से खेलते हुए अर्द्धशतक जमाया था। उनकी बल्लेबाजी देखकर तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने उन्हें भविष्य का सितारा करार दिया था।
आईपीएल नीलामी में रहगी नजर
पृथ्वी शॉ ने अभी तक आईपीएल में डेब्यू नहीं किया है। आईपीएल-2018 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी अगले साल 27 और 28 जनवरी को होने वाली है। इस नीलामी में कई टीमों की नजर शॉ को शामिल करने पर होगी। अगर शॉ अंडर-19 विश्वकप में भी अपने काबिलियत के अनुसार प्रदर्शन कर पाते हैं तो उनपर पैसों की बारिश होना तय है।
कोहली ने दिया टीम को संदेश
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी अंडर-19 से सफलता पाकर अब विश्व क्रिकेट में नाम कमा रहे हैं। कोहली ने हाल ही में आईसीसी की मीडिया विज्ञप्ति में कहा,"आईसीसी अंडर-19 विश्व कप मेरे करियर की बहुत ही अहम उपलब्धि रही। इससे हमें अच्छा मंच बनाने और वहां से अपना करियर बनाने में मदद मिली। इसलिए मेरे दिमाग और दिल में इसका काफी अहम स्थान है। यह समझना काफी अहम है कि यह मौका आपको क्या चीज मुहैया कराता है। अगर यह कहा जाए कि अंडर-19 विश्व कप किसी भी क्रिकेटर के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर को परवान चढ़ाने का सबसे बड़ा मंच है, तो गलत नहीं होगा।"
ध्यान दिला दें कि विराट कोहली ने भारतीय अंडर-19 टीम की अगुवाई करते हुए 2008 में खिताब दिलाया था। उम्मीद है कि विराट का यह बयान पृथ्वी शॉ और उनके साथी खिलाड़ियों के लिए बड़ी प्रेरणा साबित होगा।