वास्तविक इतिहास समझना है जरूरी
वह यह भी समझते हैं कि यह रातोंरात होने वाला नहीं है, लेकिन चीजें केवल दृष्टिकोण में बदलाव के साथ बदलना शुरू कर देंगी। उन्होंने कहा कि एक बार जब आप समझ जाते हैं कि वास्तविक इतिहास क्या है, तो मुझे लगता है कि आपको बहुत से रवैये में बदलाव देखने को मिलेगा। हम सभी को अपने देश से प्यार करना सिखाया जाता है। लेकिन कभी-कभी हम उस आँख बंद करके अनुसरण करते हैं, और यह हमें अन्य संस्कृतियों, अन्य देशों, अन्य लोगों, अन्य जातियों, अन्य धर्मों की सराहना करने से रोकता है।
नस्लवाद केवल त्वचा के रंग तक सीमित नहीं
संगकारा ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा, "तो अपने आप को शिक्षित करें, अपने दिमाग को खोलें, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण रूप से अपनी आँखें खोलें, क्योंकि उस बदलाव के बिना ऐसा नहीं होगा और रात भर होने वाला नहीं है।" कुमार संगकारा ने आगे बताया कि नस्लवाद केवल त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके कई रूप हैं और बच्चों को सही प्रकार की शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। "त्वचा का रंग भेदभाव का एकमात्र आधार नहीं है। जातिवाद और भेदभाव के विभिन्न तरीके हैं। कुछ ऐतिहासिक और कुछ निश्चित संदर्भ में, त्वचा का रंग भेदभाव का एकमात्र आधार नहीं है।
बच्चों को इतिहास पढ़ाना है जरूरी
उन्होंने आगे कहा, ''अगर आप दुनिया में नस्लवाद और भेदभाव को ले कर ब्लैक लाइव्स मैटर लेते हैं, तो मुझे लगता है कि हमारे बच्चों को इतिहास पढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है, जैसा कि यह होना चाहिए, न कि इसका स्वच्छता संस्करण, इसलिए आप केवल सकारात्मकता देखें।"