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'खुद को शिक्षित करें, अपने दिमाग को खोलें', नस्लवाद पर बोले कुमार संगकारा

नई दिल्ली। अमेरिका में अफ्रीकी मूल के जॉर्ज फ्लोयड की मृत्यु के बाद लोग नस्लवाद पर बोलने लगे हैं। यहां तक ​​कि क्रिकेट भी इससे अलग नहीं है क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों में इस मामले पर कई खिलाड़ी खुले थे। इसके अलावा, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों के साथ-साथ उनकी शर्ट के कॉलर पर भी लोगो के खेल में ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान शुरू हो गया है।

खिलाड़ियों ने भी आंदोलन के समर्थन में घुटने टेक दिए और पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में 3TC के खेल में भी इसका अनुसरण किया गया। श्रीलंका के दिग्गज कुमार संगकारा ने नस्लवाद की बहस पर अपने विचार दिए हैं और लोगों को इस बारे में अधिक शिक्षित होने की जरूरत है। उसे लगता है कि बच्चों को अपने देश से प्यार करना सिखाया जाता है, लेकिन कोई भी उन्हें एक ही समय में अन्य संस्कृतियों का सम्मान और सराहना करने के लिए नहीं कहता है।

हसीन जहां का वीडियो देख फैन बोला- लगता है शमी भाई के लिए फिर प्यार जागा हैहसीन जहां का वीडियो देख फैन बोला- लगता है शमी भाई के लिए फिर प्यार जागा है

वास्तविक इतिहास समझना है जरूरी

वास्तविक इतिहास समझना है जरूरी

वह यह भी समझते हैं कि यह रातोंरात होने वाला नहीं है, लेकिन चीजें केवल दृष्टिकोण में बदलाव के साथ बदलना शुरू कर देंगी। उन्होंने कहा कि एक बार जब आप समझ जाते हैं कि वास्तविक इतिहास क्या है, तो मुझे लगता है कि आपको बहुत से रवैये में बदलाव देखने को मिलेगा। हम सभी को अपने देश से प्यार करना सिखाया जाता है। लेकिन कभी-कभी हम उस आँख बंद करके अनुसरण करते हैं, और यह हमें अन्य संस्कृतियों, अन्य देशों, अन्य लोगों, अन्य जातियों, अन्य धर्मों की सराहना करने से रोकता है।

नस्लवाद केवल त्वचा के रंग तक सीमित नहीं

नस्लवाद केवल त्वचा के रंग तक सीमित नहीं

संगकारा ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा, "तो अपने आप को शिक्षित करें, अपने दिमाग को खोलें, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण रूप से अपनी आँखें खोलें, क्योंकि उस बदलाव के बिना ऐसा नहीं होगा और रात भर होने वाला नहीं है।" कुमार संगकारा ने आगे बताया कि नस्लवाद केवल त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके कई रूप हैं और बच्चों को सही प्रकार की शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। "त्वचा का रंग भेदभाव का एकमात्र आधार नहीं है। जातिवाद और भेदभाव के विभिन्न तरीके हैं। कुछ ऐतिहासिक और कुछ निश्चित संदर्भ में, त्वचा का रंग भेदभाव का एकमात्र आधार नहीं है।

बच्चों को इतिहास पढ़ाना है जरूरी

बच्चों को इतिहास पढ़ाना है जरूरी

उन्होंने आगे कहा, ''अगर आप दुनिया में नस्लवाद और भेदभाव को ले कर ब्लैक लाइव्स मैटर लेते हैं, तो मुझे लगता है कि हमारे बच्चों को इतिहास पढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है, जैसा कि यह होना चाहिए, न कि इसका स्वच्छता संस्करण, इसलिए आप केवल सकारात्मकता देखें।"

Story first published: Thursday, July 23, 2020, 12:21 [IST]
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