नई दिल्ली। क्रिकेट के खेल में गेंदबाज की तरफ से नॉन स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाज के क्रीज छोड़कर बाहर जाने पर किया जाने वाला रन आउट नियमों के अंदर आने के बावजूद बहुत ही कम मशहूर है, जिसे अनौपचारिक रूप से मांकड़िंग के नाम से जाना जाता है। क्रिकेट में इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1948 में किया गया था जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर पहुंची थी। इस दौरे पर भारतीय टीम के दिग्गज हरफनमौला खिलाड़ी वीनू मांकड़ ने बिल ब्राउन के क्रीज छोड़कर बहुत आगे निकल जाने पर ऐसे रन आउट किया था। तब से क्रिकेट में इस तरह से किये जाने वाले रन आउट मांकड़ कहा जाता है।
हालांकि दिवंगत क्रिकेटर वीनू मांकड़ के बेटे राहुल मांकड़ को इस शब्द का इस्तेमाल नागवार गुजरता है और इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिये उन्होंने बीसीसीआई को मेल लिखी है। राहुल मांकड़ ने बीसीसीआई को लिखी अपनी मेल में कहा है कि वो क्रिकेट में मांकड़िंग शब्द के इस्तेमाल को अपमानजनक मानते हैं।
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उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई के आधिकारिक ट्विटर पेज ने महिला अंडर-19 टूर्नामेंट में कर्नाटक और मध्यप्रदेश के बीच खेले गये मैच में इस रन आउट को मांकड़िंग के नाम से रिपोर्ट किया है जो कि इस दिग्गज क्रिकेटर के बेटे को बिल्कुल पसंद नहीं आया है। राहुल मांकड़ ने इस बात पर दुख जताते हुए बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को मेल लिखकर इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है।
स्पोर्टस्टार की रिपोर्ट के अनुसार मांकड़ ने जो मेल लिखी है उसमें कहा है कि मैं यह मेल उस अपमानजनक और अनचाही परिस्थिति का हल निकालने के लिये लिख रहा हूं जो कि बीसीसीआई की वेबसाइट पर किये पोस्ट से बनी है। इस बीच राहुल मांकड़ ने स्पोर्टस्टार से इस बात की पुष्टि की है कि उनके बोर्ड की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। इतना ही नहीं पोस्ट को भी डिलीट नहीं किया गया है।
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राहुल ने अपनी मेल में यह लिखा है कि आईसीसी ने अपने पोस्ट में मांकड़ शब्द का इस्तेमाल रोक कर विवादास्पद रन आउट कहना शुरू कर दिया है, ऐसे में बीसीसीआई अगर इसका इस्तेमाल जारी रखती है तो वो पूरी तरह से अपमानजनक ही रहेगा।
उन्होंने कहा,'वीनू मांकड़ महान भारतीय क्रिकेटर थे और एक खिलाड़ी एवं व्यक्ति के रूप में उनके कद पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। इससे आप भी सहमत होंगे। मुझे लगता है कि बीसीसीआई को आगे आकर ऐसे गलत शब्दों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर रोक लगानी चाहिये। यह क्रिकेट के नियमों के तहत पूरी तरह से सही है और रन आउट के नाम से जाना जाता है। जैसा कि आप जानते हैं कि आईसीसी ने भी इस शब्द का इस्तेमाल (जो कि मेरे पिता के नाम को संबोधित करता है) करना बंद कर रन आउट कहना शुरू कर दिया है, ऐसे में यह बीसीसीआई के लिये भी सही समय है जब वो इस शब्द का इस्तेमाल करना हमेशा के लिये बंद कर दे।'