नई दिल्लीः वेस्टइंडीज के पूर्व महान गेंदबाज माइकल होल्डिंग को लगता है कि दुनिया से नस्लवाद को हटाना लगभग नामुमकिन है। उनका मानना है कि यह सब समाज के ऊपर निर्भर करता है कि वहां अपराध कितना कम है। होल्डिंग का कहना है कि जितना अपराध कम होगा उतना ही खेलों में नस्लवाद भी कम होता जाएगा। माइकल होल्डिंग ने स्काई स्पोर्ट्स के 'द क्रिकेट शो' पर यह बात कही। उन्होंने यह बात अफ्रीकन-अमेरिकन जॉर्ज प्लॉड की पहली डेथ एनिवर्सरी पर कहीं जिनकी मृत्यु पिछले साल एक सफेद पुलिस ऑफिसर के हाथों हो गई थी।
माइकल होल्डिंग अब यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं और उनका कहना है कि यह कोई भी नहीं समझ सकता एक काले व्यक्ति को अपने जीवन में किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई बार वह अपने जीवन में नक्सलवाद का इतना सामना करता है कि उस व्यक्ति को भी नस्लीय मान लेता है जो वास्तव में नस्लीय नहीं होता।
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माइकल होल्डिंग ने कहा कि कई बार आप गलत हो सकते हो क्योंकि दूसरा इंसान हो सकता है कि केवल बोलने में थोड़ा रूखा है और इसी वजह से आपके साथ ऐसा बर्ताव कर रहा है लेकिन आपको हमेशा लगता है कहीं उसने ऐसा बर्ताव इसलिए तो नहीं किया कि मेरा रंग काला है?
70 और 80 के दशक में वेस्टइंडीज पेस अटैक की शान माइकल होल्डिंग ने माना है कि यूनाइटेड किंगडम में अभी तक नस्लीय भेदभाव को खत्म करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है। वे यूनाइटेड किंगडम की एक तरीके से आलोचना करते हैं और कहते हैं, "मैं अमेरिका में कई तरह के काम देखता हूं जो उन्होंने नस्लीय चीजों को हटाने के लिए किए हैं। वहां बड़े कॉरपोरेशन कई लाख डॉलर इस प्रोग्राम में खर्च कर रहे हैं कि सभी लोगों को एक ही समानता के दर्जे पर लाया जाए। लेकिन यूनाइटेड किंगडम में हम ऐस नहीं देखते।"