रमेश पवार और मिताली राज-
अततः इस विवाद का अंत रमेश पवार की जॉब जाने से हुआ जिसके बाद डब्ल्यू वी रमन की नियुक्ति हुई और भारतीय महिला क्रिकेट एक नए सफर पर निकल पड़ा। रमेश पवार एक बार फिर से वापस आ चुके हैं और सब यही सवाल कर रहे हैं कि मिताली राज के साथ अब उनके ताल्लुकात किस तरह के हैं। जहां तक भारतीय क्रिकेट के प्रोफेशनल होने की बात है तो अब यह 90 के दशक वाला क्रिकेट नहीं है जहां व्यक्तिगत वाद विवाद के चलते खेल पर प्रभाव पड़ने दिया जाता हो। ऐसा भी नहीं कि पुराने समय में भारतीय क्रिकेट व्यक्तिगत झगड़ों के चलते अपना बेड़ा गर्क कर देता था लेकिन आज तो क्रिकेटर बहुत ही प्रोफेशनल हो चुके हैं और यही स्थिति कोचिंग स्टाफ की भी है। ऐसे में जब मिताली राज ने कहा कि पुराने दिन बीत चुके हैं और वे रमेश पवार के साथ फिर से काम करने की ओर देख रही हैं तो यही प्रोफेशनलिज्म दिखाई दिया।
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मिताली को पता है 'भूत' से कैसे पीछा छुड़ाएं-
इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता पर विवाद इतना बड़ा था कि मिताली राज को आसानी से इससे मुक्ति नहीं मिलने जा रही है। हालांकि मजबूत इरादों की यह महान महिला खिलाड़ी अपना पूरा ध्यान भारत के इंग्लैंड टूर पर दे रही है लेकिन मीडिया में मिताली राज को इस तरह के सवालों का सामना अभी भी करना पड़ रहा है जिनके जवाब वे नहीं देना चाहती हैं। मिताली राज को चतुर कप्तान के साथ साथ बातचीत में भी एक बुद्धिजीवी के तौर पर समझा जाता है और वे जानती हैं प्रेस के सामने और अनेकों फैंस के सामने किस तरीके से बात की जाए और किस संवाद अदायगी के साथ जवाब दिया जाए। लोग लगातार एक जैसे सवाल पूछते हैं और जब मिताली राज से फिर कोच रमेश पवार के साथ हुए विवाद पर बात करने के लिए सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया बल्कि सवाल करके ही मामले को बंद करने की अपील की।
सवाल पूछने वाले से किया ये सवाल-
मिताली ने कहा, "क्या हम इन चीजों से दूर आगे बढ़ सकते हैं? अभी तक इस बात को 3 साल हो चुके हैं और आप अभी भी 3 साल पीछे ही अटके हुए हैं। इस समय हम 2021 में हैं और हमें कई सारी सीरीज हैं जिनकी और देखना है। क्रिकेटनेक्स्ट ने मिताली राज के हवाले से बात आगे करते हुए कहा कि भारतीय कप्तान ने सवाल पूछने वाले पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आप लगातार एक ही सवाल पूछते रहेंगे तो हमें आपको भूतकाल से वापस लाने की जरूरत है।
दूसरी ओर रमेश पवार का भी नजरिया मिताली राज से अलग नहीं है और वे कहते हैं कि उनके लिए केवल भारतीय महिला क्रिकेट ही मायने रखता है कि वह किस तरीके से आगे तरक्की कर सकता है। उसके लिए वह काम करना चाहेंगे। पवार ने कहा था," मैं तमाम तरह की बातों को यहीं पर ही खत्म करना चाहूंगा। हमारी (मिताली के साथ) अच्छी बात होती है वर्ना में भारतीय महिला क्रिकेट में वापस नहीं आता। हर कोई 3 साल पहले की बात करता है। आपको बड़ी तस्वीर देखनी चाहिए बड़ा लक्ष्य देखना चाहिए जो कि भारतीय महिला क्रिकेट है। बीसीसीआई में हमारे पास यह जिम्मेदारी है।"
कोच खुद आगे बढ़ चुके हैं, द्रविड़ के साथ रह चुके हैं-
खैर कोच और कप्तान की बात से लगता है कि चीजें अच्छी तरीके से सुलझी हैं और जिस तरीके से रमन ने अपने खिलाड़ियों से तारीफ पाई थी हम उम्मीद करते हैं कि रमेश पवार भी उसी तरीके से अपने काम को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आने वाले समय में कई महत्वपूर्ण मुकाबले खेलने हैं जिनमें इंग्लैंड टूर के साथ-साथ इस साल में आस्ट्रेलिया की धरती पर होने जा रहा भारतीय महिला क्रिकेट का पहला ऐतिहासिक डे नाइट टेस्ट मुकाबला शामिल है। इंग्लैंड दौरे की बात है तो भारतीय महिला क्रिकेट टीम 16 जून से यहां पर टेस्ट मैच खेलेगी। पवार ने यह भी कहा है कि बीसीसीआई हर संभव कोशिश कर रहा है जिससे भारतीय महिला क्रिकेट को अगले स्तर पर लेकर जाया जा सके। रमेश पवार भी जानते हैं कि अगर वह टेस्ट मैचों में अपनी टीम को सफलताएं दिला पाएं और विदेशी दौरों पर कुछ अच्छी जीत दर्ज करा पाएं तो वह भी एक बड़ा नाम कमा पाएंगे। इसलिए वह कहते हैं कि यह उनके साथ यह मिताली और पूरे भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक बेहतरीन अवसर है ताकि खेल को अगले स्तर पर ले जाया जा सके। बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को पूरा सपोर्ट किया है और पवार भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। पवार अंत में एक मजेदार बात बताते हैं और कहते हैं कि कि वह नेशनल क्रिकेट एकेडमी में रहे है जहां पर राहुल द्रविड़ के साथ उन्होंने काम किया है ऐसे में आने वाली सीरीज में राहुल द्रविड़ का प्रभाव देखने को मिलेगा।