मेहनत और लगन का मेल-
इस बार उनके चर्चित होने का कारण उनका भारत की अंडर-19 टीम में चयनित होना है। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसको आज भी एलीट लोगों के लिए माना जाता है। चीजें तेजी से बदल रही हैं लेकिन एलीट क्लास अपनी सुविधाओं और मार्गदर्शन के दम पर क्रिकेट में ज्यादा तेजी से सफलता हासिल कर लेती है। ऐसे में अथर्व का चयन एक बार फिर से साबित कर देता है कि लगन और प्रतिभा का मेल जहां पर हो जाता है वहां आपको आगे बढ़ने से फिर कोई नहीं रोक पाता है। अथर्व के पिता नहीं हैं और उनकी माता मुंबई में एक बस कंडेक्टर हैं। अथर्व के पिता विनोद का देहांत जब हुआ था तब अथर्व की उम्र केवल 9 साल की थी।
मां हैं बस कंडक्टर-
पति की मौत के बाद उनकी नौकरी अथर्व की मां वैदेही को मिल गई थी। अथर्व का चयन श्रीलंका में होने वाले यूथ एशिया कप के लिए किया गया है। इस मौके पर वैदेही अपनी खुशी को जाहिर करते हुए कहती हैं- मुझे बेस्ट (बस सर्विस) स्टॉफ और रिश्तेदारों की ओर से मैसेज मिल रहे हैं। मैं उनका बहुत धन्यवाद करती हूं, ये मेरे लिए गर्व का मौका है। मेरे पति विनोद बेस्ट में कंडेक्टर थे और वही परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। उनकी मौत के बाद मैं असहाय हो गई फिर मैंने ट्यूशन किए। किस्मत से मुझे बाद में पति की जगह पर नौकरी मिल गई।
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टीम इंडिया के लिए खेलना है सपना-
खास बात यह है कि अथर्व जिस अंडर-19 टीम का हिस्सा होंगे उसकी कप्तानी ध्रुव चंद कर रहे हैं और उनके पिता कारगिल युद्ध में भाग ले चुके हैं। बाए हाथ के स्पिनर अथर्व ने भारत बी अंडर-19 टीम की ओर से केवल तीन ही मैच खेले हैं। ये मैच उन्होंने इसी साल मार्च में खेले हैं। अथर्व मुंबई के रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स के सेकेंड ईयर स्टूडेंट हैं। टीम में चयन होने के बाद अथर्व ने पिता को याद किया है, 'मैं अभी अपने पिता को मिस कर रहा हूं। जब मैं बच्चा था तब वे मेरे अच्छे प्रदर्शन पर मुझे क्रिकेट बैट, गलव्स और हेलमेट गिफ्ट किया करते थे ताकि मैं खेल सकूं। मैं इन सबको मिस करता हूं। अब मैं कठिन मेहनत करूंगा और टीम इंडिया के लिए खेलूंगा।'