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एक दोस्त जिसने 'कैंप' के जरिए दो साल पहले ऐसे बदल दी थी दिनेश कार्तिक की जिंदगी

एक दोस्त जिसने 'कैंप' के जरिए बदल दी दिनेश कार्तिक की जिंदगी

By गौतम सचदेव

नई दिल्ली। निदहास ट्रॉफी फाइनल के अंतिम 12 गेंदों में क्रिकेट प्रशंसकों ने एक इतिहास को बनते हुए देखा। क्रिकेट जगत में ऐसा कम बार हुआ है जब किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच के फाइनल में अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर किसी खिलाड़ी ने अपनी टीम को ट्रॉफी दिलाई हो। टीम इंडिया के ऋषिकेश कनेटकर और पाकिस्तान के जावेद मियांदाद दो ऐसी खिलाड़ी है जिनका नाम इस सूची में सबसे ऊपर है। रविवार को कोलोंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में भी दिनेश कार्तिक ने एक ऐसा ही इतिहास भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम अक्षरों में लिख दिया। कार्तिक की टीम में वापसी तो हुई लेकिन उन्हें बेंच पर बैठकर अपनी इस चमत्कारिक पारी का इंतजार करना पड़ा। पोस्ट मैच कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्वीकार किया कि वो इस तरह के शॉर्ट की नेट में भी जमकर प्रैक्टिस करते रहे थे और उचित समय और मौका मिलने पर वह टीम के काम आ सका। जीत के बाद क्रिकेट प्रशंसक भले ही रोहित की कप्तानी और कार्तिक को बाद में खेलने भेजने की तारीफ कर रहे हों लेकिन विजय शंकर जैसे कम एक्सपोजर और अनुभवहीन बल्लेबाज को कार्तिक से पहले भेजना गलती बन जाती अगर कार्तिक ये करिश्माई पारी नहीं खेल पाते। वैसे क्रिकेट में इफ और बट की गुंजाइश नहीं होती है।

12 साल पहले किया डेब्यू

12 साल पहले किया डेब्यू

आंकड़ों के लिहाज से देखें तो कार्तिक 14 साल पहले (2004) में टेस्ट और ODI में डेब्यू करने वाले इस विकेटकीपर बल्लेबाज को टीम में कम और टीम के बाहर अधिक जगह मिली। 12 साल पहले टी-20 डेब्यू करने वाले इस बल्लेबाज की किस्मत खराब थी कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी से सीधी टक्कर मिली और कमोबेश लचर प्रदर्शन और कम मौके की वजह से वो टीम से अधिक समय तक बाहर ही रहे। डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार बढ़िया प्रदर्शन करने वाले इस खिलाड़ी ने टीम इंडिया में हाल में अपनी जगह कमाई है। धोनी से पहले डेब्यू करने वाला यह 32 वर्षीय बल्लेबाज आज भी खेल रहा है और रविवार रात की पारी देखकर क्रिकेट पंडितों की राय में इस खिलाड़ी में अभी भी माही से अधिक क्रिकेट बांकी है।

रविवार को खेली कमाल की पारी

रविवार को खेली कमाल की पारी

लगभग 14 साल क्रिकेट खेल चुके इस बल्लेबाज के खाते में महज 23 टेस्ट, 79 ODI और 19 टी-20 ही दर्ज हैं लेकिन रविवार की (8 गेंदों में 29 रन) पारी ने दिनेश कार्तिक -2.0 को जन्म दिया है। दो साल पहले रिटायचुना रमेंट तक का सोच लेने वाले इस खिलाड़ी को टीम इंडिया के एक खिलाड़ी ने 'एक बूट कैंप' के जरिए नई जिंदगी दी। क्रिकेट और जीवन को लेकर एक नई सोच दी,दिशा दी और एक बेहतर इंसान भी बनाया। जी हां बात उस खिलाड़ी और कार्तिक के शानदार दोस्त की जिन्होंने इस खिलाड़ी को "House of Pain" के जरिए कंफर्ट जोन से बाहर निकाला। वो बल्लेबाज हैं 9 साल पहले टीम इंडिया के लिए महज 2 ODI खलेने वाले अभिषेक नायर। आईपीएल-2016 से पहले नायर ने मुंबई में कार्तिक को अपने एक घर में रहने की चुनौती दी थी। घर इतना छोटा था कि जहां से शुरू होता था वहीं खत्म। चेन्नई में रहने वाले कार्तिक ने सभी आरामदेह चीजों का त्याग कर अपने बेहतर भविष्य के लिए यह कैंप चुना था और उनके साथी अभिषेक इसमें उनकी पूरी मदद कर रहे थे।

कार्तिक को उस कमरे को साफ रखना होता था और नहाने के लिए उन्हें उसी कमरे में एक टूटा मग और बाल्टी मिली थी जिससे उन्हें काम चलाना पड़ता था। अभिषेक ने एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में बताया कि जब वह मेरे पास आया तो मैं ने उसके लिए यह विकल्प चुना। कमोबेश यह उसके लिए एक टॉर्चर जैसा ही था। वह गुस्से में कभी-कभी झुंझलाता भी था लेकिन उसे उसी कमरे में रहना था। उस कमरे में रहकर जब कार्तिक परेशान हो गया तो उसने मुझसे गिड़गिड़ाते हुए एक रात होटल में रहने देने की बात कही लेकिन मैं ने साफ मना कर दिया। आईपीएल में उसे हर साल उसे मोटी रकम मिलती थी लेकिन नेशनल टीम में खेलने को लेकर वह अपनी प्रतिभा पर ही शक करने लगा था। हमेशा आत्मविश्वास से लबरेज रहने वाले इस खिलाड़ी को खुद पर शक करते देख मुझे बहुत दुख हुआ था। रणजी में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने की वजह से उसकी कीमत 9 करोड़ से घटकर 2 करोड़ पर आ गई थी जब उसे गुजरात लायंस ने खरीदा था। नायर ने बताया कि उसे ऐसा लगने लगा था कि (2016 के बाद) अब आईपीएल में भी बड़ी कीमत में नहीं खरीदा जाएगा, तब वो प्रवीण आमरे सर से ट्रेनिंग के लिए मुंबई आया था। कार्तिक ने इस स्टिंट से पहले घरेलू क्रिकेट के 12 मैच में 32 की औसत से 355 रन बनाया, तब वह टीम इंडिया में वापसी की सोच भी नहीं रहा था उसका ध्यान सिर्फ खुद को घरेलू क्रिकेट में बेहतर करना था जिसके लिए वो खुद मेरे पास आया।

अमित पेगनिस ने भी की कार्तिक की मदद

अमित पेगनिस ने भी की कार्तिक की मदद

नायर ने कार्तिक को सफल बनाने के लिए मुंबई के एक लोकल कोच अपूर्व देसाई से मुलाकात की और अपने दोस्त की समस्या के बारे में सारी बात बताई। मुंबई के पूर्व ओपनर अमित पेगनिस ने भी कार्तिक के खेल को सुधारने में मदद की। उन्होंने कार्तिक के स्लॉग स्वीप पर काम किया जिसके लिए अब वो और भी महारत हासिल कर चुका है। "House of Pain" से नायर ने कार्तिक के फूट मूवमेंट और बल्लेबाजी पर काम कर उन्हें घरेलू क्रिकेट में शानदार वापसी करवाई जिसकी वजह से उन्हें वापस टीम इंडिया में मौका मिला। नायर ने बताया कि 'दोपहर में हम दो बार ट्रेनिंग करते थे, फिर जाते थे और उसके बाद मेडिटेशन किया करते थे. बैटिंग तकनीक पर काम करना उसके लिए मददगार साबित हुआ और उसे टीम में जगह मिल गई। रोहित शर्मा को भी उन्होंने एक बार इसी तरह की ट्रेनिंग 2011 वर्ल्ड कप के बाद दी थी.

इस सेशन के बाद घरेलू क्रिकेट में कार्तिक ने14 पारियों में 50 की औसत से 704 रन बनाए थे। इतना ही नहीं ODI के 9 मैच में 118 की औसत से 607 रन बनाए जिसमें 2 शतक और एक अर्धशतक शामिल था। 2017 आईपीएल खत्म होने के बाद उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी की टीम इंडिया में जगह मिली। नायर से यह भी बताया कि इस तरह साथ रहते हुए ऐसा लगने लगा था कि मैं उसका पर्सनल सेक्रेटरी बन चुका हूं या यूं कहें इससे अधिक वो मेरे लिए 'दूसरी बीवी' बन चुका था। कार्तिक बहुत ही अंधविश्वासी भी है लेकिन हम ने इस पर भी काम किया अब वो क्रीच पर स्ट्राइक लेने वक्त सिर्फ लंबी सांसे लेता है और अपना शॉर्ट खेलता है। हालांकि नायर ने मजाकिए लहजे में यह भी कहा कि उसने मुझे कोई गुरू दक्षिणा नहीं दी है लेकिन पिच पर उसकी सफलता ही मेरे लिए खुशी का सबसे बड़ा कारण है।

अमेरिका में हुई कार्तिक से मुलाकात

अमेरिका में हुई कार्तिक से मुलाकात

नायर ने बताया कि एक बार मैं और मेरी पत्नी अमेरिका में थे तो कार्तिक से मुलाकात हुई, उसने बताया कि उसकी सासू मां एक ट्रेवल एजेंसी चलाती हैं और वो सस्ते में टिकट का इंतजाम करवा देगा। मेरे हामी भरने के बाद पता चला कि उसने तो झूठ बोला था और उसने मेरी टिकट खुद करवाई थी।

 निदहास ट्रॉफी फाइनल के दिलचस्प आंकड़े

निदहास ट्रॉफी फाइनल के दिलचस्प आंकड़े

निदहास ट्रॉफी के फाइनल के बाद बने कुछ दिलचस्प आंकड़े जरूर पढ़ें।

किसी भी टीम के खिलाफ लगातार टी-20 जीत :

9 Pak v Zim (2008-15)

8 Ind v Ban (2009-18)*

7 Pak v Ban (2007-14)

7 NZ v Ban (2010-17)

7 Ind v Aus (2013-17)

7 Afg v Zim (2015-18)*

7 Ind v SL (2016-18)

टी-20 में अंतिम गेंद पर छक्के से मिली जीत :

C Kapugedara v Ind, Gros Islet, 2010

E Morgan v Ind, Wankhede, 2012

Z Babar v WI, Kingstown, 2013

V Sibanda v Net, Sylhet, 2014

D KARTHIK v Ban, RPS, 2018 *

* टीम इंडिया ने अंतिम गेंद पर छक्के से जीता मैच :

vs Aus, SCG, 2016 (Tar: 198)

vs Ban, Colombo RPS, 2018 (Tar: 167)

टीनएजर्स जिन्हें टी-20 में मिला मैन ऑफ द सीरीज

Rashid Khan

Shadab Khan

Washington Sundar

कार्तिक के छक्के ने चुराया लोगों का दिल, Twitter पर लोगों ने जमकर पढ़े कसीदे

Story first published: Monday, March 19, 2018, 14:54 [IST]
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