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आज से 19 साल पहले शुरू हुई थी गांगुली की 'दादागिरी', सहम गए थे 'अंग्रेज'

नई दिल्ली। इसमें कोई शक नहीं है कि विदेशी धरती पर जीत हासिल करने का जुनून भारतीय टीम में साैरव गांगुली ने ही भरा है। इसका पहला उदाहरण 19 साल पहले दिखा था, जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड को उन्हीं के घर मात देते हुए ट्राॅफी उठाने का गाैरव हासिल किया था। जी हां, आज यानी कि 13 जुलाई के दिन 2002 को गांगुली की कप्तानी में भारत ने नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल जीतकर इतिहास रचा था। इतिहास था इंग्लैंड को उसी के घर में बड़ी मात देकर भारत लाैटना।

जब इन 2 दिग्गजों ने किया गांगुली को रुलाने का फैसला, चली थी ये चालजब इन 2 दिग्गजों ने किया गांगुली को रुलाने का फैसला, चली थी ये चाल

सहम गया था 'अंग्रेजी' खेमा

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करोड़ों लोगों की नजर आप पर हो और आप उम्मीद के मुताबिक सही ना उतरो तो उसका दुख रहता है। तब अंग्रेजी खेमे की स्थिति भी वैसी ही थी। उन्होंने सोचा नहीं था कि भारतीय टीम उन्हें बड़ा स्कोर करने के बावजूद भी बुरी तरह से पटखनी दे देगी। खासकर तब जब बीच में उन्हें जीत की उम्मीद लगी थी, लेकिन सब अलग सा हो गया। जो खुशी मनाने के करीब थे वो भारत की जीत के बाद सहम गए। एकदम शांत पड़ गए कि आखिर अपने घर में ही कैसे मुंह की खानी पड़ गई। इसी के साथ गांगुली की दादागिरी भी शुरू हो गई थी। टीम ने विदेशी पिचों पर जीत का स्वाद ऐसा चखा कि उसके बाद विरोधियों को कड़ी टक्कर मिलने लगी।

पूर्व कप्तान साैरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई अहम योगदान दिया है। उन्होंने बल्लेबाजों से लेकर गेंदबाजों तक को तराशने के लिए एड़ी तक का जोर लगाया जिसका परिणाम यह निकला कि उनके क्रिकेट छोड़ने के बाद भारतीय टीम ने आईसीसी की तीनों ट्राॅफियों पर कब्जा किया। गांगुली भले आईसीसी ट्राॅफी अपने समय ना जीत पाए हों, लेकिन 17 साल पहले उन्होंने इंग्लैंड में नेटवेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचा था जो आज ही के दिन यानि की 13 जुलाई को देखने को मिला था।

रोमांचक मैच में ऐसे जीता था भारत

रोमांचक मैच में ऐसे जीता था भारत

लंदन का लाॅर्ड्स मैदान था। इस पिच पर तेज रफ्तार से आने वाली गेंदें किसी भी बल्लेबाज को मुश्किल पैदा कर देती हैं। इंग्लैंड ने टाॅस जीता और बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 326 रनों का लक्ष्य रखा था। नासिर हुसैन ने 115 रन बनाए तो वहीं मार्कस ट्रेस्कोथिक ने 109 रनों की पारी खेली। तेज पिच पर भारत के लिए यह लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था। ऐसा लगा भी जब 146 रनों के अंदर भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। कप्तान गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे बड़े खिलाड़ी शामिल थे। मैच हाथ से जा रहा था कि तभी छठे नंबर पर आए युवराज सिंह और 7वें नंबर पर आए मोहम्मद कैफ ने इंग्लिश गेंदबाजों की क्लास लेना शुरू कर दिया। कैफ ने युवराज (69) के साथ 121 रनों की साझेदारी कर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। युवराज 63 गेंदों में 69 रन बनाकर आउट हुए। तभ भी भारत 59 रन जीत से दूर था, लेकिन कैफ ने हिम्मत नहीं हारी और 75 गेंदों में 6 चौकों व 2 छक्कों की मदद से 89 रन बनाकर नाबाद रहते हुए टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई।

गांगुली ने बदला लेते हुए लहराई थी टी-शर्ट

गांगुली ने बदला लेते हुए लहराई थी टी-शर्ट

जीत की खुशी में कप्तान गांगुली ने टी-शर्ट उतारकर लहराते हुए अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। उन्होंने बदला लिया जिसका वह इंतजार कर रहे थे। दरअसल, हुआ ऐसा कि 2002 में इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था। इस दौरे का एक वनडे मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें भारत को हार मिली थी। तब एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने मैच जीतते ही अपनी जर्सी उतारकर स्टेडियम में दौड़ लगाना शुरू कर दिया। गांगुली को इससे काफी ठेस पहुंची थी, जिसका बदला उन्होंने फिर नेटवेस्ट सीरीज जीतने के बाद अपनी टी-शर्ट लहराते हुए लिया था।

Story first published: Tuesday, July 13, 2021, 14:39 [IST]
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