जोश हेजलवुड शानदार रहे-
हेजलवुड ऑस्ट्रेलिया के शानदार पेसर रहे जिन्होंने इस टी20 वर्ल्ड कप में प्रभावित किया। उन्होंने मिशेल स्टॉर्क और पैट कमिंस की मौजूदगी के बावजूद सबसे बेहतर प्रदर्शन करके कमाल किया। दाए हाथ के तेज गेंदबाज ने 7 मैचों में बेहतरीन इकॉनमी रेट 7.29 के साथ 11 विकेट चटकाए।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए हेजलवुड ने 11 विकेट लिए थे और यह प्रतियोगिता भी अपने दूसरे चरण में यूएई में हुई थी। फिंच ने कहा कि तेज गेंदबाज ने बैक ऑफ लेंथ पर गेंदबाजी को हिट किया जिसके चलते बल्लेबाजों के लिए बैटिंग करना मुश्किल हो गया। वे तेजी से रन नहीं बना सके।
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आरोन फिंच ने कहा- आईपीएल का अनुभव बहुत काम आया
फिंच ने फाइनल मुकाबला जीतने के बाद कहा हेजलवुड के लिए आईपीएल अच्छा किया था जिसके चलते वे यहां वर्ल्ड कप में भी बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहे। आईपीएल के अनुभव के कारण ही हेजलवुड को केन रिचर्डसन से ऊपर रखा गया।
स्पोर्ट्सकीड़ा के मुताबिक फिंच ने कहा कि, हेजलवुड हमारे बॉलिंग ग्रुप में अहम थे। उन्होंने सीएसके के लिए जो अनुभव हासिल किया उससे मदद मिली। किस लंबाई पर बॉल रखनी चाहिए, खासकर प्रतियोगिता के अंत में जहां विकेट टूट जाते हैं और हेजलवुड ने यहां पर सही काम किया। ईमानदारी से कहूं तो हेजलवुड की आईपीएल में परफॉरमेंस के चलते ही उनको प्लेइंग इलेवन में केन रिचर्डसन की जगह पर लाया गया था। ये मुश्किल फैसला था लेकिन लिया गया।
ऑस्ट्रेलिया की पहली टी20 वर्ल्ड कप जीत
वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया में वो बात नहीं लग रही थी। उनको बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के हाथों द्विपक्षीय सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था। फिंच ने यहां माना कि बायो बबल से कुछ समय की राहत के कारण उनकी टीम ताजगी के साथ वर्ल्ड कप में आई।
यह ऑस्ट्रेलिया का पहला टी20 खिताब है और इस जीत ने सभी क्रिकेट पंडितों को चौंकाया है लेकिन जो लोग ऑस्ट्रेलिया के चरित्र को अच्छे से जानते हैं उनको हैरानी नहीं हुूई है क्योंकि कंगारूओं की फॉर्म हमेशा टेंपररी हुई है और क्लास परमानेंट। वे बड़े मैचों में तुरंत अपने गेम को बहुत ऊंचे लेवल पर जाकर समाप्त करते हैं। उन पर प्रदर्शन का दबाव नहीं था और वर्ल्ड जीतकर उन्होंने एक तरह से बड़ी दावेदार टीमों को आईना दिखा दिया है।