नई दिल्ली। अगर विंडीज क्रिकेट के शुरूआती दाैर में जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा नाम कमाया था तो वो हैं सर विव रिचर्ड्स। विंडीज क्रिकेट में जान भरने के लिए विव रिचडर्स ने कोई कसर नहीं छोड़ी। 121 टेस्ट और 187 वनडे मैच खेलने वाले रिचर्ड्स ने अपने समय कई गेंदबाजों को नानी याद दिलाई है। इस समय भारतीय टीम विंडीज दाैरे पर है, जहां दर्शकों को एक पुराने समय के महान रहे रिचर्ड्स और एक माैजूदा समय के महान क्रिकेटर विराट कोहली की आपसी खास बातचीत सुनने को मिली। कोहली ने रिचर्ड्स का इंटरव्यू लिया जिसमें कई विषयों पर बात हुई।
कोहली विव रिचर्ड्स से पूछते हैं कि जब आप मैदान पर उतरते थे तो आपके सामने क्या चुनौतियां हुआ करती थी और क्या चीज थी जो आपको खुद में विश्वास दिलाती थी। "मैंने हमेशा महसूस किया कि मैं प्रतिस्पर्धा करने के लिए काफी अच्छा था और मैं अपने आप को सबसे अच्छे तरीके से व्यक्त करना चाहता था। मुझे लगता है कि उस जुनून में थोड़ी समानता है, जहां कई बार यह जुनून दर्शकों को गुस्से की तरह लगता है और वह कहते हैं 'क्यों वे इतने गुस्से में हैं? ''
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आपको हैरानी होगी कि रिचर्ड्स बिना हेलमेट पहने गेंदबाजों की क्लास लगाते थे, जबकि अब के समय बल्लेबाजों को बाउंसर से चोटिल होने का डर रहता था। एशेज सीरीज में जोफ्रा आर्चर की गेंद पर स्टीव स्मिथ बुरी तरह से घायल हो गए थे। इसके बाद सवाल उठने लगे कि हेलमेट में गर्दन की सेफ्टी होने की सुविधा हो और सभी क्रिकेटरों के लिए पहनना जरूरी हो। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए कोहली ने पूछा कि उस दौर में खतरनाक तेज गेंदबाजी के बावजूद वह हेलमेट क्यो नहीं पहनते थे, इस पर रिचर्ड्स ने कहा ,''मैं मर्द हूं। यह अहंकार से भरा लगेगा लेकिन मुझे लगता था कि मैं ऐसा खेल खेल रहा हूं जो मैं जानता हूं। मैने हर बार खुद पर भरोसा किया। आप चोटिल होने पर भी वह भरोसा नहीं छोड़ते।'' इसी के साथ उन्होंने कहा "मैंने हेलमेट पहनने की कोशिश की, लेकिन यह थोड़ा असहज लगा और मुझे लगा कि मैरून कैप जो मुझे दी गई है, मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ। मेरे मन ने कहा कि मैं यहां आकर काफी अच्छा था। अगर मुझे चोट लगती है, तो यह भगवान की इच्छा है ... मैं जीवित रहूंगा।"
Special: @imVkohli in conversation with @ivivianrichards (Part 1)
— BCCI (@BCCI) August 22, 2019
King Kohli turns anchor and quizzes the Caribbean Master to understand his fearless mindset - by @28anand
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वहीं कोहली ने अपना अनुभव शेयर करते हुए इस मुद्दे पर कहा "वास्तव में महसूस करता हूं कि जल्दी चोटिल होना बेहतर है ना कि आप हर समय यह सोचते रहो कि आप चोटिल हो सकते हो। इसलिए मैं जल्दी से चोटिल होना पसंद करता हूं। यह वास्तव में कठिन है, लेकिन यह मुझे और प्रेरित करता है कि हम फिर से ऐसा ना होने दें और मैं ये सोचता हूं कि बस अब बहुत हुआ, अब ऐसा फिर नहीं होने दूंगा।" इसके बादरिचर्ड्स ने कहा "अगर आप बल्लेबाज हैं, तो आपको चोट लग सकती है। यह खेल का एक हिस्सा है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप वापसी कैसे करते हैं।"