नई दिल्ली। डिसीजन रिव्यू सिस्टम(DRS) तकनीक को 12 साल पहले आज ही के दिन यानी कि 12 साल पहले 23 जुलाई 2008 को लागू किया गया था। खास बात यह रही कि यह नियम तब लागू हुआ जब भारतीय क्रिकेट टीम का मुकाबला श्रीलंका के साथ था। भारतीय टीम तब श्रीलंका दाैरे पर थी। उस समय वीरेंद्र सहवाग पहली बार इस नियम का शिकार होकर आउट हुए थे। यानी कि सहवाग डीआरएस का शिकार होने वाले पहले बल्लेबाज थे।
यह टेस्ट मैच था जो कोलंबो में हुआ था। मैच के चौथे दिन सहवाग के खिलाफ मुथैया मुरलीधनर ने डीआरएस की की मांग की। हुआ कुछ ऐसा कि सहवाग के पैड पर गेंद लगी। श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने अपील की लेकिन अंपायर ने मांग ठुकरा दी। इसके बाद टीम ने डीआरएस ने अपील की। जब मामला थर्ड अंपायर के पास गया तो डीआरएस की तकनीक से रिप्ले में पता चला कि गेंद मिडिल स्टंप पर हिट कर रही है, जिसके बाद वीरेंद्र सहवाग को आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा।
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इसी के साथ सहवाग डीआरएस तकनीक से थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए थे। वहीं अगर इस मैच की बात करें तो भारत को श्रीलंका ने पारी और 239 रनों से हरा दिया था। सहवाग ने पहली पारी में 25 तो दूसरी पारी में 13 रन बनाए। वीरेंद्र सहवाग ने 104 टेस्ट में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए जिसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल रहे। उनका बेस्ट स्कोर 319 रहा है। सहवाग ने 251 वनडे में 8273 रन बनाए जिसमें 15 शतक और 38 अर्धशतक शामिल है। इस फॉर्मेट में वीरू का बेस्ट स्कोर 219 है। इसके अलावा 19 टी-20 मैचों में सहवाग ने 394 रन बनाए, जिसमें 68 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा।