बेकार की डाइव नहीं मारनी चाहिए
क्रिकबज के कार्यक्रम में बोलते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा चोट लगना खेल का हिस्सा है, लेकिन फिर भी मैं ये मानता हूं कि जो इंजरी जानबूझकर आ जाती है, जैसे आपको डाइव मारने की जरूरत नहीं है और आप डाइव मारकर खुद को चोटिल कर लेते हैं। मैंने बहुत बार देखा है कि खिलाड़ी गेंद के पीछे भाग रहे हैं, बाउंड्री हो गई है,फिर भी जबरदस्ती की डाइव मार देते हैं। अगर पैर फंस गया तो घुटने को कुछ हो जाएगा, या फिर कंधे के बल आप गिर गए तो आपका कंधा डिस्लोकेट हो सकता है।
2002 में मेरे साथ ऐसे हुआ था
सहवाग ने अपने साथ हुए वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे साथ 2002 में ऐसा हुआ था, मेरा बायां कंधा डिस्लोकेट हो गया था, जब मैं कैच पकड़ने की कोशिश कर रहा था तो डाइव मारी और मेरा कंधा डिस्लोकेट हो गया था, जिसके बाद मैंने लगभग 5-7 टेस्ट मैच मिस किए। उसके बाद मैंने ठान ली थी कि बेकार की फालतू में डाइव नहीं मारूंगा, चार रन जाने दूंगा, अगर फिट रहा तो 10 रन ज्यादा बना दूंगा और10 मैच ज्यादा खेल सकता हूं। मुझे लगता है कि इन चीजों को नजरअंदाज करना चाहिए। बाउंड्री लाइन पर जो फील्डर फील्डिंग करते हैं उन्हें इन चीजों से बचना चाहिए ताकि इंजरी ना हो।
6 महीने के लिए बाहर हो सकते हैं अय्यर
श्रेयस अय्यर की चोट के बारे में वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि यह इतनी तगड़ी इंजरी है कि अगर उनका ऑपरेशन हुआ तो उनके 6 महीने चले जाएंगे। एक बार जब सर्जरी होती है तो डॉक्टर भी कम से कम 6-8 हफ्ते के लिए आराम करने को कहता है। लेकिन डॉक्टर यह सामान्य व्यक्ति के लिए कहता है, स्पोर्ट्समैन के लिए ये 3-4 महीने हो जाते हैं। लेकिन वास्तव में खिलाड़ी को वापसी करने में अपनी फिटनेस को फिर से हासिल करने में 5-6 महीने लग जाते हैं। मेरी तीन बार सर्जरी हुई है, मेरा तो 8 हफ्ते बाद भी मेरा हाथ ऊपर नहीं जा रहा था। मेरे हिसाब से अगर श्रेयस अय्यर का ऑपरेशन होता है तो वह लंबे समय तक बैठ सकते हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि श्रेयस अय्यर को यह नजरअंदाज करना चाहिए था। श्रेयस अय्यर की कमी उनकी टीम को खलेगी। दिल्ली की टीम को उनकी कमी खलेगी।