जब एक ही टीम में बने कई गुट
लक्ष्मण ना केवल कमेंट्री में मुखरता से अपनी बात रखते हैं बल्कि सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय दिखाई देते हैं। कंगारूओं की बखिया उधेड़ने वाली 281 रनों की ऐतिहासिल पारी के लिए मशहूर वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण ने अपनी आत्मकथा '281 एंड बियॉन्ड' का हाल ही में विमोचन किया गया। जिसमें उन्होंने कई खुलासे किए हैं। इस किताब के मुख्य हाईलाइट कोच ग्रेग चैपल का वह दौर है जब पूरी भारतीय टीम तितर-बितर हो गई थी। लक्ष्मण ने खुलासा किया की टीम पूर्व कोच कार्यकाल के दौरान दो या तीन गुटों में बंट गई थी जिसमें आपसी विश्वास की कमी थी।
ग्रेग चैपल का पूरा कार्यकाल ही कड़वाहट भरा..
लक्ष्मण ने अपनी हालिया प्रकाशित आत्मकथा में दावा किया है ग्रेग चैपल के कार्यकाल में टीम के खिलाड़ियों में आपसी कड़वाहट आई थी। चैपल का पूरा कार्यकाल ही इस कड़वाहट का कारण था। इसका कारण यह था कि कोच के कुछ पसंदीदा खिलाड़ी थे जिनका पूरा ख्याल रखा जाता था जबकि बाकियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता था। टीम हमारी आंखों के सामने ही बंट गई थी।
उस दौर को गांगुली अब भी नहीं भूल पाते
चैपल के उस भयावह दौर का याद करते हुए लक्ष्मण ने लिखा कि ग्रेग चैपल कोच के रूप में अपने रुख को लेकर बेहद 'अड़ियल' थे। उनकों ये पता ही नहीं था कि कैसे अंतरराष्ट्रीय टीम को चलाया जाता है। भारतीय टीम के साथ चैपल का विवादास्पद कार्यकाल मई 2005 से अप्रैल 2007 तक रहा। इस दौरान सौरव गांगुली के साथ हुआ चैपल का विवाद जग जाहिर है। गांगुली ने खुद उस दौर को कई बार याद किया है। अभी हाल में मिताली राज के कोच रमेश पोवार के साथ अनबन के चलते भी गांगुली ने अपने और चैपल के बीच के किस्से का जिक्र किया था।
'नहीं करता हूं कोच चैपल का सम्मान'
लक्ष्मण ने कहा, 'ग्रेग चैपल काफी हो-हल्ले के बीच भारत आए थे क्योंकि सभी एक हाई प्रोफाइल कोच के लिए उत्साहित थे। उनको काफी समर्थन भी मिला था। लेकिन उन्होंने टीम को तोड़ दिया, मेरे करियर के सबसे बुरे दौर में उनकी बड़ी भूमिका रही। लक्ष्मण ने साथ ही यह भी कहा कि वे हमेशा बल्लेबाज ग्रेग चैपल का सम्मान करता रहेंगे लेकिन ग्रेग चैपल कोच के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता।
अचानक संन्यास लेने के पीछे की वजह..
इसमें लक्ष्मण ने अपने संन्यास लेने के विवादापस्द फैसले के बारे में भी बात की है। उन्होंने 18 अगस्त 2012 को संन्यास लेने का फैसला किया था जबकि इसके एक हफ्ते के अंदर उनको हैदराबाद में अपने घरेलू दर्शकों के समक्ष खेलना था। इसको लक्ष्मण ने अपने खेल जीवन का एकमात्र विवाद माना है। इसके बाद ऐसी भी चर्चाएं उठी कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धेानी के साथ अनबन के कारण उन्होंने यह फैसला करना पड़ा। लक्ष्मण ने हालांकि इसे खारिज कर दिया उन्होंने कहा, ' संन्यास का फैसला मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर किया और इसके अलावा मैंने कुछ करीबी लोगों को भी इस बारे में बताया था। जिसमें सचिन तेंदुलकर और जहीर खान भी शामिल थे।