लंबे दाैरे के लिए आए थे भारत
नंबवर 2008 में भारत ने इंग्लैंड की मेजबानी की थी। इंग्लैंड भारत में 7 वनडे और 2 टेस्ट खेलने आया था। केविन पीटरसन टीम के कप्तान थे। भारत ने वनडे सीरीज के पहले 5 मैच अपने नाम कर लिए थे। पांचवां मैच ओडिशा के कटक में हुआ था जो 6 विकेट से जीता था, लेकिन इसी दिन मुंबई में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसे '26/11 अटैक' नाम से जाना जाता है। उस समय इंग्लैंड की टीम ओडिशा में बिल्कुल सुरक्षित थी, वहीं हमला ओडिशा से लगभग 1400 किलोमीटर दूर मुंबई हुआ था। सीरीज का छठा मैच 29 नवंबर 2008 को असम के गुवाहाटी में होना था, लेकिन ईसीबी ने अपने खिलाड़ियों को खेलने से रोक दिया। मुंबई हमले के कारण इंग्लैंड टीम खेलने से हट गई और 28 नवंबर को ही बीच में दाैरा छोड़ घर वापस चले गए थे।
बीसीसीआई ने नहीं उठाए थे सवाल
नाजुक स्थिति समझते हुए तब बीसीसीआई ने इंग्लैंड पर कोई दवाब नहीं डाला था। बीसीसीआई ने सीरीज को उसी समय खत्म कर दिया था। यह सीरीज भारत ने 5-0 से अपने नाम की थी। वहीं सीरीज के बचे दो मैचों को पूरी तरह से रद्द कर दिया था। एक मैच 29 को गुवाहाटी में होना था तो दूसरा दिल्ली में। बीसीसीआई को उस समय इन दोनों मैचों के रद्द होने से नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन उन्होंने तब इंग्लैंड से यह मांग नहीं की थी कि वो सीरीज के आखिरी बचे मैच पूरे करवाना चाहते हैं या फिर स्थगित करना चाहते हैं। उस समय इंग्लैंड के खिलाड़ियों की स्थिति को देखते हुए बीसीसीआई ने मामला खत्म कर दिया था, क्योंकि उन्हें पता था कि मुंबई हमले का डर मेहमान टीम के मन में हैं। लेकिन इसके बाद जो हुआ वो काबिले तारीफ था।
फिर टेस्ट सीरीज के लिए लाैट आई थी इंग्लिश टीम
दोनों देशों के बीच दो टेस्ट मैच होने भी तब तय थे। लेकिन इंग्लैंड की टीम वापस लाैट गई थी। दो टेस्ट मैचों की सीरीज खतरे में थी, पर केविन पीटरसन ही थे जिन्होंने टीम को फिर से भारत आने के लिए तैयार किया था। पीटरसन की कप्तानी में इंग्लैंड की पूरी टीम फिर भारत लाैट आई और बचे दो टेस्ट खेले। पहला टेस्ट 11 से 15 दिसंबर खेला गया जिसमें भारत ने 6 विकेट से जीत दर्ज की। यह मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया, जबकि दूसरा मैच 19 से 23 दिसंबर को मोहाली में खेला गया था जो ड्रा पर समाप्त हुआ था।