अब हालात कैसे हैं?
खैर, ये तो पुरानी बातें हुई। नए घटनाक्रम में, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के क्रिकेट सलाहकार समिति के पद से इस्तीफा देने के बाद एक नई तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति गठित की गई है जिसका प्रमुख पूर्व क्रिकेटर कपिल देव को बनाया गया है। इस टीम में दो अन्य सदस्य के तौर पर पूर्व क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ और भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी शामिल हैं। यह समिति टीम इंडिया के लिए नए कोचिंग स्टाफ चुनेगी।
अनिल कुंबले
अब जब सारी चयन प्रक्रिया नए तरीके से हो रही है तो भारतीय टीम के मुख्य कोच पद के लिए जो बेहतर संभावित भारतीय चेहरे जेहन में आते हैं वे हैं, अनिल कुंबले और वीरेंद्र सहवाग। दोनों खिलाड़ी विश्व स्तर के तो रहे ही हैं, इनकी 'क्रिकेटीय समझ' भी शानदार रही है। कुंबले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान होने के साथ-साथ भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज भी हैं। बतौर गेंदबाज कुंबले ने 619 टेस्ट और 337 वनडे विकेट लिए हैं। टेस्ट के एक पारी में कुल 10 विकेट लेने का शानदार रिकार्ड जिम लेकर के साथ उन्हीं का है। अनिल कुंबले को 2016 में भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया था। उनके एक साल के कार्यकाल का रिकॉर्ड शानदार रहा है। भारत ने वेस्ट इंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती थी और विश्व क्रिकेट रैंकिंग में नंबर एक की पोजीशन पर अपनी पकड़ मजूबत कर ली थी। इसके अलावा भारत ने न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में भी जीत हासिल की थी। इसे अब इत्तेफाक कहें या चाहे जो कहें , ये वही दो टीमें हैं जिससे भारत विश्वकप के अपने अभियान में हारी है। अब जब चयन की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो रही है तो ऐसे में कुंबले अगर कोच पद के लिए बीसीसीआई में एक बार फिर से आवदेन करते हैं तो उनकी दावेदारी निःसन्देह सबसे मजबूत होगी और साथ ही यह टीम हित में भी होगा।
वीरेंद्र सहवाग
कोच पद के एक और महत्वपूर्ण दावेदार हैं वीरेंद्र सहवाग। पूर्व में सहवाग ने इस पद के लिए अपनी इच्छा जताई भी थी। इसलिए ऐसा लगता है की सहवाग इस पद के लिए कुछ सोच रहे होंगे। ये सहवाग ही हैं जिसे बीसीसीआई ने पिछली बार कोच पद के लिए आवेदन करने को कहा था। जहाँ तक सहवाग की योग्यता की बात है तो इस पर उँगली उठाई ही नहीं जा सकती है। सहवाग पहले भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ा है। इतना ही नहीं वह दुनिया के एकमात्र ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक बनाने के साथ एक पारी में पाँच विकेट भी हासिल किये हैं।इतना ही नहीं, अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज गति से बनाया तिहरा शतक (319 रन) भी सहवाग के ही नाम है। ऐसे में अगर वो कोच पद के लिए अपनी दावेदारी रखते हैं तो उनकी दावेदारी भी काफी मजबूत होगी और फिर अभी चयन समिति के अध्यक्ष कपिल देव हैं जो सहवाग के खेल के कौशल के प्रसंशक भी रहे हैं।
अब देखना है की भारतीय टीम के लिए कोच पद की खोज कब और किस खिलाड़ी पर जाकर ख़त्म होती है। लेकिन इतना तय है की ये दो नाम कोच पद के मैराथन दौड़ में भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में बने रहेंगे।