11 जून 1975, बर्मिंघम (इंगलैंड)
पहले विश्वकप का आठवां मैच वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के बीच खेल गया। सब यही मान रहे थे कि शक्तिशाली वेस्टइंडीज आसानी से जीत जाएगा। लेकिन जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। पाकिस्तान ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी शुरू की। कप्तान और सलामी बल्लेबाज माजिद खान ने शानदार पारी खेली। उन्होंने 60 रन बनाये। मुश्ताक मोहम्मद के 55, वसीम राजा के 58 और मियांदाद के 24 रनों के दम पर पाकिस्तान ने 60 ओवरों में सात विकेट पर 266 रन बनाये। इस मैच में जावेद मियांदाद ने अपना वनडे डेब्यू किया था। वेस्टइंडीज के तूफानी गेंदबाज एंडी रॉबर्ट्स अपना दूसरा वनडे खेल रहे थे। उस समय रॉबर्ट्स दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में एक थे। वही टीम के मुख्य हथियार थे। उन्होंने 12 ओवरों में एक मेडन रखते हुए 47 रन दिये और एक विकेट हासिल किया। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने वेस्टइंडीज के तेज आक्रमण का डट कर सामना किया। नौबत ये आ गयी कि कप्तान क्लाइव लॉयड को गेंदबाजी के लिए उतरना पड़ा। उन्होंने पार्ट टाइम बॉलर के रूप में आठ ओवर गेंदबाजी की जिसमें 31 रन देकर एक विकेट लिया।
पाकिस्तान का कमाल-
267 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वेस्टइंडीज की टीम मैदान पर उतरी। अभी स्कोरबोर्ड पर 6 रन ही टंगा था कि ग्रिनीज को सरफराज नवाज ने आउट कर दिया। उस दिन पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सरफराज नवाज ने लाजवाब शुरुआत की। उन्होंने शुरू के तीन झटक कर वेस्टइंडीड की कमर तोड़ दी। सरफराज ने ग्रिनिज, फ्रेडरिक्स और कालीचरण का विकेट लेकर वेस्टइंडीज को दबाव में ला दिया। 36 पर तीन विकेट गिर चुके थे। 99 पर विव रिडर्ड्स भी चलते बने। एक छोर पर कप्तान लॉयड लंगर डाले हुए थे। 151 पर जब लॉयड 53 रन बना कर आउट हुए तो पााकिस्तानी खेमा उत्साह में आ गया। 151 पर सातवां विकेट गिर चुका था और जीत की मंजिल 267 अभी बहुत दूर थी। पाकिस्तान जीत के बारे में सोचने लगा। लेकिन उस दिन वेस्टइंडीज के विकेटकीपर डेरिक मरे कुछ अलग इरादे से मैदान पर उतरे थे। उन्होंने वैनवर्न होल्डर के साथ मिल कर नवें विकेट के लिए 49 रनों की साझेदारी कर स्कोर को 203 तक पहुंचा दिया। इसी स्कोर पर होल्डर आउट हो गये। अब वेस्टइंडीज का स्कोर पर 9 विकेट पर 203 रन हो चुका था। पाकिस्तान को जीत सामने दिखायी दे रही थी।
डेरिक मरे और एंडी रॉबर्ट्स का चमत्कार-
मैच दिल थाम लेने के मुकाम पर पहुंच गया था। पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ एक विकेट चाहिए था। डेरिक मरे का साथ देने के लिए एंडी रॉबर्ट्स क्रीज पर आये। वेस्टइंडीज की आखिरी जोड़ी मैदान पर थी और जीत के लिए 64 रन बनाने थे। 16 ओवरों का खेल अभी बाकी था। पाकिस्तान के गेंदबाज लय में थे। उन्हें यकीन था कि आखिरी जोड़ी 16 ओवरों तक नहीं टिक पाएगी और जीत मिल कर रहेगी। रॉबर्ट्स को बल्लेबाजी का कोई अनुभव नहीं था और वे अपनी दूसरा ही वनडे मैच खेल रहे थे। लगभग सभी लोग यही मान कर चल रहे थे कि अब पाकिस्तान की जीत पक्की हो चुकी है। लेकिन डेरिक मरे उस दिन अपनी जीवन की सबसे यादगार पारी खेल रहे थे। उन्होंने अधिक से अधिक स्ट्राइक अपने पास रख कर स्कोर को आगे बढ़ाना शुरू किया। रॉबर्ट्स शुरू में संभल कर खेलते रहे। फिर तेजी से रन बनाने लगे। मरे ने रॉबर्ट्स को करारे शॉट खेलते देख कर बचाने की कोशिश कम कर दी। इधर ओवर भी खत्म हो रहे थे। पाकिस्तान विकेट के लिए तरस रहा था। सबसे सफल गेंदबाज सरफराज को मोर्चे पर लगाया गया। लेकिन वे भी नहीं चले।
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रॉबर्ट्स की दिलेरी-
मरे-रॉबर्ट्स की जोड़ी धीरे धीरे लक्ष्य के नजदीक पहुंच रही थी। जो भी इस मैच को देख या सुन रहा था वो बेचैनी से पहलू बदल रहा था। आज तक आखिरी विकेट के लिए 64 रन नहीं बने थे। दिलों की धड़कन तेज हुई जा रही थी। नतीजा अंतिम ओवर पर आ टिका। आखिरी ओवर में वेस्टइंडीज को पांच रन बनाने थे। 15 ओवर की गेंदबाजी में पाकिस्तान एक पुछल्ले बल्लेबाज का भी विकेट न ले सका। पाकिस्तानी खिलाड़ी बेहद निराश थे। आखिरी ओवर डालने की जिम्मेवारी वसीम राज को मिली। स्ट्राइक पर थे एंडी रॉबर्ट्स। पहली गेंद को पुल करने के चक्कर में रॉबर्ट्स बीट हो गये। गेंद उनके पैड से लग कर फाइन लेग की तरफ गयी। रॉबर्ट्स ने दो रन दौड़ लिये। अगली गेंद को उन्होंने मिड विकेट की तरफ खेला और फिर दो रन लिये। अब स्कोर बराबर हो चुका था। चौथी गेंद पर रॉबर्ट्स ने विजयी रन बना लिया। मरे 61 और रॉबर्ट्स 24 रनों पर नाबाद रहे। दो गेंद रहते वेस्टइंडीज ने चमत्कारिक रूप से यह मैच एक विकेट से जीत लिया। मरे-रॉबर्ट्स ने आखिरी विकेट के लिए नाबाद 64 रन जोड़े। इस तरह रन चेज करने में दसवें विकेट के लिए एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। 44 साल हो गये लेकिन आज भी यह विश्व कीर्तिमान कायम है। 2014 में आस्ट्रेलिया के जेम्स फॉकनर और क्लिंट मेकॉय ने इंग्लैंड के खिलाफ रन चेज करते हुए आखिरी विकेट के लिए 57 नाबाद रन बनाये थे। मरे- रॉबर्ट्स के बाद यह दूसरा श्रेष्ठ प्रदर्शन है।