1. रॉस टेलर- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 80 रनों की पारी
यहां पहला स्थान न्यूजीलैंड के अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर का आता है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट मैच में 80 रनों की पारी खेली थी। न्यूजीलैंड की टीम ने आस्ट्रेलिया का दौरा 2019-20 में किया था। कीवी टीम तीन टेस्ट मैच खेली और तीनों ही मैच बुरी तरह हारी। ऐसे में यह पहला टेस्ट मैच था जिसमें आस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 416 रन बनाए और न्यूजीलैंड की टीम 166 रनों पर ही ढेर हो गई। कीवी टीम की इस पारी में कोई बल्लेबाज नहीं चल सका लेकिन रॉस टेलर ने 134 गेंदों पर 80 रनों की पारी खेली थी। यह बात अलग है कि न्यूजीलैंड ने अगली पारी में भी घुटने टेक दिए और वह 171 रनों पर ऑल आउट हो गई जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया मैच 296 रनों से जीतने में कामयाब रहा।
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2. क्विंटन डि कॉक- 76 रन इंग्लैंड के खिलाफ
क्विंटन डी कॉक ने भी एक ऐसी ही पारी खेली थी जब इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर रही थी और चौथा टेस्ट मैच चल रहा था। यह बात जनवरी के अंत में 2020 की है तब इंग्लैंड ने पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 400 रन बनाए थे और साउथ अफ्रीका को केवल 183 रनों पर समेट दिया था सभी बल्लेबाज धीरे-धीरे निकलते गए लेकिन यह क्विंटन डी कॉक थे जिन्होंने मार्क वुड की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 116 गेंदों पर 76 रन बनाए। मार्क वुड ने उस मैच में घातक गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लिए थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी भी बहुत ज्यादा प्रभावशाली नहीं रही और क्विंटन डिकॉक ने यहां पर भी 39 रनों की पारी खेली लेकिन प्रोटियाज केवल 274 रन बनाकर आउट हो गए और इंग्लैंड ने यह मुकाबला 191 रनों से जीत लिया था।
3. मार्नस लाबुशेन- एशेज में 74 रनों की पारी
अगला टेस्ट मैच रोमांचक है क्योंकि यहां पर इंग्लैंड को केवल 1 विकेट से जीत हासिल हुई थी। यह मुकाबला एशेज का है जब ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड में आई थी और यह वर्ल्ड कप 2019 के बाद हुआ था। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 179 रनों पर सिमट गई थी लेकिन लाबुशेन ने 129 गेंदों पर 74 रन बनाए थे। हालांकि इंग्लैंड को बहुत ही बुरा झटका तब लगा जब उसकी भी पहली पारी केवल 67 रनों पर सिमट गई क्योंकि जोश हेजलवुड ने 5 विकेट चटकाए थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में निराश किया और 240 रन बनाए और यहां पर भी मार्नस ने 80 रनों की पारी खेली। मैच रोमांचक हो गया था और इंग्लैंड को जीतने के लिए 359 रन चाहिए थे लेकिन यह बेन स्टोक्स थे जिन्होंने जैक लीच के साथ मिलकर अंतिम विकेट के लिए साझेदारी की और अपनी टीम की जीत सुनिश्चित की। बेन स्टोक्स ने उस मुकाबले में 229 गेंदों पर 135 रनों की नाबाद पारी खेली थी जो आज भी टेस्ट क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है।
4. मुश्फिकर रहीम- भारत के खिलाफ 74 रन
बात बांग्लादेश के भारत दौरे की है जो 2019 में हुआ था और दोनों ही टेस्ट मैच में भारत ने बांग्लादेश को बुरी तरह धोया था। यह सीरीज भारत के क्रिकेट इतिहास में पहले डे नाइट टेस्ट का गवाह बनी जो सौरव गांगुली ने अध्यक्ष बनने के बाद कोलकाता में कराया था। इस मैच से पहले बांग्लादेश ने शुरुआती टेस्ट खेला था जिसमें भारत को एक पारी और 130 रनों से हार मिली थी। बांग्लादेश दोनों ही पारियों में फिसड्डी साबित हुआ लेकिन मुश्फिकर रहीम शानदार बल्लेबाजी करने में कामयाब रहे। बांग्लादेश ने पहली पारी में 150 रनों पर ऑल आउट होने का काम किया जिसमें रहीम ने 40 रनों का योगदान दिया था जबकि दूसरी पारी भी 213 रन बनाकर आउट हो गई और रहीम ने इस बार भी 64 रनों का योगदान दिया।
रहीम टॉप फॉर्म में थे पर डे नाइट टेस्ट की पहली पारी में रहीम 0 रन पर आउट हो गए और उनकी टीम 106 रन ही बना सकी लेकिन बांग्लादेश ने दूसरी पारी में 195 रन बनाए क्योंकि रहीम ने 74 रनों की शानदार पारी खेली थी जो 96 गेंदों पर आई थी।
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5. टिम पेनः भारत के खिलाफ 73 रनों की पारी
अब यहां बात होगी उस ऐतिहासिक मुकाबले की जिसमें भारतीय टीम केवल 36 रनों पर ऑल आउट हो गई। यह मैच विदेशी धरती पर भारत का पहला डे नाइट मुकाबला था जिसमें उसको बुरी तरह मात मिली लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ वह एक गाथा है। यह ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत की आधारशिला थी क्योंकि इसके बाद भारतीय टीम में एक नया ही जोश आ गया था। यह मुकाबला एडिलेड में खेला गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया को भारत ने पहली पारी में 191 रनों पर समेटने में कामयाबी हासिल की थी पर इस दौरान उनके कप्तान टिम पेन निचले क्रम पर कुछ छोटी-मोटी साझेदारी करते रहे और 99 गेंदों पर 73 रनों की नाबाद पारी खेली। भारत अपनी दूसरी पारी में प्रसिद्ध 36 रनों पर आल आउट हो गया था और ऑस्ट्रेलिया यह मुकाबला 8 विकेट से जीतने में कामयाब रहा था।
6. विराट कोहलीः इंग्लैंड के खिलाफ 72 रन
अंत में हम बात करेंगे भारत के कप्तान विराट कोहली की जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच में 72 रनों की पारी खेली थी। यह दौरा इसी साल की शुरुआत में हुआ था और इंग्लैंड ने श्रीलंका में दो मैचों की टेस्ट सीरीज जीतने के बाद चेन्नई में भी पहला मुकाबला जीतने में कामयाबी पाई थी। भारत की पहली पारी 337 रनों पर सिमट गई थी। जबकि दूसरी पारी में केवल 192 रन बने जिसमें कप्तान कोहली ने 104 गेंदों पर तेज 72 रनों की पारी खेली। हालांकि यह मैच भी एडिलेड तरीका साबित हुआ क्योंकि इसके बाद भारत ने लगातार मुकाबले जीते और अंग्रेजों को अपनी धरती पर 3-1 से मात दी।