बीबीसी संवाददाता, दक्षिण अफ़्रीका से
कैमरून की टीम का विश्व कप में सफ़र ख़त्म हो गया लगता है. लगातार दूसरे मैच में कैमरून की टीम हार गई और दूसरे दौर में पहुँचने का उसका सपना असंभव सा लगने लगा है. अपने पहले मैच में जापान से हार चुकी कैमरून की टीम ने डेनमार्क के ख़िलाफ़ शानदार शुरुआत की. ऐसी शुरुआत, जिसकी किसी टीम से अपेक्षा की जाती है.
पहले हाफ़ के 10वें मिनट में कप्तान सैमुएल एटो ने अपना कमाल दिखाया. लेकिन अपना पहला मैच नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ हार चुकी डेनमार्क की टीम ने बेंटनर के गोल की बदौलत स्कोर बराबर कर दिया. बेंटनर ने 33वें मिनट में अपनी टीम की ओर से गोल किया.
कैमरून की मुश्किलें उस समय और बढ़ गई जब दूसरे हाफ़ के 61वें मिनट में डेनमार्क के रोमेडाल ने गोल कर दिया. इसके बाद कैमरून ने गोल करने के लिए जी-जान लगा दिया. लेकिन सब व्यर्थ रहा. गोल करने के उन्हें कई मौक़े मिले, लेकिन सब बेकार रहे. दूसरी ओर रस्टेनबर्ग में घाना और ऑस्ट्रेलिया के बीच भी टक्कर वाला मुक़ाबला रहा. लेकिन ऑस्ट्रेलिया की टीम दुर्भाग्यशाली रही. 11 मिनट में ही ब्रेट होलमैन के गोल की बदौलत बढ़त ले ली थी.
लेकिन 25 मिनट में गोल लाइन पर खड़े हैरी किवेल के हाथ से गेंद टकराई....उन्हें रेड कार्ड दिखाया गया और घाना को पेनल्टी मिला. इस पेनल्टी पर असामाओ गियान ने गोल करके स्कोर बराबर कर दिया. घाना ने दूसरे हाफ़ में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया...ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरे हाफ़ में अच्छा खेली, लेकिन वो भी गोल नहीं कर पाई. घाना ने 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही ऑस्ट्रेलियाई टीम का फ़ायदा नहीं उठाया और लंबे-लंबे शॉट से गोल पर निशाना लगाने की कोशिश की.
नतीजा ये रहा कि वो गोल नहीं कर पाए. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की टीम भी एक अंक हासिल करने में सफल रही और दूसरे दौर में जाने की एक हल्की सी उम्मीद उसके लिए भी क़ायम है. नीदरलैंड्स की टीम विश्व कप के दूसरे दौर में जाने के और क़रीब आ गई है. डरबन में हुए एक संघर्षपूर्ण मैच में नीदरलैंड्स ने जापान को 1-0 से हरा दिया. लेकिन नीदरलैंड्स के लिए यह जीत आसान नहीं थी.
जापान के गोलकीपर कावाशिमा की एक ग़लती ने मैच का नक़्शा बदल दिया और मैदान पर मज़बूत दिख रही जापान की टीम बैक फ़ुट पर आ गई. पहले मैच में कैमरून को हराने वाली जापान की टीम के हौसले बुलंद थे. और पहले हाफ़ में जापान ने अच्छे खेल का प्रदर्शन भी किया. लेकिन नीदरलैंड्स की टीम भी कम नहीं थी. ये ज़रूर था कि वे गोल करने का बेहतर मौक़ा नहीं निकाल पा रहे थे.
नीदरलैंड्स के स्ट्राइकर डर्क क्यूट और स्नाइडर को एक अच्छा मौक़ा मिला, लेकिन वो बेकार गया. जापान के खिलाड़ी भी पीछे कहाँ रहने वाले थे. दाईसुके मात्सुके का एक बेहतरीन पास नागाटोमो ने बेकार कर दिया.
दूसरे हाफ़ में भी उस समय तक स्थिति कमोबेश वही रही, जब तक गोल नहीं हुआ. लेकिन 52 वें मिनट में वैन पर्सी के एक पास पर वेसली स्नाइडर ने एक झन्नाटेदार शॉट लगाया, गेंद जापानी गोलकीपर कावाशिमा के हाथ से लगती हुई गोल में जा गिरी.
इसके बाद भी जापान ने हार नहीं मानी और नीदरलैंड्स पर दबाव बनाए रखा. लेकिन वे गोल नहीं कर पाए. इस बार के बावजूद जापान दूसरे दौर में जाने की रेस से अलग नहीं हुआ है और तीसरे मैच के बाद ही ये तय होगा कि कौन सी दो टीमें अगले राउंड में जाएँगी.