नई दिल्ली। फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने में बेहद कम समय बचा है। ऐसे में सभी टीमें अपनी तैयारियां युद्ध स्तर पर कर रही हैं। 14 जून से शुरू होने वाले इस महामुकाबले का फाइनल 15 जुलाई को रूस की राजधानी मॉस्को में खेला जाएगा। इस विश्वकप महामुकाबले में 32 टीमें हिस्सा लेंगी और उनके बीच 64 मुकाबले खेले जाएंगे। विश्वकप का आयोजन इस बार रूस कर रहा है, जिसके 11 शहरों में मैच खेले जाएंगे और फाइनल मुकाबला राजधानी मॉस्को के लुजनिकी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस बार विश्वकप में 32 टीमों को 4-4 के आठ अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया। हर ग्रुप से चोटी की दो टीमें सीधे नॉकआउट स्टेज में जाएंगी। फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले 11 और 12 जुलाई को खेले जाएंगे।
देशः उरुग्वे
ग्रुपः ए, इसमें उरुग्वे के अलावा इजिप्ट, सऊदी अरब और रूस भी हैं।
फिक्स्चर (मुकाबले):
उरुग्वे बनाम इजिप्ट, 15 जून, 5.30PM (येकातेरिनबर्ग)
उरुग्वे बनाम सऊदी अरब, 20 जून, सुबह 8.30PM (रोस्तोव-ऑन-डॉन)
उरुग्वे बनाम रूस, 25 जून, 7.30PM (समारा)
फीफा रैंकिंगः 14
पिछले वर्ल्ड कप मेंः 2014 के वर्ल्ड कप में अंतिम 16 में कोलंबिया से हारकर बाहर हो गए थे।
सबसे अच्छा प्रदर्शनः टीम 1930 और 1950 में विजेता बनी थी।
स्टार प्लेयर्सः लुइस सुअरेज, एडिनसन कैवानी, डिएगो गोडिन, मतिस वेसीनो, जोस मारिया गिमेनेज
कोच: ऑस्कर तबरेज
जब आप उरुग्वे और विश्व कप के बारे में बात करते हैं, तो टूर्नामेंट के 2014 के संस्करण से केवल एक ही बात सबको याद आती है और वो है इटली के डिफेंडर जियोर्जियो चीलिनी को काटने के चलते लुइस सुअरेज का बेइज्जत होकर टूर्नामेंट से निष्कासित होना। हालांकि वो चार साल पहले का मामला था। लेकिन इस बार उरुग्वे का ये स्टार स्ट्राइकर अपनी पूरी क्षमता के साथ पुराने विवादों को भुलाकर मैदान में उतरेगा।
इस ग्रुप से अगर किसी टीम के नॉकआउट चरण में स्थान बनाने के दावे के बारे में देखें तो इस मामले में उरुग्वे का दावा सबसे दमदार नजर आता है। क्वालीफाइंग दौर की शुरुआत उनकी अच्छी नहीं रह सकी थी, क्योंकि वह पहले तीन मैच चिली, ब्राजील और पेरू से हार गए थे। इसके बाद कोच ऑस्कर वाशिंगटन तबारेज ने रणनीति में बदलाव किया और मिडफील्ड में गति लाने के लिए अपनी अंडर-20 टीम के फेडरिको वालवेर्डे (रीयाल मैड्रिड) और रोड्रिगो बेंटानकर (जुवेंटस) को लाए और इससे सप्लाई लाइन बेहतर हो जाने से उरुग्वे की टीम में जान आ गई।
उरुग्वे इससे पहले तक 12 बार भाग ले चुकी है और 1930 और 1950 में चैंपियन भी रह चुकी है। टीम के पास डिफेंडर डिएगो गोडिन (31) और स्ट्राइकर एडिनसन कैवानी (30) अभी भी विरोधियों को परेशान करने में सक्षम हैं। अब मिडफील्डर्स फेडेरिको वाल्वरडे (19) और नाहिटन नांडेजज (21) जैसे युवा टीम के लिए स्टार्टर्स बन गए हैं।
लुईस सुआरेज पिछले वर्ल्ड कप में अहम मैच में अपनी एक हरकत के कारण रेड कार्ड हासिल कर बैठे थे। वैसे बार्सिलोना क्लब का ये प्रमुख खिलाड़ी अब उन सभी बातों से उबर चुका है। वह उरुग्वे के लिए सर्वाधिक 50 गोल जमाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 26 गोल जमाने में सहयोग भी दिया है। उन्हें पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) में खेलने वाले एडिंसन कवानी का सहयोग मिलने पर वह प्रभावी साबित हो सकते हैं। सुआरेज ने वर्ल्ड कप से पहले कहा है कि वे अपने सभी विवादों को भुलाकर टीम की जीत पर फोकस करना चाहते हैं।
भविष्यवाणी: विश्व कप के शायद सबसे कमजोर ग्रुप में रखा गया है, ग्रुप ए, उरुग्वे निश्चित रूप से ग्रुप लीग में अपना कहर बरकरार रखेगा। अगर स्टार स्ट्राइकर सुअरेज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं तो ये टीम अंतिम 16 में आसानी से पहुंच सकती है।