मॉस्को। पिछले एक महीने से रूस में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल मुकाबले का समय आ गया है। टूर्नामेंट की दो बेस्ट टीमें एक दूसरे से भिड़ने के लिए तैयार हैं। फाइनल मुकाबला रविवार को रूस की राजधानी मॉस्को के लुज्निकी स्टेडियम में फ्रांस और क्रोएशिया के बीच खेला जाएगा। यह मुकाबला भारतीय समयानुसार रात 8:30 बजे से शुरू होगा।
फ्रांस को हराकर इतिहास रचने उतरेगी क्रोएशिया
अब देखना होगा कि दुनिया को फ्रांस के रूप में पुराना चैंपियन मिलेगा या फिर क्रोएशिया के रूप में 10वां नया विश्व विजेता। साथ ही दुनिया को ये भी देखने को मिलेगा कि क्या 19 वर्षीय स्टार फ्रांसीसी कायलिन मबाप्पे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनकर उभरेंगे या फिर से लूका मोड्रिच का जादू चलेगा। यह वह मुकाबला होगा जहां 1998 की विजेता फ्रांस की प्रतिष्ठा दांव पर होगी तो वहीं पहला फाइनल खेलने जा रही क्रोएशिया के पास खोने को कुछ नहीं बल्कि सब कुछ हासिल करने पर होगा।
वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना किसका होगा पूरा
32 टीमों की शिरकत के बाद फीफा वर्ल्ड कप के 21वें संस्करण के फाइनल में दो टीमें- फ्रांस और क्रोएशिया तमाम जद्दोजहद को पार कर फाइनल में पहुंची हैं। इन दोनों की नजरों में वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना है। दोनों टीमें आज अपने इसी सपने के लिए एक दूसरे से लड़ेंगी। फ्रांस तीसरी बार फाइनल में पहुंची है। वह 1998 में पहली बार अपने घर में खेले गए वर्ल्ड कप में फाइनल खेली थी और जीतने में सफल रही थी। इसके बाद 2006 में उसने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इटली से हार गई थी। फ्रांस के पास फाइनल खेलने का अनुभव है, लेकिन अगर क्रोएशिया की बात की जाए तो वह पहली बार फाइनल खेलेगी।
फ्रांस को विश्व कप जीतने का दावेदार माना जा रहा है
क्रोएशिया के मुकाबले फ्रांस को इस विश्व कप जीतने का दावेदार माना जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि कोच डिडिएर डेशचैंप की टीम किसी तरह के मुगालते में नहीं है। टीम के सबसे अनुभवी डिफेंडर ब्लाएस मतूडी इस सवाल पर छूटते ही कहते हैं, यह बकवास है। उन्होंने देखा है कि क्रोएशियाई नॉकआउट में किस तरह से खेले हैं। उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता।
क्रोएशिया में भी है दम
हालांकि मौजूदा विश्व कप में क्रोएशिया को फाइनल तक पहुंचने के लिए अपने सभी नॉकआउट राउंड के मुकाबलों में अतिरिक्त समय का सहारा लेना पड़ा है, जबकि फ्रांस ने अपने हर मुकाबले को निर्धारित समय में खत्म किया है। इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में क्रोएशिया ने अतिरिक्त समय में गोल करके फाइनल का टिकट कटाया था, जबकि प्री-क्वार्टर फाइनल में उसने डेनमार्क और क्वार्टर फाइनल में रूस के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल की थी।
इन खिलाड़ियों में होगी कड़ी टक्कर
देखा जाए तो क्रोएशिया अब तक पूरी टीम की तरह खेली है। लेकिन महज पांच फुट आठ इंच की लंबाई वाले कप्तान लुका मॉड्रिच का जवाब नहीं है, जो कि फाइनल में अपना 112वां अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलने उतरेंगे। चैंपियंस लीग खिताब में रीयल मैड्रिड की टीम का अहम हिस्सा रहे मॉड्रिच अपने करियर का सबसे बड़ा मुकाबला खेलने जा रहे हैं और उन्हें मौजूदा समय में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर माना जा रहा है। कप्तान के तौर पर मोड्रिच के ऊपर अपने देश को पहला वर्ल्ड कप दिलाने की जिम्मेदारी है। क्रोएशिया ऐसी टीम नहीं है, जो सिर्फ एक खिलाड़ी के दम पर खेले। उसके पास एंटे रेबिक, इवान राकिटिक, सिमे वारसाल्ज्को, इवान पेरीकिस जैसे खिलाड़ी हैं।
रोचक मुकाबले का बेसब्री से इंतजार
वहीं फ्रांस को पता है कि मॉड्रिक को शांत रखना उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी, जिसके लिए उसके मिडफील्डर एंगोलो कांटे सबसे अहम कड़ी होंगे। कांटे आक्रमण को बड़े आराम से टैकल करना जानते हैं जिसे उन्होंने बेल्जियम के खिलाफ सेमीफाइनल में भी दिखाया था। कांटे के बारे में कहा जाता है कि धरती के 70 प्रतिशत भाग पर कांटे हैं और 30 प्रतिशत पर पानी!
फ्रांस के आक्रामण को रोकना आसान नहीं
हालांकि क्रोएशिया के डिफेंस और गोलकीपर दोनों के लिए फ्रांस के आक्रामण को रोकना आसान नहीं होगा। एंटोनियो ग्रीजमैन, कीलियन एमबाप्पे, पॉल पोग्बा, एनगोलो कांटे को रोकना बेहद मुश्किल माना जा रहा है। हल्की सी चूक और ये खिलाड़ी खेल बदल सकते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा मुश्किल क्रोएशिया के लिए फ्रांस के डिफेंस को तोड़ना है।
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