नई दिल्ली। 1962 के एशियाई खेलों भारत को गोल्ड दिलाने वाले पूर्व फुटबाॅलर कप्तान चुन्नी गोस्वामी का लंबी बीमारी के बाद कोलकाता में निधन हो गया। गोस्वामी अब तक के सबसे सफल भारतीय फुटबॉल कप्तान थे और उनकी कप्तानी में भारत ने ना सिर्फ 1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता बल्कि 1964 के एशियाई कप में उपविजेता रहा। गोस्वामी ने भारत के लिए बतौर फुटबॉलर 1956 से 1964 तक 50 मैच खेले। उसी टीम में पीके बनर्जी और तुलसीदास बालाराम भी थे।
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गोस्वामी 82 वर्ष के थे और उन्होंने कोलकाता के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। परिवार के सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'उन्हें दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल में करीब पांच बजे उनका निधन हो गया।' वह मधुमेह, प्रोस्ट्रेट और तंत्रिका तंत्र संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे। गोस्वामी ने 1954 में जूनियर खिलाड़ी के रूप में स्थानीय दिग्गज मोहन बागान एफसी के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। कॉलेज में, उन्होंने फुटबॉल और क्रिकेट दोनों में कलकत्ता विश्वविद्यालय की टीमों की कप्तानी की।
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गोस्वामी ना सिर्फ फुटबाॅल बल्कि क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ गए थे। एक क्रिकेटर के रूप में, उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी खेलों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया। बंगाल उनकी कप्तानी में ही 1971-72 सीजन में फाइनल में पहुंची थी हालांकि यहां उन्हें अजीत वाडेकर की कप्तानी वाली बॉम्बे टीम से हार का सामना करना पड़ा था। बीसीसीआई ने ट्विटर पर उनकी तस्वीर शेयर कर लिखा है कि साल 1971-72 में बंगाल की ओर से रणजी ट्रॉफी में खेले और टीम को फाइनल तक पहुंचाया था। मीडिया में आई खबर के अनुसार वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
BCCI mourns the death of Subimal ‘Chuni’ Goswami, an all-rounder in the truest sense. He captained the Indian national football team & led to them to gold in the 1962 Asian Games. He later played first-class cricket for Bengal & guided them to the final of Ranji Trophy in 1971-72 pic.twitter.com/WgXhpoyLaB
— BCCI (@BCCI) April 30, 2020