नौ जून को अर्जेंटीना फुटबॉल टीम इसराइल के साथ दोस्ताना मैच खेलने जा रही है. ये मैच दोस्ताना और वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए तो है ही, अर्जेंटीना के लोग इसे लकी गेम की तरह भी ले रहे हैं.
'लकी गेम' मानने की वजह ये है कि इसराइल ने 1986 में भी इसराइल के ख़िलाफ़ दोस्ताना मैच खेला था और तब टीम वर्ल्ड कप विजेता रही थी.
रूस की मेजबानी में वर्ल्ड कप 14 जून से शुरू हो रहा है और टूर्नामेंट में अपना सफर शुरू करने से पहले अर्जेंटीना की टीम इसराइल के ख़िलाफ़ मैदान में आमने-सामने होगी.
दक्षिण अमरीकी लोगों के लिए यह मैच जहाँ अच्छा एहसास लेकर आएगा, वहीं फ़लस्तीनियों के पुराने जख़्म हरे हो जाएंगे.
70 फ़लस्तीनी बच्चों के एक समूह ने अर्जेंटीना के खिलाड़ी लियोनेल मेसी को एक पत्र लिखकर इस मैच में शामिल नहीं लेने की अपील की है.
यह मैच दक्षिणी यरुशलम के टेडी कोलेक स्टेडियम में खेला जाएगा, जो मलहा में स्थित है.
70 साल पहले हुए अरब-इसराइल युद्ध के दौरान मलहा को बर्बाद कर दिया गया था.
यहां रहने वाले फ़लस्तीनियों को इसराइली सेना ने 1948 में निकाल बाहर किया था.
यहां से विस्थापित हुए परिवारों के बच्चों का पत्र रविवार को इसराइल के अर्जेंटीना दूतावास में भेजा गया.
उस पत्र में फ़लस्तीनी बच्चों ने दावा किया है कि वो उन लोगों के बेटे और बेटियां हैं, जिन्हें उस जगह से विस्थापित कर दिया गया था, जहां आज स्टेडियम है.
बच्चों ने लिखा है, "जैसा कि हमलोगों को बताया गया है, आप अपने दोस्तों के साथ मलहा आए हैं, उस स्टेडियम में खेलने, जो हमारे गाँव को बर्बाद कर बनाया गया है."
बच्चों ने लिखा है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वो वहां आए हैं, लेकिन वो इस बात से दुखी भी हैं कि मैच उस जगह पर खेला जाएगा, जहां कभी उनका घर हुआ करता था.
1986 का मैच रमत गन में खेला गया था.
बच्चों ने पत्र में लिखा है, "लेकिन मेरी खुशी आंसुओं में बदल गई और मेरा दिल टूट गया है. यह कितना सही है कि हमारा हीरो मेसी उस स्टेडियम में खेलने जा रहे हैं जो हमारे पूर्वजों की कब्रों पर बना है."
उनलोगों के लिए नौ जून का दिन 'सैड डे' (दुखद दिन) होगा जब अर्जेंटीना और इसराइल की टीम आमने-सामने होगी.
पत्र के अंत में बच्चों ने लिखा है, "अपने दोस्तों की ओर से हमलोग भगवान से प्रार्थना करते हैं कि मेसी हमारा दिल नहीं तोड़ेंगे."
मेसी ने अभी तक सार्वजनिक रूप से पत्र पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है.
दोनों टीमों के बीच मैच तब हो रहा है जब पिछले कुछ सप्ताह में फलस्तीनियों और इसराइल सेना के बीच झड़पें बढ़ी हैं.
बीते सोमवार को फ़लस्तीन फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष जिबरिल रजौब ने भी पत्र लिखकर होने वाले मैच का विरोध जताया है. यह पत्र उन्होंने अर्जेंटीना, दक्षिण अमरीका फुटबॉल संघ और फ़ीफ़ा को लिखा है.
उन्होंने कहा, "इस खेल को राजनीतिक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. इसराइल की सरकार यरुशलम में यह खेल आयोजित करके राजनीतिक संदेश देना चाहती है."
उन्होंने अरब और मुस्लिम देशों के करोड़ों प्रशंसकों से मेसी नाम वाले टीशर्ट को जलाने को अपील की है.
एएफ़पी समाचार एजेंसी के मुताबिक इसराइल के खेल मंत्रालय ने इन विरोधों पर कुछ नहीं कहा है.
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