नई दिल्ली। रूस में फीफा विश्वकप का रोमांच जारी है। इस महामुकाबले की अगर बात करें तो कई ऐसे मौके आए जब पेनल्टी को गोल में बदलने और पेनल्टी मिलने के बाद गोल न कर पाने के कारण खिलाड़ी खासा चर्चा में रहे। गौरतलब हो कि इस विश्वकप में दो स्टार खिलाड़ी, अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी और पुर्तगाल के कप्तान रोनाल्डो दोनो ने ही पेनल्टी के मिले मौके को गंवाया और पूरी दुनिया में वो इस बात के लिए काफी चर्चा में भी रहे। हालांकि दोनो ही खिलाड़ियों की टीमें अब इस विश्वकप के आगे के सफऱ का हिस्सा नहीं हैं। फुटबॉल जगत के कई किस्से अपने में अलग मिसाल रखते हैं लेकिन 2003 में डेनमार्क और ईरान के बीच खेले गए एक मुकाबले में डेनमार्क की टीम ने हार कर भी पूरी दुनिया के करोड़ो खेल प्रशंसकों का दिल जीत लिया था, और इसकी वजह थी उनका एक स्टार खिलाड़ी मोर्टिन विघोर्स्ट ।
हुआ था कुछ यूंः दरअसल 2003 में ईरान और डेनमार्क के बीच एक मुकाबला खेला जा रहा था। इस मुकाबले में ईरानी खिलाड़ी ने मैदान में किसी दर्शक की सीटी की आवाज को रेफरी की हाफ टाइम की सीटी समझकर गेंद पेनल्टी एरिया में मार दिया। ऐसे में रेफऱी ने डेनमार्क की टीम को एक पेनल्टी किक का मौका दिया। वहीं पूरे मैदान से दर्शकों का शोर डेनमार्क की टीम का हौसला बढ़ा रहा था। ऐसे में डेनमार्क के खिलाड़ी मोर्टिन विघोर्स्ट के पास पेनल्टी किक का मौका था लेकिन उन्होंने अपनी टीम के कोच मोर्टिन ओल्सन से काफी देर सलाह मशविरा किया और गेंद को गोल पोस्ट से काफी दूर मार दिया और एक बेहतर खेल भावना और खिलाड़ी का परिचय दिया। वहीं इनकी टीम को इस मुकाबले में 1-0 से हार का भी सामना करना पड़ा लेकिन उनको फेयर प्ले अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वहीं उन्हें 2003 के डेनमार्क प्लेयर अवार्ड से भी नवाजा गया। ऐसे में आज के समय में जहां सिर्फ मुकाबले जीतने के शोर सुनाई देते हैं वहां दिलों को जीतने के भी कई किस्से खेल जगत में मौजूद हैं जिनमें से विघोर्स्ट एक हैं।