नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ड्रिबलिंग के जादूगर पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन शाहिद इन दिनों मोदी सरकार की उपेक्षा से काफी दुखी और परेशान हैं और इसी वजह से उन्होंने एक बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने अब अपने पति के सारे मेडल्स और सम्मान को वापस करने की बात कही है और कहा है कि वो 21 जुलाई को दिल्ली में सरकार को अपने पति के सारे पुरस्कार, मेडेल्स और सम्मान को वापस कर देंगी। आपको बता दें कि 20 जुलाई को मो. शाहिद की दूसरी बरसी है।
Parvin Shahid, wife of deceased Indian hockey player Mohammed Shahid who was a member of the team that won gold medal at the 1980 Olympic Games, says she will go to Delhi on July 21 to return the awards won by his husband as 'the government hasn't fulfilled its promises' pic.twitter.com/drYn3syw9x
— ANI UP (@ANINewsUP) July 17, 2018
सरकार से नाराज पूर्व हॉकी कप्तान की पत्नी उन्होंने इस सिलसिले में पीएमओ ऑफिस में एक लेटर भी भेजा है। मीडिया से बात करते हुए खिलाड़ी की पत्नी ने कहा कि वो पिछले दो साल से पीएम मोदी से मिलने के लिए वक्त मांग रही हैं लेकिन प्रशासन इस बात की अनुमति नहीं देता है। वो ना तो पीएम से मिलने देता है और ना ही वो हमारी किसी भी तरह से मदद करता है। सब ने हमसे जो वादे किए थे, उनमें से एक भी पूरे नहीं हुए। पति की पेंशन से अपने घर का खर्चा चला रही परवीन ने कहा कि मेरे बेटे को अपने पिता के निधन के दो साल बाद भी रेलवे में नौकरी नहीं मिल पाई है जबकि मे
महान खिलाड़ी के त्याग को मिली उपेक्षाः शाहिद के नाम पर स्टेडियम का नाम रखने, उनके नाम पर हॉकी खिलाड़ियों को सम्मान देने और राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट भी शुरू नहीं हो पाया है। मेरे पति ने अपना पूरा जीवन हॉकी और इस देश के नाम कर दिया लेकिन उस महान खिलाड़ी के त्याग और तपस्या का फल ये है कि आज उनका परिवार आर्थिक कष्ट से गुजर रहा और गुमनामी का जीवन जी रहा है।
नही्ं मिली सरकार से कोई मददः हमें सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में पति को मिले सम्मान का क्या करूंगी। अर्जुन पुरस्कार, पद्मश्री, यश भारती और अन्य सभी सम्मान दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री को वापस कर दूंगी।
He was a Padma Shri,an Olympian gold medalist.But if tournament or stadium can't be named after him, what's point of these medals?It's his 2nd death anniversary on July 20. Ministers came after his death&made big promises,but there's no tournament in his name in Varanasi:P Shahid pic.twitter.com/kIxOFSQXIJ
— ANI UP (@ANINewsUP) July 17, 2018
शाहिद ड्रिब्लिंग मास्टर कहलाते थेः आपको बता दें कि मोहम्मद शाहिद का जन्म 14 अप्रैल 1960 को यूपी के बनारस शहर में हुआ था। शाहिद को लोग ड्रिब्लिंग मास्टर कहते थे। मोहम्मद शाहिद साल 1980 में ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली हॉकी टीम के कप्तान थे। ।उन्हें 1981 में अर्जुन अवॉर्ड और 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनकी अगुवाई में इंडियन हॉकी टीम ने साल 1982 और 1986 के एशियाई खेलों में सिल्वर और कांस्य पदक जीता था। हॉकी छोड़ने के बाद शाहिद भारतीय रेलवे में स्पोर्टस ऑफिसर बने थे और बनारस में पोस्टेड थे लेकिन लीवर और किडनी की बीमारी से ग्रसित होने की वजह से शाहिद ने दो साल पहले मात्र 56 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।