स्विस स्क्वैश टूर्नामेंट में शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी एंबर एलिन्क्स ने उन ख़बरों को ग़लत बताया है जिनमें कहा गया था कि वे चेन्नई में विश्व जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप में इसलिए भाग नहीं ले रहीं क्योंकि उनके माता-पिता "भारत को महिलाओं के लिए असुरक्षित" मानते हैं.
18-29 जुलाई के दौरान चेन्नई में चल रहे 13वें विश्व जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप में स्विटजरलैंड की खिलाड़ी एंबर एलिन्क्स भाग नहीं ले रही हैं.
दो दिन पहले कई अख़बारों और ऑनलाइन मीडिया में यह ख़बर छपी थी जिसमें स्विटजरलैंड स्क्वैश टीम के कोच पास्कल भूरिन ने कहा है, "हमारे देश की नंबर-1 खिलाड़ी एंबर एलिन्क्स इस टूर्नामेंट में भाग लेने को लेकर बहुत उत्सुक थी, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकीं क्योंकि उनकी मां भारत को महिलाओं के लिए असुरक्षित मानती हैं और उन्हें भेजकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहतीं."
ख़बर के वायरल होने पर बीबीसी के तमिल रिपोर्टर ने चेन्नई में चल रहे टूर्नामेंट के दौरान स्विटजरलैंड के कोच पास्कल से मुलाकात की. पास्कल ने यह स्वीकार किया कि मीडिया में जो कुछ भी आया है वो उन्होंने ही कहा था, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उन्हें इसकी कतई उम्मीद नहीं थी कि यह इतनी बड़ी ख़बर बन जाएगी.
पास्कल की पुष्टि के बाद बीबीसी तमिल ने 13वीं विश्व जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप में शीर्ष वरीय खिलाड़ी के भाग नहीं लेने पर ख़बर छापी थी.
जब बीबीसी ने तमिलनाडु की पहली अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल रेफरी रूपा देवी से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा, "यह हमारे देश के लिए शर्मनाक ख़बर है. क्रिकेट जैसे अन्य खेलों की तुलना में भारत में स्क्वैश का अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित करना बहुत मुश्किल होता है. इसके बावजूद, जब एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने इसमें भाग लेने से मना दिया तो यह निश्चित तौर पर भारत के बारे में दुनिया के नज़रिए को दिखाता है."
विश्व चैंपियनशिप में भाग नहीं लेने के कारणों की पुष्टि करने के लिए बीबीसी ने एंबर और उनके पिता इगोर से बात की, जिसमें उन्होंने भारतीय मीडिया के दावों से पूरी तरह इनकार कर दिया.
एंबर के पिता इगोर ने कहा, "भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया में एंबर एलिन्क्स के बारे में जो ख़बर आई है, वो मेरी बेटी के भविष्य के लिए ख़तरनाक है और हम इसके बारे में बहुत चिंतित हैं."
उन्होंने कहा, "कुछ मीडिया में अफवाहें फैली थीं कि एंबर चेन्नई में हो रहे विश्व जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप में सुरक्षा कारणों से भाग नहीं ले रहीं. यह सच नहीं है. माता-पिता के तौर पर हमने पिछले साल सितंबर में ही दो कारणों से यह फ़ैसला कर लिया था कि इस बार उसे नहीं भेजेंगे."
उन्होंने कहा, "पहला कारण कि एंबर मार्च में 16 की हो रही हैं और वो अभी बहुत छोटी हैं, उन्होंने यूरोपियन अंडर-17 टीम इस साल खेला है और अगले साल वो विश्व जूनियर के लिए खेल रही हैं. पिछले साल सीजन के अंत में वो बहुत थक गई थीं और इसलिए हम उसे शारीरिक रूप से और थकाना नहीं चाहते थे."
उन्होंने कहा, "दूसरी बात, हमने सोचा कि यह फैमिली ट्रिप पर जाने का एक बहुत अच्छा मौका है. इसलिए अभी हम मिस्र में हैं जो स्क्वैश का एक अच्छा देश है. हम खुश हैं कि एंबर हमारे साथ हैं."
इगोर आग्रह करते हैं, "कृपया अफवाहें फैलाना बंद करें. भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें कोई चिंता नहीं है. यदि कोई टूर्नामेंट हो या अन्य किसी कारण से हमें भविष्य में भारत आकर बहुत खुशी होगी."
स्विस स्क्वैश ने इस मामले में एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा, "विभिन्न मीडिया और सोशल मीडिया में स्विट्जरलैंड की लड़कियों में नंबर-1 खिलाड़ी एंबर एलिन्क्स की चेन्नई में चल रहे विश्व स्क्वैश जूनियर चैंपियनशिप में भाग नहीं लेने को लेकर ग़लत ख़बर छापी गई है. इसमें कहा गया है कि एंबर को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के कारण उसके माता-पिता ने युवा लड़की के लिए भारत को ख़तरनाक जगह मानते हुए उसे टूर्नामेंट के लिए नहीं भेजा."
उन्होंने यह भी कहा कि यह बयान बिल्कुल झूठा और निंदनीय है.
बयान में कहा गया है, "उन्होंने एंबर, उसके माता-पिता और स्विस स्क्वैश को बदनाम किया है. यह सही है कि एंबर को उनके माता-पिता इस साल जूनियर विश्व चैंपियनशिप में नहीं भेजना चाहते थे क्योंकि वो अभी छोटी हैं और साथ ही परिवार का अपना निजी कार्यक्रम भी था. इस फ़ैसले का मेज़बान देश भारत से कोई लेना देना नहीं था."
इसके साथ ही स्विस स्क्वैश ने भारतीय मीडिया से झूठे बयान पर ध्यान नहीं देने को कहा है और साथ ही इस मसले को लेकर सोशल मीडिया पर एंबर पर हमले नहीं करने का आग्रह किया है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)