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Flashback 2021: क्रिकेट के अलावा इन खेलों में भी भारत ने लहराया परचम, जानें कैसा रहा साल

By Bbc Hindi

नई दिल्ली। भारतीय खिलाड़ियों के लिए साल 2021 अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेल की दुनिया में उनके प्रदर्शन को देखते हुए अद्वितीय ही कहा जाएगा। सबसे बड़े खेल मेले टोक्यो ओलंपिक में भारत ने नया इतिहास रचते हुए पहली बार सात पदक जीते। इसमें जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता। ट्रैक एंड फ़ील्ड प्रतियोगिता में ऐसी कामयाबी हासिल करने वाले वह पहले भारतीय एथलीट हैं। यही वजह है कि वह साल 2021 में गूगल पर सर्वाधिक सर्च किए जाने वाले लोगों में से भी हैं। भारतीय पैरा एथलीट खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए टोक्यो पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार सर्वाधिक 19 पदक जीते। साल 2021 जाते-जाते भारतीय बैडमिंटन के लिए भी खुशख़बरी देकर गया।

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सुर्खियों में रहे विराट कोहली

विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में के श्रीकांत ने रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। ऐसी कामयाबी हासिल करने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बने। महिला पहलवान अंशु मलिक ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत को पहली बार रजत पदक दिलाया। सौरव घोषाल ने मलेशियाई ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट जीतकर मिसाल पेश की। हॉकी में भारतीय पुरुष टीम ने जूनियर विश्व कप में अपना पिछला खिताब गँवाया तो अब वह एशियन चैंपियन भी नहीं रहा। साल 2021 में जहां कई कीर्तिमान बने तो कई खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। लेकिन साल जाते-जाते सबसे अधिक सुर्खियों में रहे विराट कोहली। वन डे की कप्तानी, बीसीसीआई के साथ गतिरोध और साथी खिलाड़ी रोहित शर्मा से रिश्तों को लेकर वह सुर्खियों में बने रहे।

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विवाद, कामयाबी और नाकामी में झूलती रही भारतीय क्रिकेट

साल 2021 में भारतीय क्रिकेट टीम अपनी दो सबसे बड़ी परीक्षाओं में नाकाम रही। वह आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड से हारी। इसके बाद उसे सबसे बड़ा झटका तब लगा जब आईसीसी टी-20 विश्व कप में सुपर-12 के पहले ही मैच में पाकिस्तान ने बेहद आसानी से दस विकेट से हरा दिया। यह पाकिस्तान की भारत के ख़िलाफ विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के किसी भी प्रारूप में मिली पहली जीत थी। इसके बाद रही सही कसर अगले ही मैच में न्यूज़ीलैंड ने आठ विकेट से हराकर पूरी कर दी। नतीजा यह निकला कि भारत सेमीफ़ाइनल तक भी नहीं पहुँचा। इसके बाद भारत के कप्तान विराट कोहली लगातार विवादों में घिरते चले गए।

टी-20 विश्व कप के दौरान ही टीम के कोच रवि शास्त्री की अपने पद से छुट्टी हो गई और पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने उनकी जगह ली। इन सबके बीच भारत ने टेस्ट सिरीज़ में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में मात दी तो अपनी ही ज़मीन पर इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड को हराया जबकि इंग्लैंड में खेली गई पाँच टेस्ट मैचों की सिरीज़ में खेले गए चार मैचो में वह दो-एक से आगे है। दरअसल पांचवां टेस्ट मैच कोरोना के कारण रद्द कर दिया गया जो अब भारत के अगले इंग्लैंड दौरे में अतिरिक्त मैच के रूप में खेला जाएगा।

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विवाद पड़े उपलब्धियों पर भारी

भारत ने इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ एकदिवसीय और टी-20 सिरीज़ में भी दमदार खेल दिखाकर ज़ोरदार जीत हासिल की जिनमें रोहित शर्मा ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बावजूद विराट कोहली और रोहित शर्मा के रिश्तों के बीच अनबन की खबरे हवा में आग की तरह फैली। उसके बाद नया विवाद विराट कोहली के एक बयान से इस पूरे विवाद में पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का नाम भी शामिल हो गया। उसके बाद आर अश्विन ने भी जैसे रवि शास्त्री के ख़िलाफ मोर्चा खोलते हुए काफी कुछ कहा। जिसका जवाब रवि शास्त्री ने भी अपने ही अंदाज़ में दिया। भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों दक्षिण अफ़्रीका का दौरा कर रही है। भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच सेंचुरियन में खेला गया पहला टेस्ट मैच भारत के खाते में रहा है।

भारत ने 113 रन के विशाल अंतर से जीत हासिल की है। इससे पहले साल की शुरूआत में भारत ने अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे में मेज़बान ऑस्ट्रेलिया को जनवरी में ब्रिसबेन में खेले गए चौथे और आख़िरी टेस्ट मैच में तीन विकेट से हराया था और सिरीज़ 2-1 से अपने नाम की थी। इस सिरीज़ में भारतीय खिलाड़ियों ख़ासकर विराट कोहली की अनुपस्थिति में कप्तानी का भार सँभालने वाले अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, आर अश्विन, ऋषभ पंत, हनुमा विहारी, रविंद्र जडेजा मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज सबकी आँखों का तारा बन गए। ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटकर भारत ने चार टेस्ट मैचों की घरेलू सिरीज़ में मेहमान इंग्लैंड को तीन-एक से हराया। रोहित शर्मा 345 रन बनाने और आर अश्विन 32 विकेट झटकने में कामयाब रहे।

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कोहली से लगातार हुई गलतियां

भारत ने इंग्लैंड को तीन मैचों की एकदिवसीय सिरीज़ में 2-1 से और पाँच मैचों की टी-20 सिरीज़ में 3-2 से मात दी। इसके बाद भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया जहां टेस्ट सिरीज़ से पहले उसने आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल खेला जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हार के बाद विराट कोहली ने कहा कि कुछ खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं खेले। यह शायद भारतीय खिलाड़ियों के बीच पनप रही आग की पहली चिंगारी थी। इसके बाद भारत में इंग्लैंड के ख़िलाफ पाँच टेस्ट मैचों की सिरीज़ में खेले गए चार मैचों में 2-1 की बढ़त हासिल की। पांचवां और आख़िरी टेस्ट मैच कोरोना के कारण भारत के अगले दौरे तक टाल दिया गया है। इंग्लैंड में मिली कामयाबी के बावजूद विराट कोहली का आर अश्विन को किसी भी टेस्ट मैच में ना खिलाना किसी को समझ में नहीं आया जबकि इसी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने घरेलू सिरीज़ में 32 विकेट लिए थे।

इसके बाद विराट कोहली का टी-20 क्रिकेट में भारत और आईपीएल से अपनी फ़्रेंचाइज़ी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी छोड़ना भी सुर्खियो में रहा। इसके बाद उन्हें भारत की एकदिवसीय टीम की कप्तानी से हटाना और फिर बीसीसीआई को लेकर दिया उनका बयान भी विवादों में रहा। विराट कोहली ने प्रेस के सामने आकर कहा कि रोहित शर्मा से उनकी कोई अनबन नहीं है लेकिन उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की भूमिका पर सवाल ज़रूर खड़े किए। ख़ैर इंग्लैंड दौरे के बाद भारत ने घरेलू सिरीज़ में आईसीसी टी-20 विश्व कप की उपविजेता न्यूज़ीलैंड को पहले तो रोहित शर्मा की कप्तानी में टी-20 सिरीज़ में 3-0 से मात दी और उसके बाद दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ में 1-0 से हराया। पहले टेस्ट मैच में अजिंक्य रहाणे और दूसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली ने कप्तानी की।

आर अश्विन की टिप्पणी ने भड़काया रवि शास्त्री को

अभी विराट कोहली और रोहित शर्मा को लेकर छिड़ा विवाद कुछ शांत हुआ ही था कि आर अश्विन ने एक बयान में टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जिससे स्थिति काफी बिगड़ गई।

अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि रवि शास्त्री के कोच रहने के दौरान एक बार उन्हें ऐसा लगा कि जैसे उन्हें बीच भँवर में छोड़ दिया गया है। इस स्थिति के कारण उन्होंने कई बार क्रिकेट को अलविदा कहने के लिए भी सोचा।

दरअसल, एक मैच के बाद रवि शास्त्री ने कहा था कि कुलदीप यादव विदेशों में भारत के शीर्ष स्पिनर हैं। तब कुलदीप यादव ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ 2019 के सिडनी टेस्ट मैच में पाँच विकेट लिए थे।

अश्विन ने क्रिकेट वेबसाइट 'ईएसपीएन क्रिकइंफ़ो' को दिए इस इंटरव्यू में कहा है कि कुछ साल पहले रवि शास्त्री ने एक ऐसी टिप्पणी की जिससे उन्हें ऐसा लगा जैसे उनको 'बस के नीचे फेंक दिया गया हो'।

अश्विन ने कहा, "मैं रवि भाई को ख़ासा मान देता हूँ। हम सभी देते हैं। मैं ये भी समझता हूँ कि हम सभी अपनी बातें रख सकते हैं और फिर उन्हें वापस भी ले सकते हैं। लेकिन उस एक पल में लगा कि मुझे कुचल दिया गया है। पूरी तरह ज़मींदोज हो गया हूँ।"

आर अश्विन की बात का रवि शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा कि कोच के रूप में उनका काम हर किसी को मक्खन लगाना नहीं है। यदि मेरी बात से किसी को बुरा लगा तो यह अच्छी बात है।

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मोहम्मद शमी के 200 विकेट, मयंक, अय्यर और राहुल के शतक

दक्षिण अफ़्रीका दौरे से पहले न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ खेली गई टेस्ट सिरीज़ में श्रेयस अय्यर ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक और अर्धशतक बनाया तो मयंक अग्रवाल ने भी मिले मौक़े का फ़ायदा दोनों हाथों से उठाया और शतक और अर्धशतक बनाकर अपने चयन पर उठती तलवार को हटाया।

वहीं मोहम्मद शमी ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ खेले पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में पाँच विकेट के पंच के साथ अपने टेस्ट करियर के 200 विकेट पूरे किए।

इसके अलावा भारत के पूर्व ऑफ़ स्पिनर हरभजन सिंह ने पिछले दिनों क्रिकेट के हर प्रारूप को अलविदा कह दिया।

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आर अश्विन बन सकते हैं साल के सर्वश्रेष्ठ "टेस्ट क्रिकेटर"

आर अश्विन के लिए इससे बढ़कर ख़ुशी की क्या बात होगी कि आईसीसी ने उनके लिए एक बयान में कहा है कि लंबे प्रारूप में भारत के महानतम मैच विजेताओं में से एक आर अश्विन ने 2021 में फिर दुनिया के शीर्ष स्पिनर के रूप में अपनी धाक जमाई है।

आईसीसी ने आर अश्विन, इंग्लैंड के कप्तान जो रूट, न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ राइल जैमीसन और श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज़ दिमुथ करूणारत्ने को साल के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर के रूप में नामित किया है।

आर अश्विन ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ पहले टेस्ट मैच से पहले इस साल आठ टेस्ट मैचों में 52 विकेट चटकाने के अलावा 337 रन भी बनाए है।

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टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता

क्रिकेट में विवाद और कामयाबी की धूप छाँव के बीच भारतीय एथलीटों ने इस साल टोक्यो ओलम्पिक्स में एक स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक सहित कुल सात पदक जीते।

यह भारत का ओलंपिक खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।

इससे पहले भारत ने लंदन ओलंपिक में साल 2012 में छह पदक जीते थे।

भारत के नीरज चोपड़ा ने फ़ाइनल में 87।58 मीटर दूरी तक जैवलिन थ्रो करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

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इसके साथ ही नीरज चोपड़ा ने भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह की आत्मा को भी शांति प्रदान की जो ट्रैक एंड फ़ील्ड में किसी एथलीट के स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखा करते थे। कोरोना के कारण इसी साल उनका निधन हो गया।

नीरज चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत रूप से स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी बने।

उनसे पहले साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाज़ी में स्वर्ण पदक जीता था।

टोक्यो ओलंपिक में भारत को दो रजत पदक मिले।

भारत की महिला वेटलिफ्टर साईखोम मीराबाई चानू ने 49 किलो भार वर्ग में स्नैच में 87 और क्लीन एंड जर्क में 115 किलो समेत 202 किलो वेट उठाकर रजत पदक अपने नाम किया।

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भारत को दूसरा रजत पदक फ्रीस्टाइल कुश्ती के 57 किलो भार वर्ग में पहलवान रवि दहिया ने दिलाया।

फ़ाइनल में वह रूस के रिज़वानोविच यूगेव से 1-3 से हार गए। इसके अलावा भारत को टोक्यो में चार कांस्य पदक भी मिले।

भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कांस्य पदक के मुक़ाबले में चीन की ही बिंग जियाओ को बेहद आसानी से 21-13, 21-15 से हराया। इसके साथ ही वह ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत रूप से दो पदक जीतने वाली भारत की दूसरी खिलाड़ी बन गई।

उनसे पहले पहलवान सुशील कुमार ने यह कारनामा किया था।

पीवी सिंधु के अलावा भारत की महिला मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन ने वेल्टरवेट के मुक़ाबले में कांस्य पदक जीता। वह ओलंपिक में विजेंदर सिंह और एमसी मैरीकॉम के बाद तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने मुक्केबाज़ी में कांस्य पदक जीता है।

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भारत को फ्रीस्टाइल कुश्ती में बजरंग पूनिया ने भी कांस्य पदक दिलाया। उन्होंने 65 किलो भार वर्ग में यह सफलता हासिल की।

टोक्यो में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी तीसरा स्थान हासिल करते हुए कांस्य पदक जीता। कांस्य पदक की लड़ाई में उसने जर्मनी को 5-4 से हराया। इससे पहले भारत ने साल 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम और महिला गोल्फर अदीति अशोक चौथे स्थान पर रहकर बेहद क़रीब से पदक चूक गई।

टोक्यो पैरालंपिंक्स में 19 पदक जीतकर भारत ने दिखाया दमख़म

ओलंपिक के बाद ही टोक्यो में हुए पैरालंपिक्स में भारत के पैरा एथलीटों ने पाँच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य सहित 19 पदक जीतकर कामयाबी का परचम लहराया।

भारत की महिला निशानेबाज अवनी लेखारा ने अपनी स्पर्धा में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक सहित दो और सिंहराज अधाना ने भी निशानेबाज़ी में ही अपनी स्पर्धा में एक रजत और एक कांस्य सहित दो पदक जीते।

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पुरुष हॉकी टीम ने गवाई बादशाहत

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम से उम्मीद थी कि वह दूसरे टूर्नामेंट्स में भी शानदार प्रदर्शन करें लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पिछले दिनों ढाका में हुए एशियन चैम्पियंस हॉकी टूर्नामेंट में वह पाकिस्तान को बमुश्किल 4-3 से हराकर कांस्य पदक जीत सकी।

इससे पहले साल 2018 में वह ओमान में हुए इसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान के साथ संयुक्त विजेता थी।

इसके अलावा भारत अपनी ही मेज़बानी में भुवनेश्वर में खेले गए जूनियर विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट में भी चौथे स्थान पर रहा। इससे पहले साल 2016 में लखनऊ में उसने इसी टूर्नामेंट के फ़ाइनल में बेल्जियम को 2-1 से हराकर ख़िताब जीता था।

विराट कोहली ने क्यों कहा कि वे खेल नहीं पाएँगे, अगर।।।।

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मुक्केबाज़ी में आकाश छाए

भारत के आकाश कुमार ने इसी साल सर्बिया में हुई विश्व मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। सेमीफ़ाइनल में वह कज़ाकिस्तान के मुक्केबाज़ से एकतरफ़ा 5-0 से हारे। वह विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले सातवें मुक्केबाज़ हैं।

महिला पहलवान अंशु मलिक ने रचा इतिहास

अंशु मलिक ने नॉर्वे में हुई विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। ऐसी कामयाबी हासिल करने वाली वह पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।

उनसे पहले अलका तोमर, गीता, बबीता, विनेश फोगाट और पूजा ढांडा कांस्य पदक ही जीत सकी हैं। अंशु मलिक के अलावा सरिता मोर ने भी कांस्य पदक जीता।

57 किलो वजन वर्ग में लड़ने वाली अंशु मलिक ने इसी साल एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक भी जीता।

सौरव घोषाल ने जीता स्क्वैश टूर्नामेंट

भारत के सौरव घोषाल ने इस साल मलेशियाई ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट जीता।

फ़ाइनल में उन्होंने टॉप सीड कोलंबियाई खिलाड़ी रॉड्रीगेज़ को मात दी।

मलेशियाई ओपन जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं।

इससे पहले वह साल 2003 में उपविजेता रहे थे। उनके अलावा भुवनेश्वरी कुमारी भी इस टूर्नामेंट की उपविजेता रह चुकी हैं।

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बैडमिंटन में के श्रीकांत उभरे सिंधु के हाथ से फिसला ख़िताब

साल 2021 भारतीय बैडमिंटन को जाते जाते बहुत कुछ दे गया। हाल ही में स्पेन में समाप्त हुई विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में के श्रीकांत ने रजत पदक जीता। यह पुरुष वर्ग में भारत की सबसे बड़ी कामयाबी है। इसी चैंपियनशिप में भारत के लक्ष्य सेन ने भी कांस्य पदक जीता। महिला वर्ग में भारत की पीवी सिंधु वर्ल्ड टूर फाइनल्स के फ़ाइनल में दक्षिण कोरिया की एन सी यंग से 21-16, 21-12 से हार गईं। वह साल 2018 में इसे जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं।

इसके अलावा भारत की महिला तीरंदाज़ दीपिका कुमारी ने पेरिस में हुए विश्व कप के तीसरे चरण में व्यक्तिगत, टीम और मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीते। अगले साल भी भारत दुनिया भर की खेल गतिविधियों में हिस्सा लेगा जहां सबकी नज़रें ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप और चीन में होने वाले एशियन गेम्स के अलावा बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों पर होगी।

BBC Hindi

Story first published: Friday, December 31, 2021, 19:36 [IST]
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