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पहलवान बबीता फोगाट
पहलवान बबीता फोगाट ने ट्वीट में कहा है कि जो अपने देश के हक में बात नहीं कर सकती, उसके हक में बात करना ठीक है क्या? इस बहस में पहले ही वीरेंद्र सहवाग, रणदीप हुड्डा, महिला पत्रकार राणा आयूब जैसे नामचीन लोग कूद पड़े हैं। मामले ने सियासी रंग भी पकड़ा है इसलिए आज गुरमेहर कौर केवल एक शहीद की बेटी नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर एक नए आंदोलनकारी के रूप में संबोधित की जा रही है।
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महिला पत्रकार राणा आयूब
बवीता फोगाट ने महिला पत्रकार राणा आयूब के उस ट्वीट का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने रणदीप हुड्डा पर टिप्पणी की थी कि हरियाणा के हैं ना, महिलाओं के उत्थान की कोशिश कर रहे हैं।
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हरियाणा की ही हैं हम फोगाट बहनें भी...
बवीता ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की ही हैं हम फोगाट बहनें भी, क्या जानती हैं आप हरियाणा के बारे में। राणा ने बबीता से कहा कि उम्मीद है कि आप जैसी हरियाणा की सफल खिलाड़ी गुरमेहर ट्वीट्स के हक में भी बात करेंगी, इस पर बबीता ने जवाब दिया, 'जो अपने देश के हक में बात नहीं कर सकती, उसके हक में बात करना ठीक है क्या?'
ऐसी भाषा का इस्तेमाल
जिस पर राणा ने बवीता की आलोचना करते हुए कहा कि एक सम्माननीय महिला से शहीद की बेटी के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल निंदनीय है।
क्या है मसला?
आपको बता दें कि ये पूरा विवाद तब पनपा जब जब डीयू के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार का आयोजन हुआ जिसमें जेएनयू के छात्र उमर खालिद और शेहला राशिद को कॉलेज की लिटरेरी सोसायटी ने हिस्सा लेने के लिए बुलाया था। उमर खालिद पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है जिसके खिलाफ एबीवीपी ने विरोध करना शुरू कर दिया।
उमर खालिद और शेहला राशिद का आमंत्रण रद्द
हंगामा बढ़ने पर रामजस कॉलेज ने उमर खालिद और शेहला राशिद का आमंत्रण रद्द कर दिया। जिसको लेकर लेफ्ट विचारधारा के छात्र संगठन आईसा ने विरोध मार्च निकाला। जिसमें एबीवीपी और आईसा समर्थकों के झड़प हुई।
कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी और डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर
इसी विवाद के बीच 1999 की करगिल लड़ाई में शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी और डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर एक मुहिम शुरू की, जिसमें गुरमेहर ने लिखा कि वे वामपंथी नहीं हैं, लेकिन सहमत होने पर ही एबीवीपी का समर्थन करेंगी, मैं एबीवीपी को नकारती हूं क्योंकि वो भीड़ तंत्र और संविधान की तरफ से मिली मौलिक आजादी के खिलाफ है।
'मेरी कई सहेलियों को बलात्कार की धमकियां दी गई'
गुरमेहर आरोप लगाती हैं कि मेरी कई सहेलियों को बलात्कार की धमकियां दी गई थी, मेरे कई दोस्तों को मारा गया था पीटा गया था, अपने दोस्तों के समर्थन में मैंने ये विरोध शुरू किया है। यही कारण है कि ये आग की तरह फैला है,मैं अकेली नहीं हूं इस विचार के साथ, पूरे भारत में छात्र हमारे साथ हैं जो मानते हैं कि हम एक छात्र संगठन के ख़िलाफ़ खड़े हों जो लोग गुंडागर्दी को बढ़ावा देता है।