नई दिल्ली। सागर राणा हत्याकांड में सुशील कुमार और उनके अन्य साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने सशील कुमार को छह दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इस पूरे मामले की जांच दिल्ली की क्राइम ब्रांच कर रही है। लेकिन इस पूरे मामले पर सुशील कुमार के वकील बीएस जाखर ने कहा कि यह उनके खिलाफ षड़यंत्र है, सुशील कुमार को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमे सुशील कुमार का जिक्र नहीं है, सागर की मौत के बाद दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार का नाम एफआईआर में जोड़ा है। हमने आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि यह दो गुटों के बीच का झगड़ा था और इस मामले को शांत करने के लिए सुशील कुमार ने बीच बचाव किया था।
बता दें कि यह पूरी घटना 4 मई की है, जब दो गुटों के बीच छत्रसाल स्टेडियम में झगड़ा हो गया। एफआईआर में कहा गया है कि मॉडल टाउन स्थित फ्लैट को लेकर हुआ जोकि सुशील कुमार का है। झगड़े के दौरान सागर के सिर पर चोट आ गई थी जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। जिसके बाद सुशील कुमार फरार हो गए थे और पुलिस ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया और एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया।
सुशील कुमार के वकील का कहना है कि दिल्ली पुलिस के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि 10 दिन के भीतर गैरजमानती वारंट जारी किया गया हो। आखिर सुशील कुमार के खिलाफ ऐसा क्यों किया गया। पुलिस ने धारा 160 के तहत सुशील कुमार की पत्नी को नोटिस भेजा है, सुशील कुमार को नहीं, ऐसा क्यों। इसके बाद इन लोगों ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया, सामान्य तौर पर यह तब होता है जब चार्जशीट दायर हो जाती है। इस पूरे मामले की शुरुआत से ही पुलिस का इरादा ठीक नहीं था।
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फिलहाल सुशील कुमार पुलिस की रिमांड में हैं। जाखर ने कहा कि पुलिस रिमांड में पुलिस जबरन उनपर दबाव बना रही है कि वह गुनाह कबूल कर लें जोकि उन्होंने नहीं किया है। सुशील कुमार ने तमाम आरोपों को खारिज किया है, उन्होंने किसी भी कागज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। पुलिस के पास 90 दिन है इस मामले में चार्जशीट फाइल करने के लिए, जो वीडियो क्लिप वायरल हुई है, जिसमे पुलिस दावा कर रही है कि सुशील कुमार घटना के वक्त मौजूद थे, वो कहा है। हम अगली सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।