तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
BBC Hindi

मेरा विवादों से कोई नाता नहीं: सुशील कुमार

By Bbc Hindi

दो बार ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और पहलवान प्रवीण राणा के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स के चयन के दौरान हुए विवाद का मामला भारतीय कुश्ती महासंघ तक पहुंच चुका है.

इस मामले को महासंघ अपनी अनुशासनात्मक समिति को भेज चुका है. लेकिन जब इस मामले के संबंध में सुशील से बीबीसी ने बात की तो उन्होंने कहा कि उनका विवादों से कोई नाता नहीं है.

दरअसल, प्रवीण राणा ने शिकायत की थी कि सुशील और उनके समर्थकों ने कॉमनवेल्थ गेम्स के चयन के दौरान कथित तौर पर उनकी पिटाई की थी.

खिलाड़ी के हारने पर उत्तर कोरिया क्या सज़ा देता है?

सुशील मांग रहे दुआएं

कॉमनवेल्थ गेम्स में भी सुशील कुमार दो बार भारत के लिए पदक जीत चुके हैं. इस बार फिर वह इसके लिए क्वालीफ़ाई कर चुके हैं.

इस पर वह कहते हैं, "देशवासियों की दुआएं चाहिए कि फिर से अच्छा कर सकें."

फ़िर से ओलंपिक में भाग लेने के सवाल पर सुशील ने कहा कि उससे पहले भी काफ़ी प्रतियोगिताएं हैं. वह कहते हैं कि 'लीग गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और फिर एशियन गेम्स हैं, इनको लक्ष्य बनाकर चलना है तभी आगे का सोचेंगे.'

साथ ही प्रीमियर रेसलिंग लीग पर भी सुशील ने ख़ुशी जताई. उनका कहना है कि वह दिल्ली की टीम का हिस्सा बनकर खुश हैं और वह वहां भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे.

https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/1858950057469894/

21 जनवरी को प्रो रेसलिंग लीग के एक मैच में प्रवीण राणा का मुक़ाबला सुशील कुमार से होना है. इस बारे में भी सुशील कहते हैं कि वह तैयार हैं और अपना सौ फ़ीसदी देंगे.

भार वर्ग बदलने पर भी सुशील कुमार काफ़ी चर्चा में रहे थे. 66 से 74 किलोग्राम की श्रेणी में खेलने पर उनका मानना है कि पहलवान अपनी प्रतियोगिता के हिसाब से खुद को भार वर्ग में तब्दील कर लेता है.

शाकाहारी खाने पर कुश्ती

वह कहते हैं कि 'खिलाड़ी का मक़सद ही होता है मुश्किलों से पार पाना तो भार वर्ग में तब्दीली करना भी बड़ी चुनौती होती है.'

सुशील कुमार शाकाहारी होने को लेकर भी काफ़ी प्रसिद्ध हैं. एक पहलवान होते हुए शाकाहारी खानपान पर कुश्ती करना कैसा होता है. इस पर वह कहते हैं कि उन्हें जो शाकाहारी खाना मिलता है, वह वो खा लेते हैं.

वह कहते हैं, "डाइटीशियन बताता रहता है कि आपको क्या लेना है. कितनी प्रोटीन की ज़रूरत पड़ेगी यह भी पता चलता रहता है."

कुश्ती अकेडमी को लेकर भी उन्होंने रुचि दिखाई है. उनका कहना है कि हरियाणा सरकार ने उन्हें इसके लिए ज़मीन दी है और कुश्ती छोड़ने के बाद वह पूरी तरह युवाओं के लिए समर्पित हो जाएंगे.

लालू-पप्पू के बेटे भला क्रिकेट टीम में पहुंचे कैसे?

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi

Story first published: Monday, January 15, 2018, 12:33 [IST]
Other articles published on Jan 15, 2018
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X