लगने लगी वीआईपी कतारेंः
स्वप्ना ने एशियाड में तिरंगा सबसे लहराया तो जलपाईगुड़ी के इलाके में लोगों के लिए दिवाली आ गई थी, उनकी मां अपनी बेटी की इस सफलता पर इस तरह खुश थी कि उनके खुशी के आंसू रुकने के नाम ही नहीं ले रहे थे। हेप्टाथलॉन में भारत को पदक दिलाने वाली स्वप्ना पहली महिला खिलाड़ी हैं, उनकी इस सफलता के बाद उनके घर वीआईपी लोगों के आने का दौर भी शुरू हो गया है, लोग देश की इस गोल्डन बेटी के स्वागत के लिए तरह-तरह की तैयारियां कर रहे हैं।
बनने लगी है पक्की सड़कः
स्वप्ना के गांव में अभी तक पक्की सड़क नहीं पहुंच सकी थी, घोषपाणा तक जाने वाली सड़क जो खेतों के बीच से होकर गुजरती है उसी पतली और संकरी पगडंडियों पर बर्मन ने पहली बार दौड़ लगाई थी, वही उनका ट्रैक भी था, लेकिन आज उस पगडंडियों पर दर्जनों मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं वजह है कि बेटी जब वापस स्वदेश लौट कर आए तो उसके स्वागत में कोई कमी न रह जाए।
पिता हैं रिक्शाचालकः
वैसे तो स्वप्ना के पिता रिक्शा चलाते हैं लेकिन आज बेटी के करतब के कारण उनके घर पर वीआईपी लोगों का जमावड़ा लगा है। पंचन बर्मन (स्वप्ना के पिता) से मिलने के लिए आज लोग खुद उनके उस टीन शेड वाले घर पर दस्तक दे रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन भी तेजी से सड़कों को पक्का करने में लगा है।
तैयारियां जोर शोर से चल रही हैंः
स्वप्ना की तैयारी में गांव वाले हों या प्रशासन किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। एक बड़ा सा गेट उनके स्वागत के लिए तैयार है वहीं विकास प्रशासन ने पूरे गांव में फैंसी लाइट लगवा दी है। डीजे आदि तो पहले ही से बुक हैं ।
कभी जूते भी न थे मयस्सर आज स्वागत के लिए इतनी तैयारियांः
अपनी बेटी की जीत टीवी पर देखने के बाद काफी भावुक हो गईं बासोना की आंखों से खुशी के मारे आंसुओं की धार निकल पड़ी थी, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल काफी वायरल हुआ था। उन्होंने बताया कि बचपन में तो वह नंगे पांव ही दौड़ती थी। हम उसके लिए खाने का इंतजाम तो कर नहीं पा रहे थे, जूते खरीदने के लिए पैसे कहां से लाते? लेकिन आज स्वप्ना ने संघर्ष के दम पर एक मिसाल कायम की और आलम यह है कि राज्य की टीएमसी सरकार के मंत्री गौतम देब स्वप्ना के घर पहुंचे थे। देब ने फोन पर परिवार की बात सीएम ममता बनर्जी से भी कराई। ममता बनर्जी ने स्वप्ना को 10 लाख रुपये का इनाम और सरकारी नौकरी देने का वादा किया।
ऐसे बढ़ाया था देश का मान
गौरतलब हो कि स्वप्ना बर्मन ने 18वें एशियाई खेलों के 11वें दिन महिलाओं की हेप्टाथलॉन स्पर्धा में भारत की झोली में स्वर्ण पदक डाला था, वहीं यह मेडल भारत के लिए ऐतिहासिक भी है क्योंकि हेप्टाथलॉन के खेल में भारत ने कभी मेडल नहीं जीता था।