क्रिकेट विश्व कप में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद पाकिस्तानी टीम में भारी उठापटक की स्थिति है.
विश्व कप में 10 टीमों की सूची में पाकिस्तान 9वें नंबर पर है. पाकिस्तान से नीचे केवल अफ़ग़ानिस्तान है. पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट में अब तक केवल एक जीत ही नसीब हुई है.
इस बीच पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद हफ़ीज़ ने कहा है कि विश्व कप में ख़राब प्रदर्शन के कारण सभी खिलाड़ी दुखी हैं और वो वापसी के लिए बेक़रार हैं ताकि सेमी फ़ाइनल में जगह बन सके.
1992 के वर्ल्ड कप का विजेता रहा पाकिस्तान इस बार टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर है. पाकिस्तान को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए न केवल बाक़ी के सभी चार मैच जीतने हैं बल्कि दूसरों के मैच के नतीजे भी उसके पक्ष में होने चाहिए.
पाकिस्तान का अगला मैच दक्षिण अफ़्रीका से रविवार को लॉर्ड्स में है. हफ़ीज़ का कहना है कि पाकिस्तानी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन सुधारने के लिए बेक़रार हैं. हफ़ीज़ ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा है, "पाकिस्तान को टेबल में 9वें नंबर पर देखना हमारे लिए काफ़ी दुखद है."
पाकिस्तान ने इंग्लैंड से एकमात्र मैच जीता है जिसमें 348 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था. इसमें हफ़ीज़ ने 84 रन की बेहतरीन पारी खेली थी.
पाकिस्तान की शुरुआत बहुत शर्मनाक रही थी. वेस्टइंडीज़ से पहले ही मैच में सात विकेट से अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और भारत से हार मिली. श्रीलंका के साथ बारिश के कारण मैच नहीं हो पाया था.
दक्षिण अफ़्रीका के अलावा पाकिस्तान को न्यूज़ीलैंड, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से मैच खेलने हैं. हफ़ीज़ का कहना है कि एक टीम के रूप में पाकिस्तान प्रदर्शन देने में नाकाम रहा.
हफ़ीज़ कहते हैं, "मैच जीतने के लिए पूरी टीम का खेलना अहम होता है. इसके बिना व्यक्तिगत प्रतिभा भी कई बार काम नहीं आती है. इन दिनों आपको मैच जीतना है तो टीम का प्रदर्शन काफ़ी मायने रखता है."
38 साल के मोहम्मद हफ़ीज़ ने पिछले हफ़्ते रविवार को भारत से हार के बाद मीडिया में हो रही तीखी आलोचना पर कहा, "हम किसी एक व्यक्ति पर दोष नहीं मढ़ सकते हैं. हार की ज़िम्मेदारी सब पर जाती है. मीडिया में नकारात्मक अभियान से हम भी दुखी हैं."
"यहां तक कि खिलाड़ियों के परिवार वालों को निशाना बनाया जा रहा है. जब हम जीत हासिल करते हैं तब अच्छी चीज़ों पर क्यों बात नहीं होती है? मुझे पता है कि पाकिस्तान के लिए मुश्किल स्थिति है लेकिन ऐसा नहीं है कि कोई उम्मीद ही नहीं बची है."
हफ़ीज़ कहते हैं, ''सब कुछ ख़त्म नहीं हो गया है. हम अगले मैच की तैयारी कर रहे हैं. हम अगला मैच जीतने के लिए बेताब हैं. भारत से मैच के बाद हमें पर्याप्त वक़्त मिला है और हम फिर से नई शुरुआत करने जा रहे हैं."
हफ़ीज़ ने भारत के ख़िलाफ़ टॉस जीतने पर पहले गेंदबाज़ी करने के फ़ैसले का भी बचाव किया. हालांकि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पहले बल्लेबाज़ी की सलाह दी थी. 1992 के क्रिकेट विश्व कप में जब पाकिस्तान विजेता बना था तब इमरान ख़ान ही पाकिस्तानी टीम के कप्तान थे.
हफ़ीज़ कहते हैं, "यह एक टीम का फ़ैसला था और यह फ़ैसला किसी के ट्वीट के आधार पर नहीं लिया जा सकता. हमने अच्छी गेंदबाज़ी नहीं की इसलिए हार का सामना करना पड़ा."
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज अक़ीब जावेद का मानना है कि सरफ़राज़ अहमद ग़लती से पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बन गए हैं और वो इसके क़ाबिल नहीं थे.
पाकिस्तान ने 1992 में जब क्रिकेट विश्व कप जीता था, अक़ीब उस टीम में शामिल थे. उनकी राय है कि सरफ़राज़ के पास एक अच्छा लीडर बनने के गुण नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "2015 से सरफ़राज़ टीम में अपनी जगह के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वो ग़लती से कप्तान बन गए क्योंकि बोर्ड हर विश्व कप के बाद बदलाव करता है."
जावेद ने एक विशेष साक्षात्कार में मुंबई मिरर से कहा, "2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के बाद से पाकिस्तान ने कुछ भी नहीं किया. यूएई में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भी हार गया. मुख्य चयनकर्ता इंज़माम-उल-हक़ और कोच मिकी अर्थर के सामने उनका कुछ नहीं चलता है."
अक़ीब जावेद ने टीम के गेंदबाज़ों पर भी तीखी टिप्पणी की है.
उन्होंने कहा, "ऐसे खिलाड़ियों को चुना है जो नई गेंद को ठीक से संभाल भी नहीं सकते हैं. मोहम्मद आमिर स्ट्राइक बोलर हैं, लेकिन वो पहले 25 ओवर में विकेट नहीं ले सकते. जब बल्लेबाज़ रन के लिए दौड़ते हैं तो वो विकेट लेते हैं."
जावेद आगे कहते हैं कि हसन अली एक नई गेंद से बोलिंग के लिए एक बुरा विकल्प हैं. वहाब रियाज़ नई गेंद से गेंदबाज़ी नहीं कर सकते हैं. उन्हें पुरानी गेंद की ज़रूरत होती है."
दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज रहे अक़ीब जावेद को यह उम्मीद नहीं है कि पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में जगह बना पाएगी.