जानिए क्या है कोविड केस के लिए ओलंपिक के नियम-
ऐसे में कोरोना केस को मैनेज करना सबसे बड़ी प्राथमिकता रहेगी। ऐसे में टोक्यो गेम्स के आयोजकों ने कोविड-19 के बेस्ट पॉसिबल मैनेजमेंट के लिए कुछ जरूरी गाइडलाइन और प्रक्रियाओं के बारे में बात की है। अब देखते हैं अगर ओलंपिक खेलों के दौरान कोई एथलीट कोविड-19 पॉजिटिव निकलता है तो क्या होगा?
सबसे पहले तो ऐसे एथलीट को उसके मैच में भाग लेने से रोक दिया जाएगा। खिलाड़ी को ओलंपिक खेलों से डिसक्वालीफाई नहीं किया जाएगा बल्कि यह बताया जाएगा कि उसने शुरुआत ही नहीं कि जिसको अंग्रेजी में 'डिड नॉट स्टार्ट' (DNS) कहेंगे। कोरोना होने की स्थिति में किसी एथलीट या टीम को जब उस गेम से हटाया जाएगा तो उसकी जगह पर किसी ऐसी टीम/एथलीट को रखा जाएगा जो उसके बाद सबसे ज्यादा योग्य हो।
Tokyo Olympics 2020: मैक्सिको के 2 बेसबॉल खिलाड़ियों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव
विशेष खेलों में विशेष नियम-
सामान्य प्रक्रियाओं के अलावा कुछ खेल से जुड़ी हुई विशेष प्रक्रियाएं हैं जिनको फॉलो करना है।
एथलेटिक्स में कोई एथलीट वायरस से पॉजिटिव पाया जाता है तो उसकी जगह पर अगले राउंड में दूसरे बेस्ट प्लेस एथलीट को मौका मिलेगा।
बैडमिंटन में अगर कोविड की वजह से शटलर भाग नहीं ले पाता है तो विपक्षी खिलाड़ी को अगले राउंड में बाई मिल जाएगा।
रेसलिंग में भी बैडमिंटन की तरह किया जाएगा। फाइनल के मामले में, अन्य सेमीफाइनलिस्ट जो अंतिम दौर में बाहर हो गए थे, फाइनल में जगह लेंगे।
टेनिस और बॉक्सिंग में भी ऐसे ही बाई मिलेगी, यहां तक की फाइनल में बिना किसी रिप्लेसमेंट के बाई होगी। ऐसे में कोविड-19 पॉजिटिव खिलाड़ी को फाइनल में प्रतिस्पर्धा किए बिना सिल्वर मेडल मिलेगा।
टीम प्रतियोगिताओं के लिए ये नियम होंगे-
रग्बी, हॉकी या फुटबॉल जैसी टीम प्रतियोगिताओं में कोविड का साया पड़ने पर नॉकआउट स्टेज में एलिमिनेट होने वाली टीम का प्रदर्शन मायने रखेगा। अगर वह टॉप पर पहुंच चुकी कोविड प्रभावित टीम से हारकर बाहर हुई है तो उसको मौका मिल जाएगा।
नियम कहते हैं, "यदि कोई टीम फाइनल में भाग लेने में असमर्थ है, तो जिस टीम को COVID-19 से प्रभावित टीम ने बाहर कर दिया गया था, उसे खेल के मैदान पर पदक के लिए कंपीट करने के लिए फाइनल में लाया जाएगा। सेमीफाइनल में हारने वाले अन्य को कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा।"
पॉजिटिव टेस्ट करने वालों के करीबी टच में आने वाले लोगों के लिए, 14-दिवसीय पृथकवास दिया जाएगा, हालांकि प्रशिक्षण का प्रावधान बरकरार रहेगा।