मोस्ट एलिजिबल बैचलर बने नीरज चोपड़ा-
23 साल के नीरज को इस वक्त मोस्ट एलिजिबल बैचलर बताया जा रहा है। यहां तक कि गूगल पर भी लोग उनकी गर्लफ्रेंड के बारे में जानना चाह रहे हैं। जब कोई एथलीट शानदार प्रदर्शन करता है या किसी खिलाड़ी का नाम उभरकर आता है तो अक्सर उसके व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुकता बढ़ जाती हैं और इस समय यही नीरज चोपड़ा के साथ हो रहा है।
नीरज चोपड़ा काफी हैंडसम हैं, नौजवान हैं, और एक बेहद सफल खिलाड़ी हैं। उनको शोहरत दौलत की भी कोई कमी नहीं है। ऐसे में लोगों को यह जानने में दिलचस्पी है आखिर वह कौन खुशनसीब लड़की है जिसको नीरज अपनी जीवनसाथी के रूप में देखते हैं।
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कौन है गोल्डन ब्वॉय की गर्लफ्रेंड-
नीरज से जब इस बारे में एक इंटरव्यू में पूछा गया तो उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ पर कुछ रोशनी डाली। नीरज से इंटरव्यू में शादी को लेकर सवाल पूछा गया था और उन्होंने बताया था कि उनका फोकस फिलहाल अपने खेल की तरफ है। वे अपने करियर पर ही ध्यान दे रहे हैं।
नीरज को लगता है कि उनकी उम्र अभी इतनी ज्यादा नहीं है कि वह इन सब चीजों के बारे में सोचें और खेल में उनका स्वर्णिम करियर अभी आगे और भी लंबा है। जब उनसे पूछा गया कि आप पर शादी को लेकर दबाव है तो नीरज ने कहा कि उनका फोकस तो पूरी तरह पूरी तरह खेल की तरफ है, शादी वगैरह जैसी चीजें चलती रहेंगी। लेकिन फिलहाल खेल प्राथमिकता पर है।
ना लव मैरिज से परहेज है, ना अरेंज मैरिज से-
अब बात आती है गर्लफ्रेंड की, तो इस सवाल पर नीरज का कहना है कि अगर कोई लड़की उनको पसंद आती है तो भी अपने घर वालों से बात कर कर उससे शादी कर लेंगे। नीरज बताते हैं कि उनके घर में इस तरह का माहौल नहीं है कि उनको अरेंज मैरिज ही करनी है। नीरज यह भी कहते हैं कि अगर घरवाले चाहे तो वह अपनी मर्जी की लड़की से भी उनकी शादी करा सकते हैं, यहां पर भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
नीरज ने अपने खेल पर ही ध्यान लगाने की बात कही है। लड़की, गर्लफ्रेंड या अफेयर के मामले फिलहाल साइड में छोड़ चुके हैं। उनको ना तो लव मैरिज से परहेज है ना ही अरेंज मैरिज से, पर असली सच यह है कि नीरज अपने व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी इन बातों के बारे में फिलहाल सोचना भी नहीं चाहते हैं।
मेहनत से मुकाम को और आगे बढ़ाना चाहते हैं-
दरअसल नीरज ने जो हासिल किया है उसके पीछे कड़ी तपस्या और एक बड़ी शानदार कहानी है। उनका बचपन में इतना ज्यादा वजन था कि एथलेटिक्स तो क्या, वे सामान्य जीवन जीने के लिए भी बहुत ज्यादा मोटे थे। उनके परिवार ने उनके मोटापे से तंग आकर उनको एथलेटिक्स की ट्रेनिंग लेने के लिए भेज दिया था। इस ट्रेनिंग में नीरज का ना केवल वजन कम हुआ बल्कि वह सफर भी शुरू हो गया जो उनके परिवार ने खुद भी नहीं सोचा था। धीरे-धीरे नीरज का रुझान अपनी फिटनेस की ओर बढ़ता चला गया वह भाला फेंक को पसंद करने लगे और उसके बाद जो हुआ है इतिहास बन चुका है।
किसी ने नहीं सोचा था कि मोटापे की शर्मिंदगी की वजह से जिम गया वह बालक एक दिन देश का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरेगा। नीरज खुद बताते हैं कि बचपन में उनके मोटापे के चलते कई लोग उनको सरपंच कहकर पुकारते थे क्योंकि वह कुर्ता पजामा पहन कर जब निकलते थे तो अजीब लगते थे। यहां तक कि साथी बालक भी उनका मजाक उड़ाते थे।
अगला ध्यान वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है-
नीरज की यह उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है क्योंकि उनके परिवार या गांव में इस खेल से कोई भी जुड़ा हुआ नहीं था। हालांकि उनको सपोर्ट बहुत ज्यादा मिला लेकिन यह एक नया खेल था और इसके लिए उन्होंने जहां से भी मार्गदर्शन हासिल किया उस पर पूरी तरह अमल किया और आगे बढ़ते चले गए। दरअसल यह नीरज के चाचा जी थे जो उनको वेट कम करने के लिए स्टेडियम लेकर गए थे। लेकिन चाचा जी सुरेंद्र कुमार को भी नहीं पता था कि भतीजे का ध्यान जैवलिन थ्रो की तरफ इतना बढ़ जाएगा।
दूसरी ओर नीरज का ध्यान इस खेल में बढ़ता गया और उन्होंने यहां पर अपने हाथ आजमाने शुरू कर दिए। नीरज ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में दूसरे ही थ्रो में 87.57 मीटर दूरी तक भाला फेंककर गोल्ड मेडल देश के नाम कर दिया है। इससे पहले भी नीरज कॉमनवेल्थ गेम्स और अन्य कई बड़ी एशियन प्रतियोगिताएं जीत चुके हैं। अब उनका अगला ध्यान वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है।