उनका कहना था, "न्यायिक व्यवस्था को अब ये समझना होगा कि इस केस को एक मिसाल बनाया जाए. अगर वो चाहते हैं कि उनकी बहू बेटियाँ इस देश में सुरक्षित रहें तो उन्हें समझना पड़ेगा कि क़ानून में बदलाव की ज़रूरत है. अगर कोई लड़की इस देश में ख़ुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती तो ये देश रहने के लायक नहीं है."
अराधना शर्मा की हिम्मत बढ़ाने नीलम कटारा भी पहुँची. नीलम कटारा नीतिश कटारा की माँ हैं जिन्होंने एक लंबी लड़ाई के बाद अपने बेटे के हत्यारों को सज़ा दिलाई है. उन्होंने कहा, 19 सालों के बाद जो मिलता है वो इंसाफ़ नहीं होता. हम तो सिर्फ़ कोशिश कर सकते हैं कि गुनाहगारों को सज़ा मिले और हमारी दूसरी बच्चियों के साथ ऐसा न हो.
जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता स्वाम अग्निवेश भी इस मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि पूरे देश को 19 साल बाद ये सुनने को मिल रहा है कि डीजीपी राठौर को केवल छह महीने की सज़ा हुई और उसके तुरंत बाद ज़मानत मिल जाती है और वो मुस्कुराता हुआ अदालत से निकल रहा है जैसे क़ानून को धता बता दिया हो.
उन्होंने कहा, ये मजबूरी और लाचारी जो पूरे देश में दिखाई पड़ रही है इसके तोड़ने के लिए हम आए हैं. हम ये कहने आए हैं कि हमे इतने लाचार और बेबस नहीं हैं. हम लाखों लोगों की तरफ़ से आवाज़ उठा रहे हैं कि न्यायिक प्रक्रिया शुरु होनी चाहिए. अराधना शर्मा ने कहा कि जब तक रुचिका को पूरा इंसाफ़ नहीं मिल जाता उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
अगस्त 1990 में 14 वर्षीय रुचिका गिरहोत्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आया था. उस समय एसपीएस राठौर हरियाणा पुलिस में महानिरीक्षक थे और साथ ही पंचकुला में हरियाणा लॉन टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे.