भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने अंतरराष्ट्रीय करियर से लिया संन्यास
नई दिल्ली। बुधवार को हॉकी के स्टार खिलाड़ी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने इसकी घोषणा के साथ ही कहा कि वो पिछले 12 सालों में पर्याप्त हॉकी खेल चुके हैं और अब युवाओं के लिए जिम्मेदारी लेने का समय आ गया है। सरदार ने कहा कि उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला एशियन गेम्स में मिली नाकामी के बाद लिया है। गौरतलब हो कि इंडोनेशिया में हुए 18वें एशियाई खेलों में भारत को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था। वहीं बढ़ती उम्र के कारण सरदार की काफी आलोचना भी हो रही थी।
8 साल तक रहे भारत के कप्तानः उऩ्होंने कहा कि मैंने ये फैसला चंडीगढ़ में अपने परिवार, हॉकी इंडिया और अपने दोस्तों से सलाह के बाद किया है, उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यही सही वो समय है जब हॉकी के बाद जिंदगी के बारे में विचार किया जाए। बता दें कि 32 वर्षीय सरदार सिंह ने 350 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत की नुमाइंदगी की है। वह 2008 से 2016 तक भारतीय टीम के कप्तान भी रहे।
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संन्यास का ये भी हो सकता है कारणः बता दें कि जब एशियन गेम्स के लिए टीम की घोषणा हुई थी तो सरदार ने खुद कहा था कि वो तोक्यो ओलंपिक के बाद ही संन्यास लेंगे लेकिन हॉकी इंडिया ने बुधवार को राष्ट्रीय शिविर के लिए 25 सदस्यीय कोर ग्रुप की घोषणा की जिसमें उनका नाम शामिल नहीं था जिससे अटकलें लगायी जा रही हैं कि उन्हें संन्यास लेने के लिए बाध्य किया गया था, लेकिन इस दौरान ही उन्होंने यह फैसला किया। हालांकि इस सवाल पर सरदार ने कहा कि शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपने संन्यास की आधिकारिक घोषणा करेंगे।
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भारत के शानदार खिलाड़ी रहे हैं सरदारः बता दें कि सरदार ने अपने करियर का आगाज पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में किया था, और मिडफील्ड के वो शानदार खिलाड़ी थे। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें उन्हें 2012 में अर्जुन पुरस्कार और 2015 में पद्म श्री से नवाजा गया। ऐसे में उनके संन्यास की ये घोषणा वास्तव में हॉकी जगत और भारतीय प्रशंसकों के लिए एक धक्का है।