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5 बडे़ क्रिकेटर जिनके दिमाग में आया सुसाइड करने का ख्याल, 3 भारतीय शामिल

नई दिल्ली: यह आम कहावत है कि खेल की जीवटता खिलाड़ी को असल जिंदगी में भी मजबूत बनाती है। भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली से हाल में जब यह पूछा गया कि आप कोरोनावायरस महामारी के फैलाव के बीच चारो तरफ मौजूद लॉकडाउन के माहौल में खुद को कैसे सकारात्मक रखते है तो पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मैंने वास्तविक जीवन, उच्च दबाव वाली स्थितियों का सामना किया। इस तरह की परिस्थितियां आपको वास्तविक जीवन स्थितियों के बारे में सतर्क और जागरूक बनाती हैं।

5 क्रिकेटर जो आत्महत्या करने की हालत में पहुंच गए-

5 क्रिकेटर जो आत्महत्या करने की हालत में पहुंच गए-

गांगुली का यह कथन बताता है कि एक खिलाड़ी वास्तव में मजबूत होना सीखता है। हालांकि आधुनिक जीवन में जो तनावपूर्ण परिस्थितियों में इजाफा हुआ है, उससे कई आला क्रिकेटर भी अछूते नहीं रहे हैं। हम आपके सामने ऐसे ही पांच क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके खेल के शिखर पर अपनी भूमिका निभाई लेकिन कई बार इतने टूट गए कि अपना जीवन ही समाप्त करने की ठान ली थी लेकिन अंत में जीत एक खिलाड़ी की हुई और वे अपनी परिस्थितियों से उभरने में कामयाब रहे। खास बात यह है कि ये सभी घटनाक्रम हाल के सालों के हैं-

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आइए देखतें है पांच ऐसे ही धुरंधरों क्रिकेटरों के केस जब वे आत्महत्या करने की ठान चुके थे-

1. मोहम्मद शमी

1. मोहम्मद शमी

भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने शनिवार (2 मई) को खुलासा किया था कि उन्होंने कम से कम तीन बार आत्महत्या करने पर विचार किया, जब वह 2018 में अपने जीवन के मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। शमी पर घरेलू हिंसा के आरोप लगे और उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

"उस अवधि में मेरे जीवन में व्यक्तिगत संकट भी था। आप विश्वास नहीं करेंगे लेकिन मैंने उस अवधि के दौरान तीन बार आत्महत्या करने पर विचार किया," शमी ने एक इंस्टाग्राम लाइव सत्र के दौरान अपने टीम इंडिया के साथी रोहित शर्मा को बताया। शमी ने यह भी बताया कि उनके परिवार को लगने लगा था कि वे कभी भी बिल्डिंग से नीचे कूदकर अपनी जान दे सकते हैं।

शमी ने कहा कि उनका परिवार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा था और उस समर्थन से उन्हें अपने पैरों पर वापस आने में मदद मिली। "तब मेरे परिवार ने समझाया कि हर समस्या का एक हल होता है चाहे वह कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न हो। मेरे भाई ने मेरा बहुत समर्थन किया। मेरे 2-3 दोस्त 24 घंटे मेरे साथ रहते थे।" मेरे माता-पिता ने मुझे ठीक होने के लिए क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए कहा। उस चरण से और किसी और चीज के बारे में नहीं सोचना चाहिए। मैंने तब प्रशिक्षण शुरू किया और देहरादून में एक अकादमी में खूब पसीना बहाया, "शमी ने कहा।

इस तरह से शमी उस अंधेरे से बाहर आ गए और आज वे भारत के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज के तौर पर टीम में शामिल हैं।

2. कुलदीप यादव

2. कुलदीप यादव

कुलदीप यादव आज देश के सबसे बेहतरीन चाइनामैन गेंदबाज हैं और कलाई के स्पिनर के तौर पर चहल के साथ उनकी जोड़ी विख्यात है। लेकिन कुलदीप भी एक बुरे दौर से गुजर चुके हैं। कुलदीप यादव ने उस वक्त के बारे में इसी लॉकडाउन के समय बताया कि एक समय वह सुसाइड करने के बारे में सोच रहे थे लेकिन उनके पिता ने मदद की और वह इस मुश्किल समय से बाहर आ सके। उन्होंने बताया कि कैसे महज 15 साल की उम्र में वह सुसाइड करना चाहते थे।

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उन्होंने कहा,' जब अंडर-15 की टीम के सेलेक्शन हो रहे थे तो उस वक्त मैं चाइनामैन गेंद नहीं डाल सके, जिसके चलते मुझे नहीं चुना गया। इस खबर को सुनने के बाद मैं डिप्रेशन में चला गया था और इतना दुखी हो गया था कि आत्महत्या करने के बारे में सोच रहा था। मैंने मन बना लिया था कि अब क्रिकेट खेलना छोड़ दूंगा लेकिन पिता जी ने मेरा मनोबल बढ़ाया और उसी की वजह से आज तक पहुंचे हैं।'

3. प्रवीण कुमार

3. प्रवीण कुमार

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने इस साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि एक बिंदु पर उन्होंने खुद का जीवन खत्म करने का फैसला किया था। भारत के लिए 68 एकदिवसीय मैच, 6 टेस्ट, 10 टी 20 आई खेल चुके कुमार ने साक्षात्कार में कहा कि वह अपने रिवाल्वर के जरिए हरिद्वार के एक राजमार्ग में आत्महत्या करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने कार के अंदर अपने बच्चों की एक तस्वीर देखकर ऐसा नहीं करने का फैसला लिया।

"मैंने खुद से कहा,‘ क्या है ये सब? बस खत्म करते हैं। " कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया। "मैंने महसूस किया कि मैं अपने फूल जैसे मासूम बच्चों के साथ ऐसा नहीं कर सकता, उन्हें इस नर्क में नहीं डाल सकता। मैं पीछे मुड़ गया," प्रवीण कुमार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कई फ्रेंचाइजी के लिए खेले हैं, लेकिन उनको बाद में डिप्रेशन ने घेर लिया।

प्रवीण टीम से बाहर हो गए थे और उनको वापसी का रास्ता समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने खुद बताया कैसे वो उस समय से उभरे- "मैं कुछ महीने पहले खुद से डरता था। बुरा समय ऐसा ही करता है। अगर कोई मेरे कॉल का जवाब नहीं देता, तो मैं भयानक तौर पर उपेक्षित महसूस करता। इसने मुझे अंदर ही मार दिया। शुक्र है कि वह काला दौर पीछे छूट गया है। कोई नहीं, पीके फिर वापिस आएगा, "कुमार ने कहा।

4. मोजेज हेनरिक्स

4. मोजेज हेनरिक्स

मोजेज हेनरिक्स का केस भी प्रवीण कुमार जैसा है और वे लगातार डिप्रेशन में चले गए थे। इसी लॉकडाउन के दौरान हेनरिक्स ने खुलासा किया कि उन्होंने कैसे आत्महत्या की कोशिश की थी और उस कारण का भी खुलासा किया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

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हेनरिक्स ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि कैसे साल 2017 में वो क्लीनिकल डिप्रैशन का शिकार हुए थे, जिसके बाद उन्हें टीम से अपनी जगह को खोनी पड़ी थी। हेनरिक्स ने इस दौरान यह भी बताया कि डिप्रेशन के चलते उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि महज 4 हफ्तों में उनका लगभग 10 किलो वजन कम हो गया था, वह 4 हफ्ते में 98 किलो से 88 किलो तक पहुंच गये थे। हेनरिक्स ने कहा कि उस दौरान मैं ऐसी स्थिति में था जिसके बारे में आप दुश्मन के लिये भी नहीं सोच सकते।

इस दौरान मोजेज हेनरिक्स ने बताया कि कैसे 2017 में उन्हें आत्म हत्या का विचार आया था। उन्होंने बताया,'मुझे याद है कि मैं घर वापस जा रहा था, 110 किमी की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था, और मुझे कार में खुद को याद करते हुए याद आया। मैं सोच रहा था कि अगर मैं बस सीधे इस खंभे में गाड़ी चला दूं, तो क्या होगा? क्या होगा इसका परिणाम? मैं ऐसा नहीं कर सकता यह मेरे भाइयों पर उचित नहीं है, यह साथी खिलाड़ियों के लिए उचित नहीं है, और यह उन सभी लोगों के लिए सही नहीं होगा जो मुझे सपोर्ट करते हैं। मैं अगले दो दिनों के लिए दस लोगों के साथ अपनी टीम नहीं छोड़ सकता।'

5. मिकी आर्थर

5. मिकी आर्थर

मिकी आर्थर दक्षिण अफ्रीका के ऐसे बल्लेबाज रहे हैं जो इंटरनेशनल क्रिकेट कभी नहीं खेल पाए। उन्होंने 100 से ज्यादा फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए करियर मैच खेले। उन्होंने एक बल्लेबाज से ज्यादा नाम कोचिंग में कमाया। लेकिन इसी क्रिकेटर को कोचिंग करियर में पिछले साल 50 ओवरों के वर्ल्ड कप में तनाव ने इतना घेर लिया था कि वे आत्महत्या करने की सोचने लगे थे।

दरअसल आर्थर तब पाकिस्तान टीम के हेड कोच थे और पाक टीम विश्व कप के लीग मैच में कट्टर प्रतिद्वंदी भारत से हार गई थी। भारत ने इस मुकाबले में डकवर्थ लुईस नियम के तहत पाकिस्तान को 89 रनों से हरा दिया था। जाहिर है इस हार के बाद पाकिस्तान में आर्थर और उनकी कोचिंग के तौर-तरीकों को लेकर दो फाड़ हो गई थी।

ऐसे में आर्थर के ऊपर भी एक ऐसा दबाव आ गया था जो उन्होंने पहले शायद ही कभी महसूस किया हो। उन्होंने भारत के खिलाफ मिली हार के भयानक दबाव को साझा करते हुए विश्व कप के दौरान ही कहा था, 'पिछले रविवार को मैं आत्महत्या करना चाहता था।

आर्थर ने यह बात तब कही जब पाकिस्तान ने धीरे धीरे लीग चरण की अंतिम स्टेज में शानदार खेल दिखाना शुरू कर दिया था। तब उन्होंने खुद को हल्का महसूस किया और टीम के साथ आगे बढ़ गए। हालांकि पाकिस्तान सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका जिसकी ठीकरा अततः सरफराज नवाज और मिकी आर्थर के सिर पर ही फोड़ा गया। आर्थर कोच बने रहना चाहते थे लेकिन उनको बर्खास्त कर दिया गया।

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Story first published: Thursday, May 7, 2020, 7:49 [IST]
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