यहां मुकाबला 'या तो तू या फिर मैं' का था- धोनी
महेंद्र सिंह धोनी भी इस बात से सहमत हैं कि आप चाहे कितना भी बड़ा स्कोर बना ले लेकिन यह क्रिकेट है जहां आपको विनम्र रहने की जरूरत है और वे अपने खिलाड़ियों को भी यही सलाह देते हैं। धोनी इस मुकाबले में खुद नंबर चार पर बैटिंग करने के लिए आए थे और उन्होंने भी लंबे समय बाद छोटी लेकिन तेज पारी खेली जिसमें 8 गेंदों पर 17 रन बनाए गए। महेंद्र सिंह धोनी का कहना है, "इस तरह के गेम असल में मुश्किल नहीं बल्कि आसान होते हैं क्योंकि 16 ओवर के बाद से मुकाबला केवल और केवल तेज गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच रह गया था। आप यहां ज्यादा कुछ कर ही नहीं सकते थे। ना ही किसी तरह से फील्डिंग को और अलग लगा सकते थे। यह 'तू बनाम मैं' मुकाबला हो गया था जहां पर जो जीतेगा वही बाजी मार ले जाएगा। ऐसे में जो टीम जीती है वह थोड़ा सा बेहतर खेली होती है। लेकिन अगर केकेआर के बल्लेबाजों के पास विकेट बच्चे होते परिणाम अलग भी हो सकता था।"
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हम रन बना सकते हैं तो विपक्षी भी बना सकते हैं- धोनी
महेंद्र सिंह धोनी को हमेशा से बहुत विनम्र कप्तान माना जाता है और वे एक इंसान के तौर पर भी काफी विनम्र रहे हैं। इसी फिलॉसफी के साथ ही जीत के बाद बात करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी कारण नहीं है जब आप रन बनाते हैं तो विपक्षी बल्लेबाज नहीं बना सकते। मेरी खिलाड़ियों को यही सलाह रहती है कि आपने स्कोरबोर्ड पर अच्छे रन बना लिए हैं लेकिन विनम्र बने रहें और जमीन से टिके रहें।"
धोनी ने कहा कि आप हमेशा शुरुआत में बहुत ज्यादा विकेट नहीं लेना चाहते हों क्योंकि फिर 200 रनों का पीछा करते हुए बड़े हिटर बैटिंग करने के लिए आते हैं और वह उसी तरीके से खेलेंगे जैसा खेलते हैं आप इसमें क्या कर सकते हैं? हालांकि धोनी का कहना यह है एकमात्र विकल्प जडेजा थे क्योंकि पिच घूम रही थी और थोड़ी सुखी भी थी लेकिन बैटिंग फिर भी बहुत बढ़िया थी। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अच्छी बात रही है कि ऋतुराज गायकवाड ने फॉर्म में वापसी कर ली है जिन्होंने 42 गेंदों पर 64 रन की पारी खेली और फाफ डू प्लेसिस का अच्छा साथ निभाते हुए पहले विकेट के लिए 115 रन जोड़े। मुकाबले के हीरो साबित हुए फाफ डु प्लेसिस ने 60 गेंदों पर 95 रनों की पारी खेली।
'मनोवैज्ञानिक पहलुओं को अच्छे तरीकों में इस्तेमाल करता हूं'
महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, "ऋतुराज गायकवाड ने पिछले सीजन में भी अपनी क्लास दिखाई थी और आपको लगातार मानसिक तौर पर खिलाड़ियों से प्रश्न करना पड़ता है कि वह आज कैसा महसूस कर रहे हैं। मैं भी कई बार उनसे पूछता हूं कि वह आज कैसा महसूस कर रहे हैं क्योंकि तब आपको उनके रिएक्शन की उम्मीद होती है और यहां से आप देख सकते हैं कि वह क्या सोच रहे हैं उनकी आंखें क्या कहती हैं। जब भी मैं ऋतुराज गायकवाड से बात करता हूं तो उनके हाव-भाव ऐसे ही होते हैं कि वे अभी टूटे हुए खिलाड़ी नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से तैयार हैं।" धोनी ने कहा कि वह अपने जीवन में ऐसे मनोवैज्ञानिक पहलुओं को अच्छे अर्थों में इस्तेमाल करते रहे हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम सीजन का पहला मुकाबला हारने के बाद लगातार तीन मैच लाइन से जीतकर पहले स्थान पर आ चुकी है।