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Democracy XI: धोनी का खुलासा, 2011 विश्व कप के बाद मैं भी रोया था लेकिन कैमरा इसे पकड़ नहीं पाया

नई दिल्ली। राजकोट में न्यूजीलैंड और भारत के बीच खेले गए दूसरे टी20 में मोहम्मद सिराज ने डेब्यू किया। इस मैच में भारत की 40 रनों से हार के अलावा सिराज की भी चर्चा हो रही है। दरअसल सिराज की चर्चा उनके प्रदर्शन की वजह से नहीं बल्कि मैच शुरू होने से पहले उनके भावुक होने की वजह से हो रही है। ऑटो-रिक्शा ड्राइवर का बेटा मोहम्मद सिराज सारे संघर्षों से पार पाकर और अपनी मेहनत के बल पर टीम इंडिया के लिए खेल रहा था। अब ऐसे में नीली जर्सी पहनते ही आंखें खुद व खुद नम हो जाएं ये तो लाजमी है। सिराज का फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दरअसल इसका एक कारण ये भी है कि कैमरा का फोकस उन पर पड़ गया। लेकिन क्या आपको पता है कि पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी भी रोए थे लेकिन कैमरे ने उन्हें कैद नहीं कर पाया था। जी हां, दरअसल ये घटना 2011 वर्ल्ड कप की है जब धोनी ने भारत को दूसरी बार वर्ल्डकप जिताया था।

इसे भी पढ़ेंः- न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से पहले जब राष्ट्रगान की धुन सुनकर रोने लगे मोहम्मद सिराज

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Democracy XI: MS DHONI COULDN'T CONTROL HIS TEARS AFTER INDIA’S WORLD CUP 2011 win
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एक समय 'मेन इन ब्लू' 114 पर 3 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी

एक समय 'मेन इन ब्लू' 114 पर 3 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी

2011 वर्ल्डकप हर क्रिकेट प्रशंसक के जहन में हमेशा रहेगा। आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2011 भारत की जीत, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की यादगार सलामी जोड़ी से लेकर युवराज सिंह के आलराउंड प्रदर्शन और गेंद के साथ जहीर खान के शानदार प्रदर्शनों के कारण भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की यादों में हमेशा रहेगा। इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी का वो विशाल छक्का जिसने ऐतिहासिक जीत पर हस्ताक्षर किए, हमेशा याद रहेगा। फाइनल की रात धोनी भारत की जीत के नायक साबित हुए। धोनी ने श्रीलंका को फाइनल में 79 गेंदों में नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी। एक समय 'मेन इन ब्लू' 114 पर 3 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी। तब धोनी ने नइया पार लगाई थी। सबसे पहले माही ने चौथे विकेट के लिए गौतम गंभीर के साथ 109 रन की सूझबूझ भरी साझेदारी की और फिर युवराज सिंह के साथ नाबाद 54 रनों की साझेदारी की। भारत ने ये मैच 10 गेंदें शेष रहते जीत लिया था। धोनी ही नहीं हर भारतीय प्रशंसक के लिए ये पल खुशी के आंसुओं से आंखे नम कर देने वाला था।

भज्जी को देखकर धोनी भी रोने लगे थे

भज्जी को देखकर धोनी भी रोने लगे थे

दिग्गज पत्रकार राजदीप सरदेसाई की नई किताब 'डेमोक्रेसी इलेवन' में धोनी को लेकर बड़ी ही भावुक बात कही गई है। किताब के अनुसार 2 अप्रैल 2011 को भारत के ऐतिहासिक विश्व कप जीतने के बाद धोनी के रहस्यमयी भावनात्मक रूप का सार्वजनिक तौर पर खुलासा हुआ है। धोनी सच में उस महत्वपूर्ण रात में रोए थे। इस बात का खुलासा खुद धोनी ने किया। किताब में बताया गया है कि धोनी तब रो रहे थे जब उनके विजयी छक्का लगाने के बाद साथी खिलाड़ी उनकी तरफ भाग रहे थे। उस समय कप्तान अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सके जब ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने उन्हें खुशी के आँसू के साथ गले लगाया।

"हां, मैं रोया था, लेकिन कैमरा इसे पकड़ नहीं पाया"

धोनी के हवाले से राजदीप सरदेसाई ने अपनी किताब में लिखा- "हां, मैं रोया था, लेकिन कैमरा इसे पकड़ नहीं पाया। मैं स्वाभाविक रूप से उत्साहित था लेकिन जब हरभजन ने मुझे रोते हुए गले लगाया तब मैं अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाया। तब मेरी आंखें नम थीं, लेकिन मैंने सिर नीचे झुका रखा था जिससे कोई मुझे रोते हुए नहीं देख पाया।"

सचिन धोनी के खेल और नेचर से काफी प्रभावित हैं

सचिन धोनी के खेल और नेचर से काफी प्रभावित हैं

बता दें कि धोनी इस मैच में मैन ऑफ द मैच रहे थे। किताब में सचिन और धोनी को लेकर भी बहुत कुछ लिखा गया है। किताब ने लिखा है कि सचिन भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खेल और नेचर से काफी प्रभावित हैं।

Story first published: Monday, November 13, 2017, 11:21 [IST]
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