नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआई की बागडोर संभाले करीब 10 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन पूर्व खिलाड़ियों की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। भारतीय क्रिकेटर्स संघ (आईसीए) के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने सोमवार को बीसीसीआई को लताड़ते हुए कहा कि 10 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और अब समय आ गया है कि बोर्ड को पूर्व खिलाड़ियों की मांगों पर ध्यान देना चाहिये।
उनका मानना है कि टीम के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हमेशा के लिये इंतजार नहीं कर सकते, बीसीसीआई को अब लंबे समय से की जा रही मांगों पर ध्यान देना चाहिये। आईसीए निदेशकों ने अशोक मल्होत्रा पर आरोप लगाया था कि वह उनसे सलाह मशविरा किये बिना सार्वजनिक बयान देते हैं और खिलाड़ियों से जुड़ी संस्था को लेकर बीसीसीआई से बाद करते हैं।
और पढ़ें: T20 World Cup पर ICC ने सुनाया आखिरी फैसला, IPL 2020 का रास्ता हुआ साफ
उल्लेखनीय है कि आईसीए ने बीसीसीआई के सामने जो मांगे रखी हैं उनमें 25 फर्स्ट क्लास से कम मैच खेलने वाले पूर्व खिलाड़ियों के लिये पेंशन, पूर्व क्रिकेटरों की विधवाओं के लिए पेंशन, मेडीकल बीमा की रकम को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख करना और पूर्व खिलाड़ी मनोज प्रभाकर के हितकारी निधि का पैसा सौंपना शामिल है।
गौरतलब है कि मनोज प्रभाकर को मैच फिक्सिंग के आरोप के लिये बैन लगाया गया था जिसके बाद साल 2005 में उन पर लगा बैन खत्म हो गया था। अशोक मल्होत्रा ने बीसीसीआई को अपनी मांगे याद दिलाते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि उसे अब इन पर गौर करना चाहिए।
और पढ़ें: ENG vs WI: मैनचेस्टर में क्यों पिटे कैरिबियाई गेंदबाज, कैसे इंग्लैंड ने की वापसी
उन्होंने कहा,'लगभग दस महीने (सौरव गांगुली को बीसीसीआई का पदभार संभालने के बाद) हो गए, लेकिन पूर्व खिलाड़ियों के लिए कुछ नहीं किया गया। आईसीए का गठन पूर्व क्रिकेटरों के कल्याण के लिए किया गया है और इनमें से कई 70 साल के हो गए हैं। वे हमेशा इंतजार नहीं कर सकते। मैं बीसीसीआई से फिर से मांगों पर गौर करने का अनुरोध करता हूं।'
आपको बता दें कि अशोक मल्होत्रा की ओर से से जारी किये गये नये वीडियो के बाद से विवाद पैदा हो गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें घरेलू क्रिकेट और बिहार क्रिकेट में वर्तमान की प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर चिंता नहीं है।
और पढ़ेंं: एक हफ्ते के लिये और टल सकता है IPL 2020, जानें क्या है कारण
इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने केवल इतना कहा था कि उनकी चिंता आईसीए व पूर्व क्रिकेटरों के कल्याण को लेकर है। आईसीए अध्यक्ष होने के नाते यह स्वाभाविक है।